एस पी मित्तल, अजमेर
राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ ने 9 माह पूर्व जो विवादित बयान दिया, उसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो गत वर्ष 25 सितंबर की उस घटना के समय का है, जब जयपुर में कांग्रेस के विधायकों की समानांतर बैठक कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के घर पर हुई थी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से कांग्रेस विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर बुलाई गई थी, लेकिन करीब 90 विधायक धारीवाल के घर पर एकत्रित हुए। सीएम गहलोत के समर्थन में विधायकों को एकत्रित करने में तब आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। 90 विधायकों को एकत्रित करने से उत्साहित धर्मेन्द्र राठौड़ ने तब एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि अपने माता-पिता के घर से भागी लड़की चरित्रवान कैसे हो सकती है। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के जो विधायक दिल्ली गए उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। हमारी मांग है कि जो 102 विधायक जयपुर में रहे उनमें से किसी को भी मुख्यमंत्री बना दिया जाए। इस बयान में राठौड़ ने सचिन पायलट के साथ दिल्ली गए विधायकों की तुलना घर से भागी लड़की से की। लेकिन सवाल उठता है कि क्या माता-पिता के घर से निकली किसी लड़की के चरित्र पर सवाल उठाया जा सकता है? क्या राठौड़ का यह बयान महिलाओं के खिलाफ नहीं है। जब सत्तारूढ़ पार्टी के जिम्मेदार नेता महिलाओं को लेकर ऐसे बयान देंगे, तब समाज के समक्ष क्या उदाहरण प्रस्तुत किया जाएगा? यहां यह उल्लेखनीय है कि दिल्ली जाने वाले विधायकों में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी शामिल थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली से लौटने के बाद विश्वेंद्र सिंह और मुरारी लाल मीणा को मंत्री बनाया था। लेकिन धर्मेन्द्र राठौड़ अपने ही विभाग के मंत्री के खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं। राठौड़ का यह वीडियो मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है।
झगड़े से दूर:
सब जानते हैं कि आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ अजमेर उत्तर या पुष्कर से कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा का चुनाव लडऩे को इच्छुक है। यही वजह है कि अजमेर में होने वाले गली कूचों तक के कार्यक्रमों में राठौड़ भाग ले रहे हैं। लेकिन 17 जून को अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी , पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, नाथूराम सिनोदिया, राजकुमार जयपाल आदि बड़े नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की तब धर्मेन्द्र राठौड़ नजर नहीं आए। प्राप्त जानकारी के अनुसार बदली हुई परिस्थितियों में धर्मेन्द्र राठौड़ अजमेर कांग्रेस के झगड़ों से दूर दिखना चाहते हैं। इसलिए बड़े नेताओं की मौजूदगी वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस से राठौड़ दूर रहे। असल में राठौड़ के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम जुड़ा हुआ है। राठौड़ नहीं चाहते कि उनकी वजह से सीएम गहलोत की छवि खराब हो। यह बात अलग है कि अजमेर में कांग्रेस को तार तार करने में राठौड़ की ही भूमिका है। 16 जून को सचिन पायलट के गुट की ओर से जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई उसमें धर्मेन्द्र राठौड़ पर भी गंभीर आरोप लगाए गए। पायलट गुट की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जवाब देने के लिए ही 17 जून को गहलोत गुट की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी। मौजूदा समय में राठौड़ की गतिविधियों की वजह से अजमेर में कांग्रेस की दुर्गति हो रही है।
डॉ. बाहेती का बयान झूठा:
कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली ने कहा है कि पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर के हंगामे को लेकर जो बयान दिया है वह झूठा है। नसीम दंपत्ति ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के रीट कार्यालय के सभागार में गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर को लेकर जो कार्यक्रम हुआ उसमें हम और हमारा कोई समर्थक गया ही नहीं। जो भी वाद विवाद हुआ वह सभागार के बाहर हुआ था। हमारी आपत्ति इस बात पर थी कि अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति के अधिकारियों को मुख्यमंत्री के महंगाई राहत शिविर में भी उपस्थित रहना चाहिए। अधिकारियों से जवाब लेने के लिए ही हम रीट कार्यालय गए थे। लेकिन डॉ. बाहेती ने गलत बयानी की कि हमने शिविर के कार्यक्रम में आकर हंगामा किया। जब हम सभागार में गए ही नहीं तो फिर हंगामे की बात कैसे हो सकती है। सारे वीडियो देखे जा सकते हैं। इंसाफ अली ने कहा कि उनकी पत्नी नसीम अख्तर कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी हैं। ऐसे में वे हंगामा नहीं कर सकती हैं। जहां तक हमारे समर्थन में मुस्लिम संगठनों के द्वारा ज्ञापन दिए जाने का सवाल है तो हर समाज में ऐसा होता है। गत 11 जून को जब मकराना राज होटल पर गुंडागर्दी हुई तो होटल के मालिक महेंद्र सिंह के समर्थन में राजपूत समाज ने एकजुटता दिखाई थी। अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी द्वारा दो हजार करोड़ की संपत्ति के आरोप के संदर्भ में इंसाफ अली ने कहा कि चौधरी मेरे गुरु भाई हैं। मैं उनसे ही पुछूंगा की मेरी संपत्तियां कहां कहां हैं। मानहानि का मुकदमा करने का फिलहाल कोई विचार नहीं है।