सत्ता की मलाई के चक्कर में छत्तीसगढ़ के युवा आईएएस एवं आईपीएस अफसरों की गिरफ्तारी, बर्खास्तगी की कगार पर*
*विजया पाठक, संपादक, जगत विजन*
आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि- *कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि।।* मतलब कर्म करो, फल की चिंता मत करो। क्योंकि, फल तो ईश्वर के हाथ में है। न कर्म से भागना उचित है और न ही कर्म के फल की आशा करना उचित है, शायद आधुनिक भारत की अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों को यही मूल मंत्र के साथ प्रशिक्षण दिया जाता होगा। पर इससे विमुख होकर छत्तीसगढ़ राज्य के अधिकारी राजनीतिक नेतृत्व को ईश्वर मान बैठे थे। इसका परिणाम यह है कि देश में सबसे ज्यादा दागी अधिकारी कहीं नजर आ रहे हैं तो वो छत्तीसगढ़ राज्य है। अभी 03 आईएएस अफसर ईडी की कार्यवाही से जेल में हैं। इसी कड़ी में प्रदेश के करीब-करीब 15-16 आईएएस/आईपीएस अफसरों पर कार्यवाही की तलवार लटक रही है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के यह 15-16 आईपीएस अधिकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से रात में मिलने पहुंचे थे। जहां इन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से ईडी के माध्यम से इनके ऊपर कार्यवाही को लेकर डर/आशंका जाहिर की। इसके साथ भूपेश बघेल से संरक्षण भी मांगा। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन अधिकारियों से कहा कि गलती की है तो भु्गतो। क्या मैंने कहा था कि भ्रष्टाचार करो। पर यहां यह बात भी देखने योग्य है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री अपने अधिकारियों से ऐसी बात कह रहे हैं। सवाल तो यह भी है कि क्या मुख्यमंत्री की बगैर जानकारी के प्रदेश में कोई भ्रष्टाचार हो सकता है। अधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री भी इन भ्रष्टाचार में शामिल हैं?
खैर, सूत्रों के मुताबिक तमाम भ्रष्टाचार को लेकर छत्तीसगढ़ के इन 16 आईपीएस अधिकारियों की एक-एक फाईल केंद्र द्वारा बनाई गई हैं जिसकी मॉनिटरिंग सीधे गृहमंत्री कर रहे हैं। इसमें कोयला घोटाला, शराब घोटाला, महादेव ऐप घोटाला तो हैं ही इसके अलावा अन्य कारनामें/घोटाले भी दर्ज हैं। जैसे अवैध तरीके से प्रकरण नस्तीबद्ध करना इत्यादि। इनमें से एक अधिकारी के लिए प्रदेश भाजपा के बड़े नेता भी लॉबिंग कर रहे हैं, पर इन पर शिकंजा कसा हुआ है। इस मीटिंग में शायद उनको एक टका सा जवाब ही मिला होगा कि आपने यह क्यों किया। बात भी सही है। आजाद भारत में नेताओं के कहने पर अधिकारी ही फंसता है। उदाहरण के तौर पर केंद्र का कोयला घोटाला में मंत्री जी को नहीं पूर्व कोल सेकेट्री एचसी गुप्ता को तीन साल की सजा हुई जबकि गुप्ता ईमानदार अफसर थे पर बस उनसे एक गलती हो गई। अपने कर्म की जगह मंत्री को भगवान बना लिया। जिसका नतीजा सबके सामने है।
इन आईपीएस अफसरों के साथ प्रदेश के करीब-करीब 12 आईएएस अधिकारी/कलेक्टर भी डीएमएफ घोटालों में रडार पर हैं। लालफीताशाही की एक कहावत है कि सत्ता के पास रहोंगे तो मलाई खाने को मिलती है। छत्तीसगढ़ में इस मलाई को खाने के चक्कर में प्रदेश के आईएएस और आईपीएस को जेल की सूखी रोटी खाने की नौबत आ रही है। प्रदेश के आईएएस, आईपीएस जिस प्रकार सत्ता के दलालों की गुलामी करते थे और उनके कहने पर हर गलत काम करने को तैयार हो जाते थे। उसका नतीजा आज साफ दिख रहा है। इस दुष्चक्र का अंत तो होना ही था।
छत्तीसगढ़ में जबसे कांग्रेस सरकार बनी तब से इन अधिकारियों में सत्ता की मलाई खाने को लेकर होड़ सी मच गई। जिसके लिए इन्होंने हर तरीके के गलत काम करने से भी गुरेज नहीं किया। इन लोगों के सिर पर पैसा और पॉवर का ऐसा नशा चढ़ा कि यह लोग अपनी मेहनत और बलिदान के दिन भी भूल गए। इन सत्ता के दलालों का साथ शुरूआत में तो अच्छा लगता है पर बाद में दम सा घुटता है। यह अधिकारी यह भूल गए थे की भूपेश बघेल प्रदेश के ना तो पहले मुख्यमंत्री हैं और ना तो आखिरी मुख्यमंत्री रहेंगे। सरकारें तो आती जाती रहती हैं पर प्रशासनिक पद पर आप सब को काफी लंबा रहना था। पर शायद इस समय यह अधिकारी अपने कर्म से विमुख होकर यह भी भूल गए हैं कि वो यूपीएससी से चयनित अखिल भारतीय सेवाओं के अफसर हैं, जिनका मूल केंद्र के पास होता है।
आप में से कुछ अधिकारी तो मुझे भी अनैतिक तौर पर जेल भेजने के फिराक में थे, मेरे बारे में अपशब्द कहते हैं। मुझे बाल से घसीटकर लाने की बात करते हैं। पर इसके इतर मुझे इतने सारे प्रदेश के होनहार अफसरों का करियर समाप्त होने का दर्द है।
आज छत्तीसगढ़ शायद देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां इतने सारे अखिल भारतीय सेवाओं के अफसर बर्खास्त होने के नज़दीक हैं। मेरी आप सबको सलाह रहेगी कि राजनैतिक आकाओं से हां से हां मिलाने की जगह आप अपने कर्म/कर्तव्यों पर ध्यान दें, इस दलदल से आप सब बाहर आएं। मैं ऐसी ईश्वर से कामना करूंगी।