सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना की संपत्ति को एकनाथ शिंदे गुट को ट्रांसफर करने की याचिका खारिज कर दी है। फिलहाल, शिवसेना की संपत्ति उद्धव ठाकरे गुट के पास है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएम नरसिम्हा की बेंच ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप कौन हैं, आपका इस मामले में क्या अधिकार है। इसके बाद याचिका खारिज कर दी गई।
दरअसल, महाराष्ट्र के वकील आशीष गिरी ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने मांग की थी कि शिवसेना की सारी प्रॉपर्टी शिंदे गुट को दे दी जाए।
याचिकाकर्ता ने कहा था- महाराष्ट्र में तमिलनाडु जैसी स्थिति न बने
याचिकाकर्ता आशीष गिरी ने याचिका में कहा था कि मैं महाराष्ट्र का वोटर होने के नाते ये अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर रहा हूं। शिवसेना की प्रॉपर्टी से जुड़े सारे सवालों के जवाब समय रहते मिल जाने चाहिए। पार्टी को लेकर पूरी स्थिति साफ हो जानी चाहिए, ताकि महाराष्ट्र में तमिलनाडु जैसी स्थिति न बने।
दरअसल, तमिलनाडु में जयललिता के निधन के बाद उनकी पार्टी AIADMK पर कब्जे को लेकर दो धड़ों में बंट गई थी। एक धड़ा पार्टी के दिग्गज नेता ई पलानीस्वामी यानी ईपीएस के साथ था और दूसरा ओ पनीरसेल्वम यानी ओपीएस के साथ। यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था। कोर्ट के आदेश के बाद AIADMK की कमान पूरी तरह से पलानीस्वामी के हाथों में दे दी गई।
शिवसेना के पास 190 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी
शिवसेना के पास अभी 191.82 करोड़ की चल-अचल संपत्ति है, दादर के शिवसेना भवन पर भी उद्धव गुट का कब्जा है। सूत्रों का कहना है कि बाला साहेब ने अपनी वसीयत में मुंबई में स्थित मातोश्री के तीन मंजिला भवन की पहली मंजिल जयदेव के नाम और दूसरी तथा तीसरी मंजिल उद्धव के नाम कर दी थी, जबकि ग्राउंड फ्लोर को शिवसेना के लिए रखा था। ऐसे में माना जा रहा था कि ठाकरे के पास से मातोश्री इमारत के ग्राउंड फ्लोर का मालिकाना हक जा सकता है।