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टीसीएस, इन्फोसिस के बाद एलएंडटी इन्फोटेक भी इंदौर आएगी

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साल के आखिरी तक आएंगी 22 वर्ल्ड क्लास कंपनियां; अमेजन, फेसबुक भी खोलेंगी ऑफिस

सुपर कॉरिडोर पर टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस, इन्फोसिस, यश टेक्नोलाजी, इम्पीटस के बड़े कैंपस आने के बाद एक और आईटी कंपनी ने आईडीए से 17 हेक्टेयर जमीन अपना कैंपस स्थापित करने के लिए मांगी है। एलएंडटी इन्फोटेक के आनंद राणे, दो बार इस संबंध में आईडीए सीईओ रामप्रकाश अहिरवार के साथ मुलाकात कर चुके हैं। वहीं राज्य सरकार के आईटी विभाग के प्रमुख सचिव से भी मिल चुके हैं। सुपर कॉरिडोर पर चार बड़ी कंपनी आईटी कंपनी के कैंपस शुरू हो चुके हैं। वहीं आईडीए के द्वारा भी 8 लेन ब्रिज के समीप 500 करोड़ की लागत से स्टार्टअप पार्क बनाए जाने को लेकर तैयारी की जा रही है।

मध्यप्रदेश में जॉब सीकर्स के लिए अच्छी खबर है। इंदौर में इस साल के अंत तक 22 से ज्यादा कंपनियां काम शुरू कर देंगी। ये कंपनियां करीब 10 हजार युवाओं को रोजगार देंगी। इनमें से 4 कंपनियों में से कुछ को सिंहासा आईटी पार्क और सुपर कॉरिडोर पसंद आया है। वहीं, फ्लिपकार्ट, अमेजन और फेसबुक से भी अपने डेटा सेंटर यहां स्थापित करने के लिए चर्चा चल रही है।

MPSEDC के जीएम एसके सराफ ने बताया कि वर्तमान में एक्सेंचर, कॉग्निजेंट, टेक महिंद्रा और परसिस्टेंट जैसी अन्य कुछ देश की टॉप आईटी कंपनियां इंदौर में जगह तलाश रही हैं। ये कंपनियां विजयनगर, आईटी पार्क, सिंगवासा आईटी पार्क और सुपर कॉरिडोर पर ऑफिस के लिए जगह देख रही हैं। इंदौर का आईटी सेक्टर लगातार ग्रो कर रहा है। वहीं, पिछले 2 सालों में सुपर कॉरिडोर पर टीसीएस, इंफोसिस के बाद यश टेक्नोलॉजी, इम्पैटस और क्लियरट्रेल के साथ ही अमेरिकन कंपनी टास्क-अस ने जमीन पसंद कर ली है।

कॉग्नीजेंट कंपनी का टर्नओवर 30 हजार करोड़ से अधिक है।

कॉग्नीजेंट कंपनी का टर्नओवर 30 हजार करोड़ से अधिक है।

4100 युवाओं को मिलेगा 25 लाख तक का पैकेज
सराफ के मुताबिक मार्च के अंत तक 4100 युवाओं को आईटी कंपनियां जॉब देंगी। मार्च अंत तक 1600 युवाओं को इंफोसिस और एक हजार को टीसीएस ने जॉब देने का टारगेट रखा है। वहीं, एक्सेंचर कंपनी जल्द ही काम शुरू कर देगी। कंपनी आते ही 1500 युवाओं को रोजगार देगी। एक्सपर्ट के मुताबिक 2022 के अंत तक आईटी सेक्टर में 10 से 15 हजार युवाओं को जॉब ऑफर हाेंगे।

तीन साल में इंदौर को 1 एसईजेड और 1 नॉन एसईजेड की जरूरत
आईटी एक्सपर्ट की मानें तो हम अभी आईटी हब की तीन A, B और C में से B की नंबर 1 सिटी हैं। हमारा अहमदाबाद, नागपुर और विशाखापट्नम से मुकाबला है। वहीं, इंदौर B कैटेगरी में अहमदाबाद, नागपुर, जयपुर, वडोदरा और रायपुर जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़कर नंबर 1 पर आया है। इंदौर को तीन साल में 1 एसईजेड और 1 नॉन एसईजेड की जरूरत है।

