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पटवारी भर्ती परीक्षा पर टकराव:गृहमंत्री बोले- आंदोलन के पीछे साजिश; कोचिंग एसोसिएशन ने कहा-नर्मदा भोपाल से निकलती है..लिखने वाले टॉपर कैसे?

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इंदौर में पटवारी और अन्य भर्तियों में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ स्टूडेंट्स के उग्र प्रदर्शन के मामले में नया मोड़ आया है। मध्यप्रदेश सरकार इसके पीछे कोचिंग संचालकों का हाथ बता रही है। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा बोले- जिनका चयन नहीं हुआ, उन्हें प्लान करके सड़कों पर उतारा गया। यही बात इस एग्जाम में चयनित हुए कैंडिडेंट्स भी कह रहे हैं।

इसके जवाब में इंदौर के कोचिंग संचालकों ने कहा- जो नालायक स्टूडेंट थे, वो सिलेक्ट हो गए और पढ़ने वाले रह गए। यह मंजूर नहीं है। एक कॉलेज से सात स्टूडेंट्स कैसे चयनित हुए? इनमें ऐसे भी स्टूडेंट्स हैं, जो पेपर में लिख आते हैं कि नर्मदा भोपाल से निकलती (उद्गम) है। ये तो स्कूल के बच्चे भी बता देते हैं कि नर्मदा अनूपपुर के अमरकंटक से शुरू होती है। यह आंदोलन राजनीतिक नहीं बल्कि बेरोजगारों का था।

बता दें कि एक दिन पहले मध्यप्रदेश के कई जिलों में हजारों स्टूडेंट्स सड़कों पर उतर आए थे। इंदौर में बड़ा प्रदर्शन हुआ था, जहां स्टूडेंट्स ने भर्ती घोटाले के खिलाफ कलेक्ट्रेट घेर लिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संज्ञान लेते हुए पटवारी भर्ती परीक्षा प्रक्रिया रोकने के निर्देश दिए हैं जबकि स्टूडेंट्स सीबीआई जांच चाहते हैं।

प्रियंका-राहुल ने उठाए सवाल, सीएम ने दिया जांच का आश्वासन

भर्ती में घोटाले का आरोप लगाकर पूर्व सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शिवराज सरकार को घेरा। इसके बाद जिस सेंटर पर अनियमितता का आरोप लगा है, मुख्यमंत्री ने उसके नतीजों का दोबारा परीक्षण कराने का आश्वासन दिया है।

मध्यप्रदेश ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 (पटवारी) परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी का आरोप अभ्यर्थियों के साथ-साथ इंदौर कोचिंग एसोसिएशन ने भी लगाया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि दांगी ने इस मामले में कई तर्क दिए और सरकार से CBI जांच की मांग की।

गृहमंत्री बोले- मंच लगाए कांग्रेस, हर सवाल का जवाब दूंगा

भोपाल में गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने चयनित पटवारियों से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने पटवारी चयन परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगा रही कांग्रेस को भी घेरा। मिश्रा ने कहा- पटवारी परीक्षा मामले पर कोई भी तथ्य है तो मंच लगाओ, हर एक सवाल का जवाब दूंगा। मैंने उनकी पीड़ा सुनी है, किसी भी नौजवान के मन में निराशा नहीं आने दूंगा। कुछ लोग अपने राजनीतिक और व्यवसायिक हितों के लिए अभ्यर्थियों के मन में हीनभावना भरना चाहते हैं, यह निंदनीय है। पटवारी राजनीति का शिकार न हों, इसलिए मैं हर एक सवाल का जवाब दूंगा। एक भी ऐसा सवाल नहीं होगा, जिसका जवाब न दूं।

‘सिलेक्ट नहीं हुए तो कोचिंग वालों ने सड़क पर उतार दिया’

