अग्नि आलोक
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रहने दो

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कुछ ख्वाहिशें अधूरी है
तो रहने दो।
मोहब्बत की तरफ पाव नहीं जाते
तो रहने दो।
अपनापन दिखा कर भी
कोई अपना नहीं बनता
तो रहने दो।
मंदिरों मस्जिदों में घूम कर भी
हृदय नेक पाक नहीं होता
तो रहने दो।
दिलों जान से मोहब्बत करने के बाद भी
तुमसे किसी को इश्क नहीं होता
तो रहने दो।
दिल्लगी के बाद भी
कोई दिलदार नहीं बनता
तो रहने दो।

राजीव डोगरा
(भाषा अध्यापक)
राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय
गाहलिया
पता-गांव जनयानकड़
पिन कोड -176038
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
9876777233
rajivdogra1@gmail.com

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