आईटी कंपनियों ने 51.11 प्रतिशत की ग्रोथ रेट से कमाई विदेशी मुद्रा
इंदौर की आईटी कंपनियों का कारोबार 2 हजार करोड़ रुपए का है। वहीं, हम सिर्फ एसईजेड कंपनियों का डेटा देखें, तो पिछले 9 महीने में आईटी कंपनियों ने 51.11 प्रतिशत की ग्रोथ रेट हासिल की है। अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक यानी 9 महीनों में 924.45 करोड़ विदेशी मुद्रा कमाई थी। वहीं, इस साल यानी अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक इतने ही दिनों में 51.11 प्रतिशत की ग्रोथ रेट से 1396.94 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा कमाई है।

शहर में इस समय करीब 370 आईटी कंपनियां काम कर रही हैं। इनसे अभी 45 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है। यह आंकड़ा वर्ष 2022 में लगभग 55 हजार हो जाएगा। बता दें कि इंदौर में रजिस्‍टर्ड आईटी कंपनियों (जो सरकार से जमीन लेकर काम कर रही हैं) की संख्या 280 है, जबकि कुल 370 आईटी कंपनियां अलग-अलग क्षेत्र में काम कर रही हैं।

एक्सेंचर मल्टीनेशनल कंपनी है। इसका टर्न ओवर एक लाख करोड़ से ज्यादा है।

एक्सेंचर मल्टीनेशनल कंपनी है। इसका टर्न ओवर एक लाख करोड़ से ज्यादा है।

हर सेक्टर में नौकरियां
ये कंपनियां इंदौर में करीब 10 हजार सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की भर्ती करेगी। जबकि करीब दो हजार मार्केटिंग, और दो हजार से अधिक युवाओं को फाइनेंस, अकाउंट्स, मैनेजमेंट, बैक ऑफिस, सिक्योरिटी और एचआर में नौकरियों के अवसर मिलेंगे। हालांकि इनमें से कुछ युवाओं को कंपनियां अपनी अन्य ब्रांचेस से ट्रांसफर भी करेंगी।

कोरोना में 113 कंपनियों को सरकार ने 18 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी
सरकार ने कोरोना के दौरान 113 आईटी कंपनियों 18 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी है। सरकार ने 2017- 18 में 25 कंपनी को 3.84 करोड़, 2018- 19 में 47 कंपनी को 2.67 करोड़, 2019- 20 में 82 कंपनी को 6.70 करोड़, 2020- 21 में 59 कंपनी को 11.57 करोड़ और 2021- 22 में लगभग 54 कंपनी को करीब 6.56 करोड़ रुपए की सब्सिडी दे चुकी है।

टेक महिंद्रा का टर्न ओवर 12 हजार करोड़ से अधिक है।

टेक महिंद्रा का टर्न ओवर 12 हजार करोड़ से अधिक है।

इंदौर इसलिए बन रहा आईटी कंपनियों की पसंद

कॉस्ट ऑफ ऑपरेशन
इंदौर में कॉस्ट ऑफ ऑपरेशन मेट्रो शहरों की तुलना में कम है। ऑफिस बिल्डिंग और घरों का किराया बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे से काफी कम है।

एयर कनेक्टिविटी
रोजाना 44 उड़ानें और एक दर्जन शहर के लिए सीधी फ्लाइट हैं। दुबई के लिए सीधी उड़ाने और शारजहां के लिए शुरू होना हैं।

स्वच्छता
5 बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बनने की चर्चा सिलिकॉन वैली तक है। बाहर से आने वाले इंडस्ट्रीज प्रोफेशनल क्वालिटी ऑफ लाइन को प्राथमिकता देते हैं।

गोलाकार बसाहट
बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली में ऑफिस पहुंचने के लिए रोजाना एक से डेढ़ घंटे ट्रैवल करना पड़ता है। इंदौर में यह दूरी कम है क्योंकि बसावट गोलाकार है।

खानपान
उत्तर भारत का एक बड़ा युवा वर्ग बेंगलुरू और हैदराबाद इसलिए नहीं जाना चाहता क्योंकि वहां का खानपान मनमाफिक नहीं है। इंदौर में हर राज्य के खाने के साथ 15 देशों का खाना मिलता है। स्ट्रीट फूड को स्वच्छता के लिए FSSAI द्वारा प्रमाणित किया गया है।

