~ डॉ. प्रिया
ब्यूटी के इस दौर है स्किन के कलर को लेकर लोग अक्सर कॉशियस रहते हैं। बीते कुछ सालों में वेजाइनल ब्लीचिंग लोगों में खूब लोकप्रिय हो रही है। दरअसल, शेव करके प्यूबिक हेयर को हटाने से स्किन का रंग धीरे धीरे डार्क होने लगता है। इससे महिलाएं खुद को कंर्फटेबल महसूस नहीं करती हैं। हांलाकि लोग बड़ी तादाद में इस ट्रेंड को फॉलो कर रहे हैं, मगर इससे आपकी स्किन को कई प्रकार से नुकसान भी पहुंचता है।
कई प्रकार की क्रीम, लेज़र उपचार और केमिकल पील की मदद से बिकनी एरिया पर की जाने वाली ब्लीच स्किन के लिए कई तरह से नुकसानदायक है।
इससे स्किन बर्न, सूजन, इचिंज और रैशेज का जोखिम बढ़ने लगता है। अगर आप ये उपचार लेती हैं, तो इसका प्रभाव क्लीटोरिस पर भी दिखने लगता है। क्लीटोरिस पर भी घाव बनने का खतरा रहता है जिससे अराउजल के दौरान आपको दर्द का सामना करना पड़ता है।
सीधी बात : कई प्रकार की क्रीम, लेज़र उपचार और केमिकल पील की मदद से बिकनी एरिया पर की जाने वाली ब्लीच स्किन के लिए कई तरह से नुकसानदायक है।
वेजाइना पर ब्लीच करने के लिए तैयार किए गए प्रोडक्टस में कई प्रकार के हानिकारक तत्वों को प्रयोग किया जाता है। इसमें मरकरी, हाइड्रोक्विनोन और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया जाता है।
इससे स्किन के रंग में बदलाव दिखने लगता है, मगर कई प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम बढ़ने लगते हैं। लॉंग टर्म रिजल्टस को देखते हुए वजाइनल ब्लीच हमारी स्किन को कई प्रकार से नुकसान पहुंचा सकती है।
_आइए जानते हैं वजाइनल ब्लीच से होने वाले नुकसान के बारे में :_
*1. बर्निंग सेंसेशन का बढ़ना :*
वेजाइना पर ब्लीच करने के बाद आपकी स्किन पर बर्निगं सेंसेशन होने लगती है। इससे वेजाइना पर स्कार बनने का खतरा रहता है। ये स्कार लंबे वक्त तक पेनफुल बना रहता है।
ब्लीच के बाद स्किन पर निरंतर खुजली और जलन महसूस होने लगती है। ऐसे में आपको डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए।
*2. बैक्टीरियल इंफेक्शन :*
हर व्यक्ति की स्किन एक दूसरे से भिन्न है। ब्लीचिंग से वेजाइनल इरिटेशन बढ़ने लगती है। इसके चलते बैक्टीरियल इंफेक्शन का जोखिम भी दोगुना हो़ जाता है।
स्किन पर पैच टेस्ट करने के बाद ही इसे इस्तेमाल करना चाहिए। सेंसिटिव स्कीन वाले लोगों को इस तरह के प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
*3. वॉल्वा इरिटेशन :*
बिकनी एरिया पर खुजली और दर्द के अलावा वॉल्वा में इरिटेशन महसूस होने लगती है। इससे स्किन पर रेडनेस नज़र आने लगती है, जिससे सूजन का भी खतरा रहता है।
इसके अलावा वॉल्वा में पेन रहने लगती है। वेजाइनल एरिया को हेल्दी बनाए रखने के लिए इस तरह के उपचार से दूर रहें और शेव की मदद से ही बालों को क्लीन करें।
*4. स्किन एलर्जी :*
होर्मोनल इंबैलेंस और उम्र बढ़ने के कारण वेजाइना के रंग में परिवर्तन नज़र आने लगता है। अगर आप ब्लीचिंग का सहारा लेते हैं, तो इससे एलर्जी की संभावना बढ़ जाती है।
इससे स्किन पर सूजन और रैशेज उभरने लगते हैं। इसके चलते आपको कपड़े पहनने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
*5. क्लिटोरिस पर घाव का खतरा :*
क्लिटोरल हुड को आर्गेज्म का पावरहाउस माना जाता है। अगर इस पर किसी प्रकार का घाव या जलन होती है, तो उससे सेक्सुअल लाइफ भी प्रभावित होने लगती है।
अराउज़ल के वक्त पेन का अनुभव रहता है। वहीं ब्लीचिंग या लेसर उपचार से कई बार सेंसेशन होना बंद हो जाता है। इसके अलावा छूने पर दर्द भी महसूस होने लगता है।