~ रीता चौधरी
योनि क्षेत्र की त्वचा शरीर के बाकी हिस्सों की त्वचा की तुलना में अधिक गहरी होती है। यह सामान्य बात है। हमारी त्वचा का रंग लीनियर नहीं होता है। इसका मतलब हुआ कि शरीर के हिस्से के आधार पर रंग में भिन्नता हो सकती है। शरीर में पिगमेंटेशन का परिवर्तन पूरी तरह से सामान्य है।
इंटिमेट एरिया का डार्क कलर विभिन्न कारकों जैसे अत्यधिक मेलेनिन, शेविंग, सूरज के संपर्क और आनुवंशिक कारकों के कारण भी हो सकता है।
मगर कुछ लोग इसे और आकर्षक बनाने के लिए लाइटनिंग क्रीम्स का इस्तेमाल करते हैं।
*क्यों होता है अंतरंग क्षेत्र का रंग गहरा?*
हमारी त्वचा के रंग का पूरे शरीर में अलग-अलग दिखना सामान्य है। मेलेनिन हर जगह एक तरह नहीं होता है। हमारे हाथों का रंग काला हो सकता है, क्योंकि वे सूरज की रोशनी के संपर्क में अधिक आते हैं।
हिप्स के अलावा, योनि या जननांग क्षेत्र शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में अधिक गहरा होता है। यह विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है :
*1. बहुत टाइट अंडरवियर :*
बहुत टाइट अंडरवियर का लगातार फ्रिक्शन त्वचा को काला कर देता है। इसीलिए आरामदायक कपड़े और कॉटन जैसे प्राकृतिक रेशे से तैयार अंडरगारमेंट पहनने की सलाह दी जाती है।
टैल्कम जैसे कुछ उत्पादों के इस्तेमाल से भी त्वचा काली पड़ सकती है।
*2. पीरियड :*
माहवारी का रक्त योनि की त्वचा को छू सकता है और चूंकि यह आयरन से भरपूर होता है, इसलिए प्रत्येक मासिक धर्म के साथ, त्वचा थोड़ी काली हो सकती है।
*3. बढ़ती उम्र :*
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी स्किन कई तरह के बाहरी कारकों से अधिक प्रभावित होने लगती है। यह इस क्षेत्र की त्वचा को काला कर सकती है।
*4. हार्मोनल परिवर्तन :*
महिलाओं को अपने जीवन के कुछ चरणों जैसे यौवन, गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति में कई अचानक हार्मोनल परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है। ये परिवर्तन मेलेनिन और त्वचा के रंग को प्रभावित कर सकते हैं।
*5. आनुवंशिक वंशानुक्रम :*
अंतरंग क्षेत्र का रंग भी जीन से संबंधित हो सकता है। आप जिस क्षेत्र में रहते हैं और पारीवारिक इतिहास आपके शरीर की त्वचा का रंग निश्चित करता है। इसलिए कोरियन ब्यूटी की स्किन देखकर ज्यादा परेशान न हों।
*6. स्वच्छता उत्पादों में परिवर्तन :*
कुछ साबुन या योनि दुर्गन्ध भी अंतरंग हिस्सों को काला करने का कारण बन सकता है। रेजर से शेविंग करने से त्वचा में जलन होती है। मेलेनिन कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं और त्वचा काली पड़ जाती है। कुछ बीमारियां जैसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, गैस्ट्रिक कैंसर, हाइपोथायरायडिज्म, संक्रमण या अन्य विकार भी त्वचा के कालेपन का कारण बन सकते हैं।
*सेफ नहीं है योनि को गोरा बनाने वाली क्रीम का प्रयोग :*
योनि को गोरा बनाने वाली क्रीम का प्रयोग करना सेफ नहीं है। इन क्रीमों में वैज्ञानिक प्रामाणिकता की कमी होती है।
इनकी बजाय योनि के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए प्राकृतिक तरीकों को प्राथमिकता देने की सलाह दी जाती है। यदि अपने योनि स्वास्थ्य के बारे में कुछ भी समस्या है, तो उचित मार्गदर्शन और सलाह के लिए डॉक्टर से परामर्श करना सबसे बढ़िया है। चेतना मिशन से भी संपर्क किया जा सकता है. इसकी मेडिकल विंग निःशुल्क सर्विस देती है.
कुछ वेजाइनल लाइटनिंग क्रीम्स में ऐसी सामग्री होती हैं, जो स्किन इरिटेशन, एलर्जी रिएक्शन, सेंसिटिविटी के लिए जिम्मेदार हो सकती है।
यहां तक कि जेनिटल एरिया के डेलिकेट टिश्यू के डैमेज होने की भी संभावना बढ़ जाती है। इसलिए क्रीम का प्रयोग सेफ नहीं है।
ऐसी क्रीम जेनिटल एरिया के माइक्रोओर्गेनिज्म और पीएच लेवल के नेचुरल बैलेंस को खराब कर देता है। इससे इन्फेक्शन और अन्य वैजाइनल हेल्थ इशू हो सकता है। वैजाइनल लाइटनिंग की इच्छा कल्चरल बायस और सुंदरता के लिए समाज द्वारा स्थापित मानदंडों के कारण हो सकता है। सबसे जरूरी है इन सिद्धान्तों के प्रति महिलाओं का जागरूक होना। उनके द्वारा बॉडी एक्सेप्टेन्स को प्रमोट करना।