एस पी मित्तल,अजमेर
24 मार्च से राजस्थान भर के सरकार डॉक्टर्स अपने घरों पर मरीजों को नहीं देखेंगे। सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टर बेमन से काम कर रहे हैं। सरकारी डॉक्टरों के ताजा फैसले से प्रदेश भर के मरीजों की मुसीबत और बढ़ गई है। राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्राइवेट अस्पताल पिछले एक सप्ताह से बंद पड़े हैं। सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर प्रतिदिन दोपहर दो बजे बाद अपने घरों पर मरीजों को देखते हैं। सरकारी डॉक्टरों के घरों पर मरीजों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। लेकिन अब सरकारी डॉक्टरों ने भी प्राइवेट डॉक्टरों के समर्थन में घरों पर मरीज नहीं देखने का निर्णय लिया है। 24 मार्च को भी प्रदेश भर में प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों का धरना प्रदर्शन जारी रहा। डॉक्टरों का कहना है कि राज्य सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल में जो प्रावधान किए हैं इसमें निजी अस्पतालों का चलना मुश्किल है। ऐसे में अस्पतालों के ताले लगाना ही उचित है। उन्होंने कहा कि राइट टू हेल्थ की भावना के अनुरूप ही प्राइवेट अस्पताल मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य जीवन योजना और आरजीएचएस में लोगों का रियायती दरों पर इलाज कर रहे थे। सरकार ने इलाज के लिए जो न्यूनतम राशि निर्धारित की उसी के अनुरूप इलाज भी हो रहा था। यदि निजी अस्पतालों की मंशा गरीबों का इलाज नहीं करने की होती तो सरकारी योजनाओं में इलाज भी नहीं करते। निजी अस्पतालों के इतने सहयोग के बाद भी राज्य सरकार ने द्वेषतापूर्ण तरीके से विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल स्वीकृत करवा दिया। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि कुछ निजी अस्पतालों के डॉक्टर ही हड़ताल कर रहे हैं। प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को जमीन हकीकत का पता नहीं है। प्रदेशभर के निजी अस्पतालों के चिकित्सक सड़कों पर है और स्वास्थ्य मंत्री की ओर से गैर जिम्मेदाराना बयान दिए जा रहे हैं। निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि डॉक्टर कुलदीप शर्मा ने कहा कि सरकार का यही रवैया रहा तो आने वाले दिनों में निजी अस्पताल पड़ोसी राज्यों में स्थानांतरित हो जाएंगे।
मरीज परेशान:
राज्य सरकार और डॉक्टरों की आपसी खींचतान का खामियाजा प्रदेश भर के मरीजों को उठाना पड़ रहा है। अब जब सरकारी डॉक्टर घरों पर भी मरीजों को नहीं देखेंगे तो परेशानी और बढ़ेगी। किसी भी मरीज का पेट दर्द भी असहनीय होता है। सरकार और डॉक्टरों को मरीजों की पीड़ा को भी समझना चाहिए।
सीएम दिल्ली दौरे पर:
एक ओर जहां चिकित्सा सुविधा को लेकर प्रदेश भर में त्राहि त्राहि मची हुई है तो वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 24 मार्च को दिल्ली दौरे पर जा रहे हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा दो वर्ष की सजा दिए जाने के बाद कांग्रेस में उत्पन्न हुई हालातों से मुकाबला करने के लिए रणनीति बनाने हेतु गहलोत दिल्ली गए हैं।