नरोत्तम मिश्रा ने कहा- कांग्रेस नेता घृणित राजनीति कर रहे हैं और मोहरा नौजवानों को बना रहे हैं। भ्रम फैला रहे हैं। इसके लिए आपको ही (चयनित 8006 कैंडिडेंट्स) आगे आना पड़ेगा। देखिए, उन्होंने (कांग्रेस ने) 15 महीने में एक भी नौकरी नहीं दी। हम एक लाख नौकरियां देने का सिलसिला चला रहे हैं। ये हमारे प्रयासों में रोड़ा डाल रहे हैं। जो लोग सिलेक्ट नहीं हुए, कोचिंग वालों ने उन्हें प्लान करके सड़क पर उतार दिया।इंदौर में गुरुवार सुबह हजारों की संख्या में छात्रों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया था।

पहले पटवारी भर्ती परीक्षा को जानिए

  • 9.75 लाख आवेदकों ने एग्जाम दिया
  • 8600 चयनित हुए
  • 70 पेपर थे। 35 दिन में परीक्षाएं कराई गईं

अब पटवारी भर्ती परीक्षा के तीन आरोपों पर सरकार के जवाब

आरोप : 10 में से 7 टॉपर एक ही NRI कॉलेज सेंटर के सिलेक्ट हुए हैं। इनमें छह लड़कियां और एक लड़का है।
मध्य प्रदेश सरकार : यह सही बात है, लेकिन सामान्य है।

आरोप : उसी NRI सेंटर से 1000 लोग मेरिट में आए।
मध्य प्रदेश सरकार : यह गलत है। इस सेंटर के 114 स्टूडेंट्स ही मेरिट में हैं। ये 1.5 प्रतिशत ही है। इससे ज्यादा तो अन्य सेंटर से मेरिट में हैं।

आरोप : ऐसे टॉपर्स को अंग्रेजी में 25 में से 25 अंक मिले हैं।
मध्य प्रदेश सरकार : ऐसा नहीं हुआ है। 13 से 22 तक नंबर आए हैं। किसी को 25 नंबर नहीं मिले हैं।

दैनिक भास्कर के साथ हुई बातचीत में एसोसिएशन और कोचिंग संचालकों का दावा है कि ये आंदोलन किसी राजनीतिक दल का नहीं बल्कि बेरोजगारों का था। परीक्षा परिणाम में टॉप 10 में 7 छात्रों का परीक्षा केंद्र NRI कॉलेज ग्वालियर है। 9 हजार अभ्यर्थियों में अधिकतर चयनित अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र एनआरआई कॉलेज था।

कोचिंग एसोसिएशन को भर्ती परीक्षा में इस तरह घोटाले की आशंका

  • एक ही परिवार के कई लोगों ने परीक्षा पास की
  • एक प्रेग्नेंट अभ्यर्थी की पेपर के 3 दिन बाद डिलीवरी होना
  • ज्यादातर टॉपर आसपास के गांव के हैं
  • कुछ टॉपर्स के अस्पष्ट हस्ताक्षर
  • ह्वाइट बैकग्राउंड फोटो की जगह पीछे घर दिखना
  • आसान से सवाल का टॉपर द्वारा गलत उत्तर पर टिक करना
  • अभी तक टॉपर्स का न सेलिब्रेशन हुआ, न मीडिया के सामने कोई आया
  • कुछ अभ्यर्थियों के सिग्नेचर सेम होना

इन तथ्यों पर निष्पक्ष जांच की मांग

  • परीक्षा में टॉप करने वाले अभ्यर्थियों की कक्षा 10वीं और 12वीं की मार्कशीट पर प्राप्तांक की जांच
  • बोर्ड पेपर में भरे गए नामांकन या आईडी प्रूफ से हस्ताक्षर की जांच
  • सभी टॉपर्स हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़े हैं या फिर इंग्लिश मीडियम स्कूल से

