गुजरात का एक और “”मोदी “” फिर 8000 करोड़ लेकर रफूचक्कर हो गया*
विजय दलाल
खबर है – मोदीजी का करीबी और गुजरात भाजपा का बड़ा नेता मुकेश मोदी 8000 करोड़ लेकर फरार हो गया।
याद रखना मेरी तरह और मेरे से पहले वालों की तरह इस पोस्ट को फारवर्ड करते समय मुकेश मोदी के लिए “मोदी” सरनेम हटा लेना और केवल सम्माननीय शब्द ” श्रीमान मुकेश ” का ही उपयोग करना। वरना सुरत या केजरीवाल जी को मोदी जी की डिग्री की जांच की याचिका को अस्वीकार ही नहीं किया 45 हजार का जुर्माना भी लगा दिया ऐसी अदालतें आपको 2 साल के लिए जेल भी भेज सकती है।
इस सरकार ने अपनी तरह निचली अदालतों को देश के सभी कानूनों से ऊपर संप्रभु बना दिया है इस तरह के फैसलों से तो ऐसा ही लगता है।
अंधेरे नगरी चौपट राजा
टके सेर भाजी टके सेर खाजा।
क्या संविधान में कहीं है कि कोई देश का नागरिक प्रधानमंत्री बन जाएं तो वह देश के सभी कानूनों से ऊपर हो गया और सर्वाधिकार संपन्न हो गया। किसी भी संदेह से परे हो गया
ये तो राजशाही में होता था उस समय के दार्शनिकों ने तो राजा को ईश्वर का अवतार तक कहा।लेकिन किसी प्रजातांत्रिक देश में तो कभी नहीं सुना। विश्व केपावरफुल देशों अमेरिका और ब्रिटेन तक में नहीं अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन का ” व्हाइट हाउस”प्रकरण तो मिसाल है दुनिया के सामने। अभी अभी ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक द्वारा देश से माफी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और बाइडन पर चल रहे मुकदमे/प्रकरण तो हमारे सामने उदाहरण है ऐसे कितने ही देशों के कितने ही उदाहरण मिल जाएंगे।
एक अच्छी बात जो इस समय राहत वाली है वह है इन दिनों सुप्रीम कोर्ट की भूमिका!”प्रेस का कर्तव्य है कि वह सत्ता के सामने सच बोले और नागरिकों को कठोर तथ्यों के बारे में बताएं”*!
*सुप्रीम कोर्ट ने कहा”नफरत फ़ैलाने वाले एंकरों को हटाया जाए, चैनल पर भारी जुर्माना लगाया जाए”*
ये टीवी चैनल एजेंडा चला रहे हैं जिससे समाज में विभाजन पैदा हो!
राज्य नागरिकों के अधिकारों को कुचलने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का इस्तेमाल कर रहा है। यह कानून के राज की भावना के खिलाफ है।
विजय दलाल