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*आम अवाम के लिए ऑप्सन है ‘भिक्षां देहि’ मंत्र का जाप

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 दिव्यांशी मिश्रा

    पिछले साढ़े आठ सालों में सम्राट की नीतियों तथा तमाम कार्यों से यही निष्कर्ष निकलता है कि हिंदू राष्ट्र में आम लोगों को शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार की जरूरत बिल्कुल भी नहीं होगी क्योंकि वे राम भरोसे अपना गुज़ारा कर लेंगे। ऐसी स्थिति में ‘भिक्षाटन रोजगार गारंटी योजना’ चलाई जायेगी। 

         शिक्षा, चिकित्सा, रेलवे, जहाजरानी, सड़क, हवाई अड्डे, दूरसंचार, बैंकिंग, तेल एवं गैस, खान-खदान, जंगल, पहाड़, नदियां, समुद्र यानी आकाश से पाताल लोक तक जो कुछ और जितना भी है, वह सभी दो-तीन धन्नासेठों के हवाले कर भारत को विश्व गुरु बनाया जायेगा और आम आदमी देश के विश्व गुरु बनने से ही आनंद-मगन रहेगा। 

चूंकि ऋषियों ने मानव जीवन का लक्ष्य सदैव परमानंद में लीन रहना बताया है तो भारतीय संस्कृति के वर्तमान रक्षक व पालनहारों की वर्तमान सरका+र आधुनिक भारत के ऋषि परमपूज्य गुरुजी माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर तथा महावीर विनायक दामोदर सावरकर के बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए देशवासियों को उसी परमतत्व की प्राप्ति करने में मदद कर रही है।

       चूंकि पुरातन भारतीय संस्कृति में मधुकरी योगसाधकों की चर्या का एक बड़ा हिस्सा रही है तो सम्राट का सारा जोर उसी जीवन-पद्धति को लागू करने में लगा हुआ है। इसीलिए वे चाहते हैं कि देशवासी ‘भिक्षां देहि’ मंत्र का जाप कर हिंदू राष्ट्र का लाभ उठाने की तैयारी करें।

प्राचीन भारतीय इतिहास को फिर से साकार कर अखंड हिंदू राष्ट्र बनाने को भारी परिश्रम करने वालों के देवभूमि उत्तराखंड में सत्तासीन सूबेदारों ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत 100 से ज्यादा कर्मचारियों की सेवाएं एक ही झटके में खत्म कर दी हैं।

       विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से महिला सशक्तीकरण सुरक्षा व बचाव के लिए अंब्रेला मिशन शक्ति की शुरुआत की गई है। केंद्र ने इस सम्बंध में नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जिसके अनुपालन में यह निर्णय लिया गया है।

विभागीय उप निदेशक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार की पहले से चलाई जा रही वन स्टॉप सेंटर, राष्ट्रीय महिला हैल्पलाइन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, उज्ज्वला, कामकाजी महिला छात्रावास, प्रधानमंत्री वंदना योजना सहित विभिन्न योजनाओं के लिए मानव संसाधन आउटसोर्स, संविदा एवं अन्य माध्यमों से कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं 30 नवंबर, 2022 तक ही मान्य होंगी। इस तिथि के बाद इनकी सेवाएं नहीं ली जाएंगी।

         कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के अनुसार चूंकि यह योजना केंद्र सरकार की मदद से चलती है और केंद्र अम्ब्रेला एक्ट के तहत इसे चलाने जा रही है। ऐसे में कुछ कर्मचारी हटाए गए हैं और जल्द ही अनुभवी कर्मियों को फिर मौका दिया जाएगा। 

यानी कि अच्छे दिन आने वाले हैं, क्योंकि सम्राट देशभर में अरबों-खरबों रुपए की लागत से विशालकाय मंदिरों और मूर्तियों का निर्माण करवा कर रोज़गार के पर्याप्त अवसर पैदा करने का भागीरथ प्रयत्न कर रहे हैं।

      तब तक ऐसे बेरोजगार बना दिये गये लोगों को अपने लिए किसी मठ, मंदिर के परिसर में अपने लिए एक ठीया सुनिश्चित कर लेना चाहिए जहां बैठकर वे ‘भिक्षां देहि’ मंत्र का जाप कर हिंदू राष्ट्र का लाभ उठा सकें।

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