एक परीक्षा केंद्र से टॉप करने के कारण लगा आरोप

कोचिंग संचालकों ने बताया कि वेज्यादातर टॉपर्स के हस्ताक्षर हिंदी में हैं। एक ही परीक्षा केंद्र से इतने टॉपर का होना घोटाले की ओर इशारा करता है। दिलचस्प बात तो यह भी है कि संयुक्त परीक्षा केंद्र के इतने कठिन पेपर में अन्य परीक्षा केंद्रों के अभ्यर्थी जहां 140 नंबर नहीं ला पाए, वहीं NRI कॉलेज ग्वालियर के इस केंद्र के अभ्यर्थियों ने 188 अंक तक हासिल कर लिए।

तमाम तरह के स्क्रीनशॉट और छात्रों के रिजल्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इनमें दिख रहा है कि जिन अभ्यर्थियों ने 160 से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, वे सभी NRI कॉलेज ग्वालियर के एक ही परीक्षा केंद्र में परीक्षा देने पहुंचे थे।

मध्यप्रदेश चयन आयोग कर रहा खिलवाड़

कोचिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों का दावा है कि मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल में इससे पहले कई गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं। जैसे- कृषि विस्तार, शिक्षक, कॉन्स्टेबल भर्ती और अभी हाल ही में हुई पटवारी भर्ती।सर्वर डाउन होना, गलत प्रश्न, गलत रिजल्ट जारी करना जैसी अनियमितता कर्मचारी चयन मंडल करता आ रहा है। सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के साथ मध्यप्रदेश चयन आयोग खिलवाड़ कर रहा है।

सरकार काट रही युवाओं के पंख : इंदौर कोचिंग ऑनर्स एसोसिएशन

इंदौर कोचिंग ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि दांगी ने बताया कि ये मामला बच्चों के भविष्य से जुड़ा है। यह पहला मामला नहीं है। व्यापमं से चलते-चलते आज इनकी भूख इतनी बढ़ गई कि ये पटवारी परीक्षा तक पहुंच गए हैं। अगर अभी भी एग्जाम में होने वाली गड़बड़ियां नहीं रुकेंगी तो मेहनत करने वाले बच्चों का क्या होगा। ये लड़ाई सिर्फ इस परीक्षा की नहीं है, मध्यप्रदेश के भविष्य की है।

विनर्स इंस्टीट्यूट के फाउंडर आदित्य पटेल कहते हैं कि पहले जो ऑफलाइन परीक्षा होती थी, उसमें फर्जीवाड़े की आशंका होती थी। इस पर रोक लगाने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई, लेकिन आज तो ऑनलाइन में भी सेंधमारी होने की हद हो गई। अब सरकार से अपील है कि इस मामले में पूरी तरह से निष्पक्ष जांच हो, जिससे आने वाले समय में इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति न हो।

न्यू अतुल्य इंस्टीट्यूट के फाउंडर ने कहा कि चाहे जिसकी भी सरकार हो, स्टूडेंट्स के हित की बात के लिए पूरी ताकत के साथ लड़ाई लड़ेंगे। युवाओं के आंदोलन को सरकार दोहरे बयान देकर किसी भी हालत में नहीं रोक सकती। हमें किसी राजनीतिक दल का सहयोग नहीं चाहिए। सरकार इस आंदोलन को राजनीति से जोड़कर खत्म करना चाहती है, लेकिन ऐसा नहीं होगा। आज कलेक्टर कार्यालय में शांतिपूर्ण ज्ञापन देकर मांग रखी गई है। अगर जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।

चयनित कैंडिडेंट्स ने कहा- एक और अटेम्प्ट पाने के लिए साजिश

पटवारी भर्ती विवाद में अब चयनित कैंडिडेंट्स भी सामने आए हैं। उन्होंने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलकर कहा कि आपको भर्ती नहीं रोकना चाहिए। हमारा भविष्य खराब हो जाएगा। हम सिलेक्ट हुए हैं। ये जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, ये एक और अटैम्प्ट चाहते हैं। क्या हम पढ़कर सिलेक्ट नहीं हुए हैं? उन्होंने भी प्रदर्शन के पीछे कोचिंग संचालकों की साजिश की बात कही है।

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