एस पी मित्तल, अजमेर
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 18 दिसंबर तक राजस्थान में है। 12 दिसंबर को राहुल गांधी ने सवाई माधोपुर में भ्रमण किया। यात्रा के दौरान राहुल गांधी नुक्कड़ सभाओं को भी संबोधित करते हैं। 12 दिसंबर को सवाई माधोपुर में राहुल गांधी ने कहा कि राजस्थान में हमारी सरकार ने किसानों के कर्ज माफ किए हैं। लाखों किसानों का बिजली का बिल जीरो हो गया है। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में निशुल्क इलाज हो रहा है। यह सब अच्छी बात है, लेकिन आगे के लिए मैंने गहलोत जी को तीन बातें बताई हैं, जिन पर चलना है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताई तीन बातों का खुलासा हो राहुल गांधी ने नहीं किया, लेकिन राहुल के इस बयान से कांग्रेस पार्टी में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस का हर नेता यह जानना चाहता है कि आखिर राहुल ने अशोक गहलोत से क्या कहा है? माना जा रहा है कि राहुल ने जो तीन बातें कही हैं वे अशोक गहलोत और सचिन पायलट के विवाद से जुड़ी है। पूरी यात्रा में राहुल गांधी, गहलोत और पायलट को साथ लेकर चल रहे हैं। राहुल जितना महत्व गहलोत को दिया,उतना ही महत्व पायलट को भी दिया गया। ऐसा कई बार हुआ, जब राहुल गांधी ने पायलट से यात्रा वाले क्षेत्र के बारे में जानकारी मांगी। पायलट को गहलोत के बराबर मिले महत्व से भी यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद राजस्थान में बड़ा बदलाव होगा। हो सकता है कि मुख्यमंत्री के पद पर भी बदलाव हो जाए। राहुल गांधी के 12 दिसंबर के बयान से सचिन पायलट के समर्थक उत्साहित हैं। राहुल गांधी का बयान 25 सितंबर को जयपुर में हुई घटना से भी जोड़ा कर देखा जा रहा है। 25 सितंबर को जब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई थी, तब अशोक गहलोत ने इस बैठक को नहीं होने दिया। उल्टे 91 विधायकों ने मंत्री शांति धारीवाल के घर बैठक कर गहलोत के समर्थन में इस्तीफे सौंप दिए। तब यह कहा गया कि कांग्रेस कमेटी ने विधायक दल की बैठक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए बुलाई थी। इस घटना के बाद गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट को कभी भी मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता क्योंकि उन्होंने जुलाई 2020 में कांग्रेस के साथ गद्दारी की थी। गहलोत ने दिल्ली जाने वाले कांग्रेस के 19 विधायकों पर भाजपा से 10-10 करोड़ रुपए लेने का आरोप भी लगाया। जानकारों की मानें तो भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के व्यवहार से अशोक गहलोत असहज नजर आ रहे हैं, लेकिन सचिन पायलट उत्साहित हैं।