इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक प्रदर्शन और रावलपिंडी में सेना के हेडक्वार्टर (GHQ) पर हुए हमले का मामला तुल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में इमरान खान पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. सूत्रों के अनुसार पहले चरण में जीएचक्यू पर हमले के मामले में आर्मी एक्ट के तहत मुकदमा चलाने का निर्णय लिया गया है, जबकि मामले में गिरफ्तार आरोपियों को भी सेना को सौंप दिया जाएगा.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि रावलपिंडी में हिंसक घटनाओं को लेकर 18 मामले दर्ज हैं, जिसमें 225 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. आर्मी एक्ट के तहत मामलों की जांच के लिए नया केस दर्ज नहीं किया जाएगा. थाना आरए बाजार में दर्ज केस नंबर 708/23 में आर्मी एक्ट के प्रावधान जोड़े जाएंगे. पूर्व कानून मंत्री राजा बशारत भी इस मामले में नामजद आरोपी हैं.
पुलिस उपनिरीक्षक मलिक मुहम्मद रियाज की तहरीर पर जीएचक्यू हमले का मामला दर्ज किया गया है। मामले में आतंकवाद विरोधी धारा 7ATA सहित 10 प्रावधान शामिल हैं, जिसमें पूर्व कानून मंत्री राजा बशारत और PTI कार्यकर्ता खालिद जादून का नाम शामिल है.
पुलिस ने 6 आरोपियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया. सभी कानूनी आवश्यकताओं को पूरा किया गया है। जिन्हें अब तक गिरफ्तार किया गया है. मामला भी सेना को सौंप दिया जाएगा. अन्य 17 मामलों पर भी आर्मी एक्ट के तहत सुनवाई चल रही है. पाकिस्तान में उस समय हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया था जब अल कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान खान को इस्लाबाद में कोर्ट के गेट से ही गिरफ्तार कर लिया गया था.
इमरान की गिरफ्तारी के बाद समर्थक सड़क पर उतर गए और उनके सामने जो आया उसको आग के हवाले कर दिया. रावलपिंडी के अलावा इस्लामाबाद में कोर्ट कमांडर के घर में तोड़फोड़ कर उसमें आग लगा दी थी. घर में रखे सभी सामानों को लूट लिया था. हांलाकि, दो दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए इमरान खान की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए पूर्व पीएम को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया. इस मामले में पीटीआई के कई और नेताओं की भी गिरफ्तारी की गई थी. इसमें शाह महमूद कुरैशी भी शामिल हैं. गुरुवार को हाई कोर्ट ने इन्हें भी रिहा करने का आदेश दिया है.