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रघु शर्मा की सीएम अशोक गहलोत पर दबाव बनाने की रणनीति भी है

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एस पी मित्तल, अजमेर

चुनाव में बुरी हार के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रघु शर्मा ने गुजरात कांग्रेस के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया है। रघु ने नैतिकता की बात राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को लिखे पत्र में लिखी है। रघु शर्मा जैसे राजनीतिज्ञ नैतिकता की बात करते हैं तो केकड़ी से लेकर राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग में आश्चर्य व्यक्त किया जाता है। रघु की नैतिकता को टिकट वितरण के समय गुजरात के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी अच्छी तरह देखा है। 182 में से मात्र 17 सीटें हासिल कर अब रघु शर्मा नैतिकता की बात कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई तो यह है कि गुजरात के प्रभारी पद से इस्तीफा इसीलिए दिया गया है ताकि राजस्थान में फिर से मंत्री पद प्राप्त किया जा सके। रघु शर्मा राजस्थान के अजमेर जिले के केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं और गुजरात का प्रभारी बनने से पहले राजस्थान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कैबिनेट मंत्री थे। लेकिन प्रभारी बनने पर सीएम अशोक गहलोत ने मंत्री पद से इस्तीफा ले लिया था। अब रघु ने प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया है, तब मंत्री पद पर दबाव बनाने की रणनीति भी है। सवाल यह भी है कि आखिर रघु को इतनी जल्दी इस्तीफा देने की जरूरत क्या थी? पंजाब में भी कांग्रेस की बुरी हार हुई थी, लेकिन हरीश चौधरी ने अभी तक भी पंजाब प्रभारी के पद से इस्तीफा नहीं दिया है। चौधरी भी राजस्व मंत्री का पद छोड कर राजस्थान से गए थे। असल में अब रघु शर्मा मंत्री पद के बिना नहीं रहना चाहते। इसलिए परिणाम वाले दिन 8 दिसंबर को ही गुजरात के प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष खडग़े ने इस्तीफा स्वीकार करें या नहीं, लेकिन अब रघु की रुचि गुजरात में रहने की नहीं है। रघु को जब गुजरात की जिम्मेदारी दी गई थी, तब कांग्रेस के 70 विधायक थे, लेकिन अब कांग्रेस के मात्र 17 विधायक हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रघु शर्मा ने गुजरात में कांग्रेस की किनी खराब स्थिति की है। गुजरात में कांग्रेस की इतनी कम सीटें कभी भी नहीं आई हैं। सीएम गहलोत पर दबाव बनाकर रघु भले ही फिर से मंत्री पद प्राप्त कर ले, लेकिन 11 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में रघु का केकड़ी से जीतना मुश्किल है। रघु ने पुत्र मोह में केकड़ी पर जो गुस्सा दिखाया है, उससे केकड़ी के मतदाता भी चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। रघु के सामने केकड़ी में फिर से राजनीतिक जाजम बिछाना चुनौतीपूर्ण काम है। वैसे रघु शर्मा कांग्रेस नेता के तौर पर भिनाय और केकड़ी से हार का रिकॉर्ड भी बना चुके हैं। रघु इन क्षेत्रों से सर्वाधिक चुनाव हारे हैं।

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