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*इंदौर के रीगल टाकीज में लगी आग, साजिश या हादसा?* 

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आग टाकीज में ऊपर की तरफ बने रेस्टोरेंट में लगी थी। यहां कोई बिजली कनेक्शन नहीं है, इसके बाद भी आग कैसे लगी, इसकी जांच की जा रही है।

आग टाकीज में ऊपर की तरफ बने रेस्टोरेंट में लगी थी। दो माह पहले भी यहां आग लगी थी।

टाकीज की बिजली लंबे समय से कटी हुई है, इसलिए शार्ट सर्किट से आग नहीं लग सकती है।

 *1934 में हुआ था टाकीज का निर्माण। इसमें पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र लगी थी।* 

इंदौर के सबसे पुराने रीगल टाकीज में मंगलवार को फिर आग लग गई। सूचना के बाद फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। आग टाकीज में ऊपर की तरफ बने रेस्टोरेंट में लगी थी। दो माह पहले भी यहां आग लगी थी। उल्लेखनीय है कि यहां कोई बिजली कनेक्शन नहीं है, इसके बाद भी आग कैसे लग गई।

बता दें कि रीगल टाकीज वर्तमान में नगर निगम के कब्जे में हैं। लेकिन दूसरी बार यहां आग लगने के पीछे किसी की साजिश भी हो सकती है। इससे पहले सात अगस्त को भी आग लगी थी, जिसमें टाकीज की कुर्सियां, पर्दे आदि सामग्री जल गई थी। बताया जा रहा है कि टाकीज के अंदर लंबे समय से बिजली कटी हुई है, इसलिए शार्ट सर्किट के कारण तो आग नहीं लग सकती है।

 *1934 में हुआ था टाकीज का निर्माण* 

वहीं कुछ लोगों का कहना है कि कचरे में आग लगाई है, जिसके कारण काफी आगे तक फैल गई थी। फिलहाल आग लगने के कारण की जांच की जा रही है। रीगल टाकीज का निर्माण वर्ष 1934 में हुआ था। तब इसमें पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र लगी थी। हालांकि, आग बुझाने में एक टैंकर भी पानी नहीं लगा और आग के कारण ज्यादा नुकसान भी नहीं हुआ है।

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