अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

भाजपा का मुकाबला अपने को हिंदू समर्थक पार्टी दिखाकर कर रहे हैं कांग्रेस के क्षेत्रीय क्षत्रप

Share

*विष्णु नागर जी की फेसबुक पोस्ट*

कांग्रेस के क्षेत्रीय क्षत्रप, भाजपा का मुकाबला अपने को हिंदू समर्थक पार्टी दिखाकर कर रहे हैं। इनमें सबसे आगे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ हैं।आज पढ़ा कि जबलपुर में 101 ब्राह्मणों के साथ प्रियंका गांधी नर्मदा पूजन कर रही हैं।इसी शहर में हनुमान की 30 फीट ऊंची प्रतिमाएं लगाई गई हैं।हिंदू धर्म से संबंधित 300 वीडियो भी बनाए गए हैं। एक -दो दिन पहले खबर थी कि एक कट्टर हिंदुत्ववादी संगठन को कांग्रेस ने अपने प्रचार के लिए पटा लिया है,जबकि अन्य राज्यों में वह संगठन भाजपा के साथ है। बाबाओं -कथावाचकों को भी साधा जा रहा है। मतलब कहीं की ईंट,कहीं का रोड़ा जुटाकर सबकुछ ऐसा किया जा रहा है, जिससे कांग्रेस की छवि भी हिंदुत्ववादी बने। कमलनाथ और उनके बेटे ने हनुमान जयंती पर सागर की हनुमान प्रतिमा पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की थी। मध्य प्रदेश में अन्यत्र भी प्रियंका गांधी जाएंगी और वहां भी हिंदू कर्मकांड होंगे।छत्तीसगढ़ में भी लगभग यही हो रहा है। राजस्थान इस मामले में थोड़ा पीछे दिखता है।

जरूर यह सब कांग्रेस की दृष्टि से व्यावहारिक होगा। शायद इस तरह कांग्रेस जीत जाए और हम कहें कि यह हर हाल में भाजपा की सरकार के फिर से आने से शायद बेहतर हो पर यह धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की हार और हिंदुत्व की जीत होगी।आज का यह साफ्ट हिंदुत्व कल कट्टर हिंदुत्व का रूप भी ले सकता है,इसकी अब कोई गारंटी नहीं। आखिर भाजपाई हिंदुत्व केवल मंदिर, पूजा, यज्ञ, हवन, आरती ही नहीं है,वह मुसलमानों को पीछे धकेलने, उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने ,उनके प्रति नफ़रत की राजनीति भी है।यहां उस हिंदुत्व का मुख्य आधार है, कर्मकांड, मंदिर बनाना आदि सहायक सामग्री है।

 भाजपा आज इस मायने में तो कामयाब रही है कि उसने दूसरी पार्टियों को उनके धर्मनिरपेक्ष एजेंडे से दूर कर दिया है और हिंदू- हिंदू करने पर मजबूर कर दिया है। कांग्रेस हो,आम आदमी पार्टी हो या दूसरी अनेक पार्टियां हों,इस देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समूह की बात ही अब  नहीं करती हैं।उनसे दूरी बनाकर रखती है।फर्क इतना है कि मुस्लिम विरोधी एजेंडा ये पार्टियां नहीं चलाती हैं मगर इस बात की क्या गारंटी है कि भाजपा से हिंदुत्व से प्रतियोगिता करते हुए कल कांग्रेस या अन्य दल इस गड्ढे में नहीं गिरेंगे?कम से कम कांग्रेस की सरकारें हिंदुत्ववादी हिंसा के प्रति साफ्ट रहेगी।इस मामले में कर्नाटक की कांग्रेस अभी तक बेहतर साबित हुई है मगर डर है कि कल कमलनाथ की मध्य प्रदेश कांग्रेस, शिवराज सिंह चौहान की भाजपा का ही दूसरा रूप साबित न हो और ऐसा होता है तो कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व-राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को भी इससे बरी नहीं किया जा सकता।

व्यावहारिकता हमेशा अच्छी नहीं होती।वह दूरदृष्टि का तिरस्कार करती है।वह देश की बुनियादी संवैधानिक प्रतिज्ञा का तिरस्कार करती है।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें