आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन के फैसले को जायज ठहराते हुए जेडीएस चीफ एचडी देवगौड़ा ने कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि सेकुलर डेमोक्रैट का नकली मुखौटा पहन कर कांग्रेस पूरे देश की सेकुलर ताकतों को बर्बाद कर देना चाहती है।
देवगौड़ा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से समझौते का मतलब यह नहीं है कि जेडीएस अपने सेकुलर मूल्यों से किनारा करने जा रही है।
बेंगलुरू में एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि “यहां तक कि अगर हम बीजेपी के साथ एक सरकार भी बनाते हैं उसके बाद भी हम अल्पसंख्यकों की रक्षा के मामले को नहीं छोड़ेंगे। इस बात में कोई शक नहीं है कि हम अल्पसंख्यकों की रक्षा करेंगे।”
उन्होंने कांग्रेस के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि हम आप को ऐसे सैकड़ों उदाहरण दे देंगे जहां अपने राजनीतिक लाभ, राजनीति को एक परिवार द्वारा संचालित किए जाने, एक परिवार द्वारा राजनीतिक नियंत्रण, आप लोगों को मूर्ख बनाना चाहते हैं।
देवगौड़ा ने कर्नाटक में 2019 की जेडीएस और कांग्रेस की सरकार के पतन के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। इसके पहले जेडीएस नेताओं ने सिद्धारमैया पर आरोप लगाया था जिसमें कहा गया था कि उन्होंने अपने समर्थक विधायकों से एचडी कुमार स्वामी के नेतृत्व में चलने वाली सरकार को गिराने के लिए बीजेपी की तरफ चले जाने के लिए कहा था।
उन्होंने पूछा कि यहां बीजेपी की सरकार के गठन के लिए कौन जिम्मेदार था? क्या कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इस बात को नहीं जानता है? इसके साथ ही इसमें जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस बीएम फारूक को समर्थन देने में नाकाम रही जब जेडीएस ने उनको राज्यसभा के लिए नामांकित किया था।
देवगौड़ा ने कहा कि उनको किसने हराया? वो सभी बड़े नेता हैं। मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता हूं। यही सेकुलर पार्टी की स्थिति है।
देवगौड़ा का कहना था कि कांग्रेस ने एक के बाद दूसरी भीषण गलती की है। गलती के बाद गलती। और अब सेकुलर डेमोक्रेसी की बात करना चाहती है।
यह पूछे जाने पर कि क्या गठबंधन रीजनल पार्टी को नुकसान पहुंचाएगा उन्होंने कहा कि समझौते के लिए प्रस्ताव के शुरुआती दौर में इस पर बातचीत हुई थी। गठबंधन का फैसला सभी 19 विधायकों और 8 विधायकों से बातचीत के बाद हुआ था। उन्होंने पूछा कि क्या देश में कोई ऐसी पार्टी है जो बीजेपी के साथ कोई रिश्ता नहीं रखने का दावा कर सकती है? यह दावा करते हुए कि यहां तक कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को हराने के लिए वामपंथी नेताओं ने भगवा पार्टी के साथ हाथ मिलाया था।
उन्होंने कहा कि गठबंधन अवसरवादी राजनीति नहीं थी। जिस पार्टी के साथ 40 सालों तक काम किया उसको बचाने की यह पीड़ा है। इसमें किसी तरह की लालच की बात नहीं है। यह मैं हूं जिसने फैसला लिया है।
दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। सीटों पर बातचीत से पहले बीजेपी का संसदीय बोर्ड गठबंधन पर अपनी मुहर लगाएगा।
ढेर सारे अल्पसंख्यक नेताओं के जेडीएस छोड़कर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुद्दा यह है कि उनकी पार्टी अल्पसंख्यकों की रक्षा करेगी या नहीं। उन्होंने कहा कि “हम करेंगे….हमने अल्पसंख्यकों को छोड़ा नहीं है और भविष्य में भी उन्हें नहीं छोड़ेंगे….यहां तक कि अगर बीजेपी के साथ सरकार भी गठित करते हैं तो हम अल्पसंख्यकों की रक्षा करने से पीछे नहीं हटेंगे। इसमें कोई शक होना ही नहीं चाहिए। हम अल्पसंख्यकों की रक्षा करेंगे।”
देवदुर्ग से विधायक करेम्मा की नाराजगी के सवाल पर देवगौड़ा ने कहा कि विधायक ने उन्हें फोन किया था और इस बात का वादा किया है कि उनके और कुमारस्वामी के जिंदा रहने तक वह पार्टी नहीं छोड़ेगा।