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BJP की दूसरी सूची आज:C कैटेगरी में रखी गईं इंदौर की 2 सीटें

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इंदौर

मप्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी अपनी दूसरी सूची आज शाम या कल तक जारी कर सकती है। दूसरी सूची को लेकर बुधवार शाम को बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई थी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में बीजेपी की दूसरी सूची में शामिल होने वाले नामों पर मुहर लग गई है। इसमें इंदौर की भी 2 सीटें शामिल हैं। दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में हुई इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के साथ ही मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा शामिल हुए थे।

बीजेपी ने आगामी चुनाव को लेकर टिकट वितरण के लिए प्रदेश की 230 सीटों को चार (A, B, C और D) कैटेगरी में बांटा है। बीजेपी 25 दिन पहले D कैटेगरी में शामिल 39 सीटों पर टिकट घोषित कर चुकी है। इसमें इंदौर जिले की राऊ विधानसभा सीट भी शामिल थीं। वहीं बीजेपी अब अपनी दूसरी सूची में C कैटेगरी में शामिल सीटों पर टिकट घोषित करने की तैयारी में है। इसमें एक सीट इंदौर शहर से विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 हैं और दूसरी इंदौर ग्रामीण की देपालपुर विधानसभा सीट हो सकती है।

हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बीजेपी दूसरी सूची में इंदौर को होल्ड भी कर सकती है। बीजेपी ने भले ही C कैटेगरी में इंदौर 1 और देपालपुर को शामिल किया है लेकिन पार्टी दूसरी सूची में इन सीटों के नाम घोषित करने में जल्दी नहीं करेगी। हालांकि, इसकी क्या वजह है, यह भी दिलचस्प है

वह 2 कारण जिस वजह से बीजेपी इंदौर 1 और देपालपुर को कर सकती है होल्ड…

  • एक्सपर्ट्स का कहना है कि दोनों ही सीटों पर पार्टी के कार्यकर्ता व पदाधिकारी टिकट के लिए दावेदारी कर रहे पूर्व विधायकों का विरोध हो रहा है।
  • पिछले साल निकाय चुनाव के बाद जो समीकरण बने हैं, उसके बाद दोनों ही सीटें ऐसी है जिस पर पार्टी दमदारी से चुनाव लड़ती है तो कांग्रेस से छीन भी सकती है। भले ही ये अभी सी कैटेगरी में क्यों न हो

यह मापदंड है A, B, C और D कैटेगरी के

  • A कैटेगरी में वह सीटें शामिल है, जो बीजेपी की परंपरागत गढ़ वाली सीट हैं। जहां वह पिछले लगातार जीत दर्ज कर रही है। इस कैटेगरी में इंदौर 4 और इंदौर 2 और सांवेर शामिल है।
  • B कैटेगरी में वह सीटें हैं जहां बीजेपी लगातार जीत तो रही है लेकिन जरा सी गलती की वजह से वह सीट गंवा सकती है। इस कैटेगरी में इंदौर 3, इंदौर 5 और महू शामिल है।
  • C कैटेगरी में वह सीटें शामिल है जो पिछले चुनाव में पार्टी के हाथ से निकल गई। जिसे वह दोबारा जीत सकती है। इसमें इंदौर 1 और देपालपुर की सीट शामिल है।
  • D कैटेगरी में वह सीटें शामिल है। जहां बीजेपी लगातार चुनाव हार रही है और इस बार भी स्थिति कमजोर रही है। इस कैटेगरी में राऊ विधानसभा जैसी सीटें शामिल है। इस कैटेगरी में शामिल सीटों के टिकट बीजेपी घोषित कर चुकी है।

C कैटेगरी में शामिल इंदौर की 2 सीटों पर यह समीकरण बने हुए है

इंदौर 1 में यह 7 नेता ताल ठोंक रहे हैं…

सुदर्शन गुप्ता : 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के संजय शुक्ला से 8 हजार 163 वोट से हारे। लेकिन 2022 में हुए नगर निगम चुनाव में महापौर प्रत्याशी पुष्यमित्र को अपने क्षेत्र से 20 हजार से ज्यादा की लीड दिलाई थी। प्रदेश चुनाव समिति के संयोजक व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के इंदौर में सबसे भरोसेमंद समर्थक माने जाते हैं। गुप्ता युवा मोर्चा के समय से ही तोमर के नजदीकी रहे हैं।

