~रीता चौधरी
कभी-कभी आप यह जान ही नहीं पाते हैं कि आपकी सेक्स ड्राइव में कमी क्यों आ गई है। आपको लगता है कि नींद की कमी या कम की अधिकता के कारण ऐसा हो रहा है। आप इसके पीछे खराब खानपान और पोषण की कमी को जिम्मेदार मान सकते हैं। पर उस ख़ास न्यूट्रीएंट के बारे में समझ और जान नहीं पाते हैं।
*विटामिन डी और सेक्स ड्राइव :*
वर्ल्ड जर्नल ऑफ़ मेंस हेल्थ के अनुसार, विटामिन डी या सनशाइन विटामिन सूरज की रोशनी की प्रतिक्रिया में स्किन द्वारा बनाया जाता है। यह कुछ खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है।
विटामिन डी की कमी के कारण एंग्जायटी, कमजोर बोंस, कमजोर इम्यून सिस्टम और टाइप 2 डायबिटीज हो सकता है। साथ ही, बेहतर सेक्स ड्राइव की कमी हो सकती है।
*क्या है कनेक्शन?*
एस्ट्रोजन एक रिप्रोडक्टिव हार्मोन है, जो ओवरी और टेस्टीज में बनता है। यह गर्भावस्था, सेक्स ड्राइव और स्पर्म प्रोडक्शन के लिए जरूरी है। मेनोपॉज के बाद जिन महिलाओं में विटामिन डी की कमी होती है, उनमें मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा अधिक होता है। इसके कारण सेक्स ड्राइव प्रभावित हो सकता है।
मेटाबोलिक सिंड्रोम से हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर और हाई कोलेस्ट्रॉल के साथ एक्स्ट्रा बेली फैट हो सकता है। इसका सीधा असर लिबिडो और सेक्स ड्राइव पर पड़ सकता है।
*विटामिन डी और टेस्टोस्टेरोन :*
विटामिन डी हॉर्मोन लेवल को प्रभावित करता है। जिन महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है, उन्हें ठीक करने में भी यह मदद करता है। पुरुषों में विटामिन डी कम होने पर टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होने की संभावना अधिक होती है।
यह उनके यौन जीवन को प्रभावित करता है। विटामिन डी सही होने पर इरेक्टाइल डिसफंक्शन में सुधार हो सकता है।
विटामिन डी का सक्रिय मेटाबोलाइट 1,25-डायहाइड्रॉक्सी विटामिन डी, स्टेरॉयड हार्मोन प्रोडक्शन में शामिल कई एंजाइमों को नियंत्रित करता है। इसमें एड्रेनल स्टेरॉयड हार्मोन और सेक्स हार्मोन के साथ ही सेक्स हार्मोन सिग्नलिंग के लिए भी जिम्मेदार है।
*विटामिन डी सप्लीमेंट :*
एंडोक्राइनोलोजिया जर्नल के अनुसार, किसी भी प्रकार का सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी जरूरी है। यदि पहले से पर्याप्त विटामिन डी लेवल है, तो अधिक विटामिन लेने से आप सेक्स पावरहाउस में बदल जाएंगी।
यदि विटामिन डी लेवल की कमी है, तो विटामिन डी सप्लीमेंट लेने से सेक्सुअल डिज़ायर में वृद्धि हो सकते है। इससे हाई लिबिडो, सेक्सुअल संतुष्टि और मूड में भी सुधार हो सकता है।
*अधिक विटामिन डी से हो सकती है समस्या :*
बहुत अधिक विटामिन डी विषाक्तता का कारण बन सकता है। यह अंत में बोन और किडनी की समस्याओं का कारण बन सकता है।
यदि आपमें विटामिन डी की कमी है, तो इसके स्तर को बढ़ाने के कई तरीके हैं। वसायुक्त मछली जैसे ट्राउट और सैल्मन भी विटामिन डी बढ़ा सकते हैं।
अंडे या फोर्टिफाइड मिल्क भी विटामिन डी बढ़ा सकते हैं। यदि आप प्लांट बेस्ड आहार ले रहे हैं, तो यूवी-एक्सपोज़्ड मशरूम, प्लांट बेस्ड फोर्टिफाइड मिल्क, साबुत अनाज और संतरे का रस भी ले सकते हैं।
इंटरनेशनल जर्नल फॉर विटामिन एंड रिसर्च के अनुसार, 19 – 70 वर्ष के लोगों को प्रति दिन 600 आईयू विटामिन डी मिलना चाहिए।