मुम्बई । महाराष्ट्र के रसूखदार पवार घराने में फिर सियासी टकराव खुलकर सामने आता नजर आ रहा है। एक ओर जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में नंबर दो अजित पवार अब भारतीय जनता पार्टी की तरफ से झुकाव के संकेत दे रहे हैं। वहीं, पार्टी चीफ और दिग्गज राजनेता शरद पवार भतीजे से अलग राय रखते नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि चाचा-भतीजे के बीच दशकों से जारी खींचतान अब निर्णायक मोड़ पर आ गई है।
पहले इतिहास समझें
सीनियर और जूनियर पवार के बीच तनाव की खबरें सबसे पहले साल 2010 में सामने आईं। उस दौरान कांग्रेस-एनसीपी में नेतृत्व बदलाव की मांग जोर पकड़ रही थी। एक ओर अशोक चव्हाण के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद कांग्रस ने पृथ्वीराज चव्हाण को चुना। वहीं, एनसीपी में अजित को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठने लगी। जबकि, तब यह पद छगन भुजवल के पास था। अब कहा जाता है कि पार्टी विधायकों के बीच अपने वर्चस्व के चलते अजित भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहते थे, जो सीनियर पवार को रास नहीं आई।