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बिना मिलावट की खाद्य सामग्री मिल सके इसलिए 20 करोड़ की फूड-ड्रग लेबोरेटरी

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इंदौर। इंदौर-उज्जैन संभाग के रहवासियों को बिना मिलावट के शुद्ध खाद्य पदार्थ और सही दवाइयां मिल सकें, इसलिए शुद्धता परखने व मिलावट की जांच करने के लिए सरकार फूड और ड्रग्स विभाग की नई बिल्डिंग व विकास कार्य सहित लेबोरेटरी पर लगभग 28 करोड़ रुपए खर्च कर रही है, जिसमें 20 करोड़ की तो लेबोरेटरी में उपकरण और मशीनें ही लगने जा रही हैं। फूड-ड्रग्स विभाग की इस बिल्डिंग को बनाने का काम हाउसिंग बोर्ड द्वारा 20 अगस्त 2020 में किया गया था , मगर कभी निर्माण स्थल पर अवैध कब्जे तो कभी कोरोना के कारण लॉकडाउन, तो कभी फंड की कमी के चलते बिल्डिंग को कम्प्लीट बनाने में 3 साल से ज्यादा समय लग गया।

4 महीने बाद लेबोरेटरी शुरू करने का दावा
अब संबंधित अधिकारियों का दावा है कि इस साल के अंत तक ड्रग्स-फूड्स की लेबोरेटरी में फूड और ड्रग्स के सैंपल की जांच होने का काम शुरू हो जाएगा। लैब संबंधित अन्य विकास कार्य पूरे हो चुके हैं, अब सिर्फ ड्रग और फूड्स लेबोरेटरी में जरूरी उपकरण, इक्यूपमेंट, केमिकल्स की जरूरत है। जुलाई माह से सारे उपकरणों की सप्लाई, शिफ्टिंग और सेटिंग का काम शुरू हो जाएगा।

तीन करोड़ रुपए के अन्य विकास कार्य
हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार 4 करोड़ 33 लाख रुपए की इमारत बनाने के अलावा 3 करोड़ रुपए प्रयोगशाला के अंदर तापमान को कंट्रोल करने के लिए एयरकंडीशन सिस्टम, इंटीरियर डेकोरेशन, पार्टिशन, फर्नीचर सहित ईटीपी और आपातकालीन बिजली के लिए जनरेटर सेट सहित अन्य विकास कार्यों पर खर्च किए जा रहे हैं। इन विकास कार्यों का समापन अब अंतिम दौर में है।

दो प्रयोगशालाएं बनेंगी
लगभग 4 करोड़ 33 लाख रुपए की इमारत बनने के बाद ड्रग्स एंड फूड विभाग की इस बिल्डिंग के अंदर और बाहर जरूरी विकास कार्यों पर 3 करोड़ रुपए और खर्च किए जा रहे हैं। इसके बाद 2 प्रयोगशालाओं पर लगभग 20 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस तरह खाद्य पदार्थों की शुद्धता परखने व मिलावट की जांच करने के लिए सरकार लगभग 28 करोड़ रुपए खर्च कर रही है।

अब रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा
आजादी के बाद पहली बार इंदौर सहित ग्वालियर ,जबलपुर में 3 फूड्स एंड ड्रग प्रयोगशालाएं बनाई जा रही हैं। यह लैब बनने के बाद अब सारे जिले और संभागों को अकेले भोपाल लेबोरटरी के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। इसके अलावा अब खाद्य पदार्थों के सैंपल की जांच रिपोर्ट के लिए संबंधित विभागों और नागरिकों को महीनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

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