गुलशन राय खत्री
दिल्ली नगर निगम चुनाव के जरिए दिल्ली वालों ने अपना जनादेश दे दिया है। नगर निगम की सत्ता में 15 साल से काबिज बीजेपी को हराकर आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। अगर लोकसभा चुनाव को छोड़ दें तो 2013 के बाद पहली बार ये ऐसा जनादेश आया है, जिसमें सत्तारूढ़ पार्टी को बहुमत भी दिया और उस पर नियंत्रण करने के लिए मजबूत विपक्ष भी। इस नजरिए से देखें तो ये दिल्ली का परिपक्व जनादेश है। ऐसे में अब नगर निगम पर काबिज होने के बावजूद आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी को एकसाथ कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
अपने गठन के बाद से 2013 को छोड़ दें तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी पर दिल्ली का वोट जमकर प्यार लुटाता रहा है। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने लगभग 90 फीसदी सीटें जीतीं। इसी तरह से पंजाब में भी इसी तर्ज पर ही आप ने जीत हासिल की थी। लेकिन नगर निगम में उसे बहुमत से महज 8 सीटें ही अधिक मिली हैं। इससे साफ संकेत हैं कि इस बार दिल्ली की जनता ने आप को बहुमत जरुर दिया है लेकिन विपक्षी बीजेपी के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी के बावजूद उसे इतना कमजोर नहीं किया कि सत्तारुढ़ पार्टी को निरंकुश होने का मौका मिले।
आम आदमी पार्टी के लिए यही बड़ी चुनौती होने जा रही है। अब चूंकि सत्तारूढ़ आप और मुख्य विपक्षी बीजेपी के बीच 30 सीटों का अंतर है। यही नहीं, अब उसके पास दिल्ली सरकार भी है और दिल्ली नगर निगम भी। ऐसे में आप नेताओं के पास ऐसा कोई रास्ता नहीं होगा, जिससे कि वे दिल्ली की समस्याओं के लिए किसी और को जिम्मेदार ठहराएं। वैसे भी नगर निगम का ढांचा बुरी तरह से उलझा हुआ है। दिल्ली में कूड़े के पहाड़ से लेकर सड़कों की सफाई, वित्तीय संकट जैसे ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें सुलझाना आप के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।
इस चुनाव के साथ ही आप के सामने एक राजनीतिक चुनौती भी खड़ी हुई है। इस बार के चुनाव नतीजों ने संकेत दिया है कि मुस्लिम वोटरों का एक वर्ग आप से छिटकता हुआ नजर आ रहा है। कांग्रेस ने जिन नौ वार्डों में जीत हासिल की है, उनमें अधिकतर मुस्लिम बहुल वार्ड ही हैं। मुस्लिम और अनुसूचित जाति वर्ग का वोटर ही दिल्ली में कांग्रेस का बहुत बड़ा आधार था, जो बाद में आप के पाले में चला गया। इस बार दिल्ली के तीन मुस्लिम बहुल इलाकों में से दो में कांग्रेस ने सीटें जीती हैं। ऐसे में अगले लोकसभा चुनाव से पहले अपने इस आधार को फिर से मजबूत करना भी आप के लिए बड़ी चुनौती होगी।