  • ऊषा ठाकुर : 2003 में विधानसभा 1 से विधायक रह चुकी हैं। तब उन्होंने तत्कालीन विधायक व कांग्रेस के दिग्गज नेता भल्लू यादव को हराया था। ऊषा ठाकुर संघ की खास है। चुनाव में संघ पूरी मदद करता है। ऊषा ठाकुर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की समर्थक है।
  • सौगात मिश्रा : वर्तमान में भाजपा युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि संजय शुक्ला को टक्कर देने के लिए पार्टी ब्राह्मण होने के नाते टिकट दे सकती है।
  • टीनू जैन : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के खास हैं, साथ ही बीजेपी आलाकमान के नेताओं से अच्छी पैठ है। युवा मोर्चा में 2 बार जिला महामंत्री, युवा मोर्चा प्रदेश पदाधिकारी, पार्षद रहे हैं। अभी भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी है।
  • अमरदीप मौर्य : युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हैं। दो बार से विधानसभा का टिकट मांग रहे हैं। नरेंद्र सिंह तोमर गुट से आते हैं। मौर्य को तोमर के अध्यक्षीय कार्यकाल में ही युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
  • गोलू शुक्ला : सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रभात झा के खास समर्थक हैं। गोलू शुक्ला पहले ऐसे IDA उपाध्यक्ष हैं जिन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मिला है।1 नंबर के वर्तमान विधायक व चचेरे भाई संजय शुक्ला के खिलाफ पार्षद का चुनाव लड़ चुके हैं।
  • कमलेश खंडेलवाल : ​​​​​​2013 में निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। 2018 में कांग्रेस के संजय शुक्ला के लिए काम किया था। 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा देकर अभी न्यूट्रल हैं। लेकिन भाजपा सूत्रों का कहना है कि मुख्य समय में कैलाश विजयवर्गीय गुट के ज़रिए टिकट के लिए जोर लगा सकते हैं।

देपालपुर से पूर्व विधायक और आईडीए अध्यक्ष सहित कुल 3 नेता ठोंक रहे ताल…

मनोज पटेल : पूर्व मंत्री और जनसंघ के दिग्गज नेता निर्भय सिंह के पुत्र हैं। पूर्व में देपालपुर से विधायक रह चुके हैं। सीएम के खास माने जाते हैं।

  • जयपाल सिंह चावडा : वर्तमान में IDA के अध्यक्ष हैं। जब आईडीए अध्यक्ष बने तो इंदौर के स्थानीय नेताओं ने काफी विरोध किया। लेकिन विरोधी कुछ नहीं कर पाए। पूर्व संभागीय संगठन मंत्री रह चुके हैं। संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। लगभग 15 साल पहले जब पहली बार संगठन मंत्री बने तो विदिशा ज़िला मिला। यह सीएम का गृह जिला है। इस कारण सीएम की पहली पसंद।
  • राजेंद्र चौधरी: भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी के सामने अगर स्थानीय प्रत्याशी का मुद्दा बनता है तो राजेंद्र चौधरी पहली पसंद होंगे। युवा चेहरा होने के साथ ही जबरेश्वर सेना के संरक्षक है। बीजेपी नेताओं के साथ ही संघ के बड़े नेताओं से सीधे संपर्क में।

इंदौर 1 और देपालपुर में हो रहा विरोध, दोनों ही सीटों पर पूर्व विधायकों का विरोध

इंदौर 1- दो बार के विधायक सुदर्शन गुप्ता की दावेदारी का विरोध उनके समर्थक नेता ही कर रहे हैं। ​​​​​​बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं ने गुप्ता के विरोध में रैली भी निकाली। इसमें ‘अमित शाह न्याय करो’ और ‘भाजपा जिंदाबाद’ के साथ ‘अबकी बार, नया उम्मीदवार’ जैसे नारे भी लगे। विरोधियों का एक गुट सुदर्शन को टिकट नहीं देने की मांग लेकर भोपाल में भी अपनी बात रख चुका है।

सुदर्शन गुप्ता का बीजेपी कार्यकर्ता व पदाधिकारी भोपाल में भी विरोध दर्ज करा चुके है।

सुदर्शन गुप्ता का बीजेपी कार्यकर्ता व पदाधिकारी भोपाल में भी विरोध दर्ज करा चुके है।

देपालपुर- इंदौर की देपालपुर विधानसभा सीट पर स्थानीय प्रत्याशी की मांग की को लेकर पूर्व विधायक का विरोध हो रहा है। 2018 चुनाव में भी पार्टी कार्यकर्ताओं ने यही मांग उठाई थी। नतीजा यह रहा कि इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी मनोज पटेल हार गए। सूत्रों का कहना है कि देपालपुर के स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आलाकमान को बता दिया है कि इस बार भी बाहरी उम्मीदवार उतारा जाता है तो 2018 जैसी हार तय है।

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