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तो क्या अजमेर एसपी चूनाराम जाट, भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी के जाल में फंस गए?

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एस पी मित्तल, अजमेर 

अब जब विधानसभा चुनाव में तीन माह शेष हैं, तब अजमेर में भी भाजपा और कांग्रेस में उत्साह है। चुनाव लड़ने के इच्छुक नेता तो कुछ ज्यादा ही उत्साह में हैं। अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट पहाड़ी पर ऐतिहासिक झरनेश्वर महादेव का मंदिर है। मंदिर की सेवा समिति चाहती थी कि इस बार अधिक मास में चार अगस्त को शहरी क्षेत्र में भगवान शिव की शोभायात्रा निकाली जाए। मंदिर की सेवा समिति में जो सदस्य कांग्रेस की विचारधारा के थे उन्होंने अजमेर उत्तर से कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ से संपर्क किया। चूंकि राठौड़ का प्रशासन और सरकार में दखल है, इसलिए भगवान शिव की शोभायात्रा की सरकारी अनुमति की प्रक्रिया शुरू हो गई। सिटी मजिस्ट्रेट ने अनुमति के प्रार्थना पत्र पर शोभायात्रा के मार्ग वाले कोतवाली पुलिस स्टेशन से रिपोर्ट भी मंगवा ली। पुलिस रिपोर्ट के आधार पर शोभायात्रा की अनुमति जारी होती, इससे पहले ही भाजपा विचारधारा वाले सदस्य भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी को लेकर एसपी चूनाराम जाट के पास पहुंच गए। देवनानी ने जो अति उत्साह दिखाया, उससे एसपी जाट नाराज हो गए और उन्होंने शोभायात्रा की अनुमति देने से इंकार कर दिया। एसपी के इंकार कर देने से सिटी मजिस्ट्रेट की सकारात्मक कार्यवाही धरी रह गई। एसपी का तर्क रहा कि नए धार्मिक आदेशों की अनुमति पर सरकार ने रोक लगा रखी है। जो शोभायात्राएं और धार्मिक आयोजन पूर्व में होते रहे हैं, उन्हें ही अनुमति दी जा रही है। एसपी के इंकार करते ही देवनानी ने एसपी दफ्तर के बाहर ही कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तुष्टिकरण का आरोप लगा दिया। देवनानी का कहना रहा कि कांग्रेस सरकार हिंदुओं की भावनाओं पर कुठाराघात कर रही है। प्रशासन ने पिछले दिनों समुदाय विशेष के नए धार्मिक आयोजन को स्वीकृति दी, लेकिन हिन्दुओं के धार्मिक आयोजन को अनुमति नहीं दी जाती। विधायक देवनानी ने एसपी जाट पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप भी लगाया। देवनानी ने कहा कि एसपी के अभद्र व्यवहार की शिकायत विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से की जाएगी। वहीं एसपी जाट ने विधायक देवनानी के साथ अभद्र व्यवहार किए जाने से इंकार किया है। अब प्रशासन माने या नहीं, लेकिन भाजपा को बैठे बैठाए मुद्दा मिल गया है। सकारात्मक कार्यवाही के बाद भी शोभायात्रा की अनुमति नहीं मिलने से शिव भक्तों में नाराजगी तो है ही। इस नाराजगी का नुकसान कांग्रेस को चुनाव में उठाना पड़ सकता है। जहां तक वासुदेव देवनानी का सवाल है तो वे स्वयं को पांचवीं बार अजमेर उत्तर से भाजपा का उम्मीदवार मान कर चल रहे हैं।

कावड़ यात्रा तो निकलेगी:

झरनेश्वर महादेव मंदिर सेवा समिति की शोभायात्रा को भले ही अनुमति नहीं दी गई हो, लेकिन मंदिर समिति की ओर से प्रतिवर्ष निकलने वाली कावड़ यात्रा 6 अगस्त को निकाली जाएगी। यह कावड़ यात्रा ख्वाजा साहब की दरगाह के सामने से होकर पहाड़ी पर बने झरनेश्वर महादेव मंदिर पहुंचेगी। इस यात्रा को लेकर शिव भक्तों में भारी उत्साह है। अब तक यह यात्रा शांतिपूर्ण और सद्भावना के माहौल में निकलती रही है। दरगाह के बाहर कावाडिय़ों पर पुष्पवर्षा भी की जाती है। हालांकि देहली गेट से लेकर दरगाह बाजार, अंदर कोट और पहाड़ी का इलाका मुस्लिम बाहुल्य है, लेकिन कावड़ यात्रा का स्वागत मुस्लिम प्रतिनिधि भी करते हैं। शोभायात्रा की अनुमति के विवाद के बाद प्रशासन भी मंदिर सेवा समिति की कावड़ यात्रा को लेकर सतर्क है। 

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