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सिंगाजी पावर प्लांट से नहीं मिली फ्लायएश इंदौर के हाईवे प्रोजेक्ट उलझे

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इंदौर । शहर के हाईवे और फ्लायओवर प्रोजेक्ट के काम फ्लायएश (पावर प्लांट से निकलने वाली राख) नहीं मिलने के कारण बुरी तरह उलझ गए हैं। बीते कई महीनों की मशक्कत के बाद प्रदेश सरकार का ऊर्जा विभाग नेशनल हाईवेज अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) को सिंगाजी पावर प्लांट से फ्लायएश उपलब्ध कराने के लिए तैयार हुआ था, लेकिन जब राख परिवहन के लिए टेंडर बुलाए गए तो उसमें किसी कंपनी ने टेंडर नहीं भरा। 

अब ऊर्जा विभाग ने टेंडर भरने की तारीख बढ़ा दी है। सूत्रों ने बताया कि पहले अक्टूबर के पहले हफ्ते में टेंडर खोले जाना थे, लेकिन टेंडर नहीं आने से समय बढ़ाकर अक्टूबर के आखिरी हफ्ते तक कर दिया गया है। नियमानुसार निर्माण साइट तक राज्य सरकार को अपने खर्च पर फ्लायएश एनएचएआई को उपलब्ध करवाना है। यही वजह है कि ऊर्जा विभाग ने पावर प्लांट में जलाए गए कोयले से पैदा हुई राख के परिवहन के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं।

30 लाख क्यूबिक मीटर राख चाहिए
एनएचएआई को अपने विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए लगभग 30 लाख क्यूबिक मीटर राख की जरूरत है। इसका उपयोग अर्जुन बड़ौदा, एमआर-10, रालामंडल फ्लायओवर, इंदौर-हरदा और इंदौर-अकोला फोर लेन हाईवे के निर्माण में होना है। राख का उपयोग अर्थवर्क और भराव में होता है।

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