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विदेश मंत्री एस जयशंकर को रिटायर्ड ब्रिगेडियर प्रदीप यदु का खुला पत्र

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श्री जयशंकर जी ,
विदेश मंत्री
भारत सरकार

महोदय ,
जयहिंद ,

1. आपके साक्षात्कार को सुना और दुख हुआ कि आपने , मेरे विचार से पूरे देश को अपमानित किया है । आप एक डर से भरे , लाचार और बेबस विदेशमंत्री नज़र आ रहे थे । क्या आपके पास एक सैनिक के निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर हैं ? अगर हां तो उत्तर की प्रतीक्षा है  :–

  (a) अगर देश की आर्थिक शक्ति चीन से कम है , तो इसके जिम्मेदार कौन हैं ? किन कारणों से आज एक छोटी अर्थव्यवस्था की आड़ में आप कह रहे हैं कि , भारत अपने से बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश ( चीन ) पर आक्रामक नहीं हो सकता ? आप तो पढ़े लिखे नौकरशाह थे, क्या आपको नहीं पता की वियतनाम ( एक छोटा सा देश ) ने तात्कालिक सर्व शक्तिशाली देश अमेरिका को हरा कर ही दम लिया था? कारण नही जानना चाहेंगे ? इसीलिए क्योंकि वियतनाम में एक देशभक्त ( ना कि छद्म देशभक्त) तथा निडर  सरकार थी तथा सभी नागरिक एक मुठ्ठी बन अमेरिका के दांतो तले चने चबवा रहे थे, क्या आपकी सरकार आज उतनी ही सक्षम है? शायद नहीं, क्या आपकी सरकार ने अपने ही देशवासियों को जाति तथा धर्म के नाम पर तोड़ने का काम नही किया है?

   (b) आपने कहा कि आप सबसे लंबे समय तक चीन में भारत के राजदूत रहे ,पर क्या आप, अपने इस कार्यकाल में चीन की ताकत तथा कमजोरियों का आंकलन कर पाए ? अगर कर लेते तो आपकी विदेश नीति  भारत को मजबूत करने की होती और आप चीन की कमज़ोरी को भारत के पक्ष में भुनाने की कोशिश करते। आपने तो बिल्कुल इसके विपरीत काम किया और बड़े आराम से 1800 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा ज़मीन बिना लड़े चीन को सौंप दी , शायद इसीलिए आपकी सरकार ने एक के बाद एक , रक्षामंत्रियों को बदलने का काम किया और साफ तौर पर चीन को संदेश दिया कि आपकी सरकार की सूची में भारत की अंखडता बहुत मायने नहीं रखती ? 

  (c) क्या आपके ही बी. सी. खंडूरी ने “डिफेंस स्टैंडिंग कमेटी” के अध्यक्ष रहते हुए आपकी सरकार को अप्रैल 2018 में संसद में नहीं बताया था कि भारतीय सेना की 68 प्रतिशत रक्षा सामग्री “आउटडेटेड” है तथा इस कमज़ोरी को तुरंत दूर करने की सलाह दी थी , पर आपकी सरकार ने क्या किया ? बी. सी. खंडूरी को  सितंबर 2018 को उनके पद से हटा दिया  और आपकी सरकार ने भारतीय सेना को कमज़ोर कर दिया , मैं गलत तो नहीं कह रहा हूं महोदय ? विदेशमंत्री जी, चीन के खिलाफ आपकी या प्रधानमंत्री जी की आवाज़ तक नहीं निकलती , ऐसा क्यों है माननीय ? भारत की सेना को 126 राफेल विमानों की ज़रूरत थी और आपने दिए मात्र 36 ; क्या आपने चीन को ये संदेश नहीं दिया कि आपकी सरकार में देश की सुरक्षा से ज्यादा सत्ता में बने रहना ज्यादा महत्वपूर्ण है ?

   (d) क्या आपकी सरकार ने चंद अमीरों के 9 लाख करोड़ से ज्यादा के बैंकों से लिए गए लोन को माफ नहीं कर दिया गया ? अगर यही पैसा आप देश की सेना के ऊपर खर्च करते तो क्या आप “लाल आंखे” दिखाकर चीन से बात नहीं कर सकते थे ?

   (e) क्या आपकी सरकार ने चीन के साथ 97 बिलियन डॉलर से ज्यादा का व्यापार नहीं किया है जिसके चलते आपकी सरकार की योजना “मेक इन इंडिया” विफल हों गई और आपमें इतनी भी हिम्मत नहीं बची कि आप चीन की अर्थव्यवस्था का मुकाबला कर सकें? और तो और ,आपने तो सरदार बल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची मूर्ति भी चीनियों के माध्यम से ही बनवाई ?

   (f) जयशंकर जी , आपकी सरकार ने “सर्जिकल स्ट्राइक” की आड़ में देशवासियों में एक छद्म राष्ट्रवाद की भावना तो जगा दी; हालांकि इस प्रकार की स्ट्राइक पहले भी अनेकों बार की गईं थी पर इन्हें कभी नही उछाला गया जैसा आपकी सरकार ने उछाला था , पर आपकी इस हरकत ने देश को तो गुमराह कर दिया पर ,  चीन ने आपकी कमज़ोरी को भांप कर देश की सीमा के अंदर घुसपैठ कर अपने गांव तक बसा लिए और आप चीन के राष्ट्रध्यक्ष को “झूला” झुलाते रहे ?

2. एक सैनिक होने के नाते , एक देशभक्त होने के नाते , मुझे ये कहने में कोई संकोच नहीं है कि आपकी सरकार, चीन के हाथों मात्र एक कठपुतली बन रह गई है और चीन के संगीत पर नृत्य कर रही है जिसके फलस्वरूप आप भारतीय सेना का मनोबल नीचा कर रहे हैं , उनके आत्मसम्मान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और सैनिकों को अपनी सत्ता की बिसात पर मोहरे बना कर उन्हें शहादत दिलवा रहे हैं। 

3. महोदय , अभी तो शुरुआत है देश तो वैसे भी तबाह हो रहा है। एक ओर, आर्थिक रूप से भारत सरकार के चंद मित्र देश लूटकर देश से फरार हो गए हैं और फिलहाल एक संरक्षित डकैत , जिसका नाम गौतम अडानी है , उसे बचाने की जी तोड़ कोशिश हो रही है तो दूसरी ओर आप सेना में “अग्निवीर” लाकर देश की चौथी सशक्त सेना को “होमगार्ड” बना रहे हैं , क्या देश की सेना को “डंडे वाली चड्डीधारी सेना” नहीं बनाया जा रहा है ? दुखद,शर्मनाक और कायरतापूर्ण विदेश नीति है आपकी , महोदय । 

जयहिंद ,

ब्रिगेडियर प्रदीप यदु, सेवानिवृत

रायपुर , छत्तीसगढ़।

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