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*मेमोरीलॉस डिसऑर्डर :  मस्तिष्क को बूढा होने से बचाएं*

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      ~ डॉ. प्रिया 

  एक समय के बाद हर कोई बुढ़ापे की उम्र में प्रवेश करता है। शरीर के साथ-साथ दिमाग भी बूढ़ा होता है। इसके कारण हो सकता है कि आप कोई काम करने के लिए घर के किसी कोने में गए हों और वह काम आप भूल गए हों। बातचीत के दौरान किसी परिचित का नाम भी भूल सकते हैं। हालांकि याददाश्त में कमी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन उम्र बढ़ने पर संज्ञानात्मक गिरावट आ सकती है।

       वृद्ध लोगों में मेमोरी लॉस डिसऑर्डर सिर्फ उम्र बढ़ने के कारण नहीं, बल्कि ऑर्गेनिक डिसऑर्डर, मस्तिष्क की चोट, न्यूरोन संबंधी बीमारी भी हो सकती है। ब्रेन को उम्र बढ़ने के बावजूद युवा बनाये रखा जा सकता है।

*बूढ़ी देह का दिमाग भी बना रहे युवा :*

      हार्वर्ड पब्लिशिंग हेल्थ के अनुसार, शारीरिक रूप से सक्रिय रहने, पर्याप्त नींद मिलने, धूम्रपान नहीं करने, अच्छे सामाजिक संबंध होने, यथासंभव सेक्सरत रहने और भूमध्यसागरीय शैली का आहार लेने से ब्रेन हेल्थ को फायदा पहुंचता है।

     उम्र के साथ-साथ याददाश्त और अन्य संज्ञानात्मक परिवर्तन कम हो सकते हैं। कई तरीके से दिमाग को सक्रिय रखकर दिमाग को बूढ़ा होने से बचाया जा सकता है।

     *1. सीखते रहें :*

हाई लेवल का एजुकेशन बेहतर मानसिक कार्यप्रणाली से जुडा है। उन्नत शिक्षा व्यक्ति को मानसिक रूप से सक्रिय रहने की आदत डालकर याददाश्त को मजबूत रखने में मदद कर सकती है।

     मानसिक एक्सरसाइज के साथ अपने मस्तिष्क को चुनौती देने से ऐसी प्रक्रियाएं सक्रिय हो जाती हैं, जो व्यक्तिगत मस्तिष्क कोशिकाओं को बनाए रखने और उनके बीच कम्युनिकेशन को प्रोत्साहित करने में मदद करती हैं।

     कोई शौक पूरा करना, कोई नया कौशल सीखना, सेल्फ केयर करना या सलाह देना भी दिमाग को तेज़ बनाये रखता है।

*2. सभी इंद्रियों का प्रयोग करें :* 

   कुछ सीखने में जितनी अधिक इंद्रियों का उपयोग किया जायेगा, मस्तिष्क उतना ही अधिक स्मृति बनाए रखने में शामिल होगा। गंध को पहचानने की क्षमता नहीं खोनी चाहिए। गंध से स्मरण शक्ति जुड़ी होती है।

    ब्रेन इमेजिंग से पता चला कि मस्तिष्क का मुख्य गंध-प्रसंस्करण क्षेत्र पिरिफॉर्म कॉर्टेक्स तब सक्रिय हो गया जब लोगों ने वस्तुओं को मूल रूप से गंध के साथ जोड़ा हुआ देखा।

     भले ही गंध अब मौजूद नहीं थी और उन्हें याद रखने की कोशिश भी नहीं की गयी थी। इसलिए काम करते समय अपनी सभी इंद्रियों को चुनौती दें।

*3. मस्तिष्क के उपयोग को प्राथमिकता :*

       यदि यह याद रखने में मानसिक ऊर्जा का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है कि आपने अपनी चाबियां कहां रखी थीं या किसी के जन्मदिन की पार्टी के समय जाना होगा।

     इससे आप नई और महत्वपूर्ण चीज़ों को सीखने और याद रखने पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। नियमित जानकारी को सुलभ बनाए रखने के लिए स्मार्ट फोन रिमाइन्डर, कैलेंडर, मानचित्र, शॉपिंग सूचियां, फ़ाइल फ़ोल्डर और एड्रेस बुक का लाभ उठाएं।

   अपने चश्मे, पर्स, चाबियों और आपके द्वारा अक्सर उपयोग की जाने वाली अन्य वस्तुओं के लिए घर पर एक स्थान तय करें।

*4. जो जानना चाहें उसे दोहराएं :*

     जब आप कोई ऐसी बात याद करना चाहते हैं, तो जो आपने अभी-अभी सुनी, पढ़ी या जिसके बारे में सोचा हो, उसे ज़ोर से दोहराएं या लिख लें।

    इस तरह आप मेमोरी या कनेक्शन को सुदृढ़ कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपको अभी-अभी किसी का नाम बताया गया है, तो उससे बात करते समय नाम का उपयोग करें।

*5. अध्ययन जरूरी :*

दोहराव तब सबसे अधिक प्रभावी होता है जब यह सही समय पर हो। किसी बात को कम समय में कई बार न दोहराना सबसे अच्छा है, जैसे कि आप किसी परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हों।

    इसके बजाय, लंबे समय के बाद जरूरी चीजों का दोबारा अध्ययन करें – एक घंटे में एक बार, फिर हर कुछ घंटों में, फिर हर दिन।

     अध्ययन की अवधि में अंतर रखने से याददाश्त में सुधार करने में मदद मिलती है। यह विशेष रूप से तब मददगार होता है जब आप काम्प्लेक्स जानकारी, जैसे कि किसी नए वर्क असाइनमेंट पर महारत हासिल करने की कोशिश कर रहे हों।

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