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मंत्रिमंडल विस्तार कभी भी….इन मंत्रियों की कुर्सी खतरे में! 

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प्रधानमंत्री मोदी अपने दूसरे कार्यकाल का आखिरी मंत्रिमंडल विस्तार कभी भी कर सकते है। इस बात की प्रबल संभावना है कि इस बार के विस्तार में कई ऐसे मंत्रियों की कुर्सी जानी तय है, जिन्होंने अपने विभाग में बहुत अच्छा काम किया। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी अब उन नेताओं को संगठन में भेजना चाहती है। जिससे कि 2024 के चुनाव को जीतने में वो अपनी भूमिका निभा सके। आइए जानते है कि किन मंत्रियों की कुर्सी जानी तय मानी जा रही हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त और कॉर्पोरेट मामले के राज्यमंत्री फिर देश की रक्षा मंत्री और अब वित्त मंत्री का पद संभाल रही निर्मला सीतारमण की कुर्सी जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी उन्हें संगठन में भेजना चाहती है।

टेक्सटाइल मंत्री पीयूष गोयल

मोदी कैबिनेट में वाणिज्य और उद्योग विभाग ऊर्जा मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्रालय संभाल चुके और अब टेक्सटाइल विभाग के मंत्री पीयूष गोयल को PM मोदी के किचन कैबिनेट का हिस्सा माना जाता है। लेकिन पार्टी अब उन्हें संगठन में भेजने का मन बना चुकी है। गोयल को राजस्थान का प्रभारी महासचिव बनाए जाने की चर्चा सबसे अधिक है।

नरेंद्र सिंह तोमर

मोदी कैबिनेट में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पार्टी मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर प्रदेश में पार्टी का कमान सौंपना चाहती है। इसके पाछे कारण बताया जा रहा है कि तोमर की ग्वालियर-चंबल में मजबूत पकड़ है। साथ ही पुराने नेताओं से भी उनका संबंध सही है। हाल ही में बीजेपी के पुराने नेताओं ने शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, जो चुनावी साल में बीजेपी के लिए परेशानी का कारण बन गया है। इसके साथ ही उन्हें प्रदेश की कमान सौंपने से शिवराज और सिंधिया खेमे को एकसाथ साधा जा सकेगा।

किरेन रिजिजू

मोदी सरकार के पहली कैबिनेट में गृह राज्य मंत्री और अब भूगर्भ विभाग के कैबिनेट मंत्री अरुणाचल पश्चिम से सांसद किरेन रिजिजू की कुर्सी खतरे में बताई जा रही है। पार्टी चाहती है कि रिजिजू सरकार से निकलकर संगठन में जाए और पूर्वोत्तर में पार्टी को मजबूत करे।

वीके सिंह

थल सेना के अध्यक्ष रह चुके जनरल वीके सिंह को 2014 में मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया था। पहले उन्हें नॉर्थ-ईस्ट और सांख्यिकी विभाग में स्वतंत्र प्रभार और विदेश विभाग में राज्य मंत्री भी बनाया गया था। विदेश विभाग में राज्यमंत्री रहते हुए सिंह यमन संकट के दौरान खुद वहां गए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने भी यमन संकट के दौरान किए गए उनके कार्य की सराहना की थी। 2019 में जब फिर से मोदी सरकार आई तो उन्हें सड़क परिवहन विभाग में राज्य मंत्री बनाया गया। 2021 में सिंह को सड़क परिवहन के साथ-साथ नागरिक विमानन विभाग में भी राज्यमंत्री बनाया गया। पार्टी अब उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल बना सकती है।

इनके अलावा जिन मंत्रियों की कुर्सी खतरे में है उनमें राजस्थान से भूपेंद्र यादव, उत्तर प्रदेश से महेंद्र नाथ पांडेय, अजय मिश्र टेनी समेत 4 मंत्रियों की कुर्सी खतरे में है। पांडेय का विभाग भारी उद्योग पर शिवसेना का दावा रहा है। यूपी कोटे से संजीव बालियान का कद बढ़ाया जा सकता है। पांडेय और टेनी का पत्ता कटता है, तो उनकी जगह ब्राह्मणों को साधने के लिए लक्ष्मीकांत वाजपेयी या हरीश द्विवेदी को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। वाजपेयी और द्विवेदी दोनों अभी राष्ट्रीय संगठन में कार्यरत हैं।

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