अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

राजस्थान भाजपा में वसुंधरा राजे का महत्व बना रहेगा

Share

एस पी मित्तल, अजमेर 

केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के शक्तिशाली नेता अमित शाह ने 30 जून को उदयपुर में एक सभा की। राजस्थान में भी चार माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं, इसलिए दोनों ही प्रमुख पार्टी भाजपा और कांग्रेस जबर्दस्त सक्रिय हैं। उदयपुर की सभा में अमित शाह की उपस्थिति में प्रदेश के जिन भाजपा नेताओं को बोलना था, उसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं था। यही वजह है कि भाजपा विधायक दल के नेता राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के संबोधन के बाद सीधे अमित शाह को आमंत्रित कर लिया। इस पर शाह ने कहा कि मेरे संबोधन से पहले राजे का संबोधन करवाया जाए। इन परिस्थितियों से राजे एक बार तो असहज हुई, लेकिन अमित शाह के आग्रह को देखते हुए राजे ने भाषण दिया। राजे अपने भाषण के लिए लिखा हुआ नोट लेकर आई थी, इससे प्रतीत होता है कि राजे को उम्मीद थी कि शाह के सामने उनका भी भाषण होगा। असहज हालातों के बाद भी राजे ने भाषण देना स्वीकार किया, इससे भी जाहिर होता है कि राजे ने भी अपने स्वभाव में बदलाव किया है। सभा के बाद शाह ने अपनी कार में राजे को बैठाया और हेलीपैउ तक ले गए। शाह ने स्पष्ट कर दिया कि राजस्थान में भले ही कमल के फूल पर चुनाव लड़ा जाए, लेकिन चुनाव वसुंधरा राजे का महत्व बना रहेगा। जानकारों की माने तो अब राजे ने भी स्वयं को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की जिद्द छोड़ दी है। राजे भी अब सहमत हैं कि चुनाव सामूहिक नेतृत्व पर ही लड़ा जाएगा, जिसमें संगठन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। 30 जून को अमित शाह ने राजे को जो सम्मान दिया, उसी का प्रभाव रहा कि उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड में जब सीएम गहलोत ने अमित शाह पर राजनीतिक हमला किया तो राजे ने भी गहलोत को करारा जवाब दिया। राजे ने वो सभी मुद्दे उठाए, जिससे राज्य सरकार की विफलता जाहिर होती है। 

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें