मंजुल भारद्वाज
संविधान और आंबेडकर की माला जपने वालों , भारत के 94% बहुजनों देख लो कैसे 6% में से केवल 3% धर्मांध , वर्णवादी धर्म सत्ता स्थापित कर रहे हैं !
यह वो तस्वीर है जहां से वर्णवादी सत्ता संविधान सम्मत सत्ता को रौंदने का खुलेआम ऐलान कर रही है ।
अपने अपने खेमों में बंटे ओबीसी, आदिवासी, दलित देख लो आप जिस भी पार्टी को अपना खेवनहार मानते हो ,वो कहां हैं आज ?
विभाजित होकर आज आप संख्या बल में अधिक होने के बावजूद विकारी संघ और उसके आत्महीन अहंकारी प्रचारक के हाथों रौंदे जा रहे हो ।
हे बहुजनों अब तो उठो और अपने संख्याबल से इस वर्णवादी कलंक को सत्ता से बाहर करने का संकल्प लो!
मैं इस तस्वीर और इससे जुड़े असंवैधानिक कृत की भर्त्सना करते हुए अपना प्रतिरोध दर्ज करता हूं!