यह विशेषताएं भी हैं
रियल एस्टेट का उभरता बाजार, पीथमपुर, सांवेर रोड और राऊ में विशाल औद्योगिक इकाइयां, बेहतर रेल नेटवर्क और देश का एकमात्र शहर जिसमें IIT और IIM दोनों हैं।

1 से 2 माह में काम शुरू कर देंगी कंपनियां विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा ने बताया कि इंदौर में इस साल के अंत तक 20 से 22 नई आईटी कंपनियां अपना काम शुरू कर देंगी। कुछ कंपनियां 1 से 2 माह में ही अपना काम शुरू कर देंगी। वहीं, कंपनियों के लिए हम कोशिश कर रहे हैं कि तीसरे आईटी पार्क का काम जल्द से जल्द शुरू हो जाएं।

अच्छी कनेक्टिविटी से पहली पसंद
सीईओ अहिरवार के मुताबिक बेंगलुरु, हैदराबाद में एयरपोर्ट 65 से 70 किमी दूर है। आईटी प्रोफेशनल्स को फ्लाइट से आने में जितना समय नहीं लगता उतना एयरपोर्ट से बाहर निकलकर अपने घर, दफ्तर जाने में लगता है। जबकि इंदौर में सुपर कॉरिडोर से एयरपोर्ट पांच से सात मिनट की दूरी पर है। वहीं मेट्रो भी कुछ समय बाद यहां शुरू हो जाएगी। एयरपोर्ट से नए बन रहे आईएसबीटी तक भी लोक परिवहन की अच्छी कनेक्टिविटी रहेगी। इसके अलावा सुपर कॉरिडोर से कुछ दूरी पर ही बड़े होटल भी हैं। इंदौर का मौसम भी महानगरों के मुकाबले बहुत बेहतर है। इस वजह से बड़ी कंपनी इंदौर का रुख कर रही हैं।

आईडीए टेंडर के जरिए तो सरकार सीधे दे सकती है प्लाॅट
आईटी या अन्य सेक्टर की कंपनी आईडीए से प्लाॅट की मांग करती हैं तो आईडीए टेंडर प्रक्रिया के जरिए ही प्लाॅट उपलब्ध करवा सकता है। टेंडर जारी करने पर दिक्कत यह है कि देश-दुनिया में कोई भी बोली में शामिल हो सकता है। जबकि आईटी या अन्य सेक्टर शासन से सीधे संपर्क करते हैं। एमओयू साइन करते हैं तो शासन सीधे आईडीए से जमीन लेकर कंपनी को अलाॅट कर सकती है। बदले में सरकार उतनी ही जमीन आईडीए को कहीं और दे सकती है। इस कारण बड़ी कंपनी आईडीए के साथ ही शासन से भी संपर्क में रहती है। अधिक जमीन की मांग होने पर आईडीए अपने प्लाॅट को जोड़कर बड़े प्लाॅट में तब्दील कर सकती है।

कौन है एलएंडटी इन्फोटेक
एलएंडटी इन्फोटेक आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी है। हाल ही में माइंडट्री और एलएंडटी का मर्जर हुआ है। मुंबई में कंपनी का बड़ा कैंपस है। हजारों की संख्या में आईटी प्रोफेशनल्स यहां काम कर रहे हैं। कंपनी के कई बड़े क्लाइंट हैं जिनके लिए सॉफ्टवेयर सहित अन्य सेवाएं दी जा रही हैं।

सुपर कॉरिडोर होगा आईटी का हब
सुपर कॉरिडोर पर अगले पांच से सात साल में स्टार्टअप कॉम्प्लेक्स बनने के बाद यह रोड आईटी हब के रूप में पहचाना जाएगा। देश-दुनिया की बड़ी कंपनी यहां पहले से ही अपने कैंपस शुरू कर चुकी हैं। स्टार्टअप कॉम्प्लेक्स शुरू होने के बाद एक साथ सैकड़ों की संख्या में नए बिजनेस यहां से शुरू हो सकेंगे।

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