रामबाबू अग्रवाल
दुनिया में आज जिस समाजवाद की बात की जाती है उसको 5100 वर्ष पूर्व ही महाराजा अग्रसेन ने सार्थक कर दिखाया था। महाराजा अग्रसेन को समाजवाद का सच्चा प्रणेता कहा जाता है। महाराजा अग्रसेन ने तंत्रीय शासन प्रणाली के प्रतिकार में एक नयी व्यवस्था को जन्म दिया। अपने क्षेत्र में सच्चे समाजवाद की स्थापना हेतु महाराजा अग्रसेन ने नियम बनाया था कि उनके नगर में बाहर से आकर बसने वाले हर व्यक्ति की सहायता के लिए नगर का प्रत्येक निवासी उसे एक रुपया नगद व एक ईंट देगा, जिससे आसानी से उसके लिए निवास स्थान व व्यापार करने के लिये धन का प्रबन्ध हो जाए। उन्होंने पुन: वैदिक सनातन आर्य सस्कृंति की मूल मान्यताओं को लागू कर राज्य के पुनर्गठन में कृषि-व्यापार, उद्योग, गौपालन के विकास के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की पुन: प्रतिष्ठा का बीड़ा उठाया। महाराजा अग्रसेन समाजवाद के प्रर्वतक, युग पुरुष, राम राज्य के समर्थक एवं महादानी थे। महाराजा अग्रसेन उन महान विभूतियों में से थे जो सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय: कृत्यों द्वारा युगों-युगों तक अमर रहेंगे।आज भी इतिहास में महाराज अग्रसेन परम प्रतापी, धार्मिक, सहिष्णु, समाजवाद के प्रेरक महापुरुष के रूप में उल्लेखित हैं। देश में जगह-जगह अस्पताल, स्कूल, बावड़ी, धर्मशालाएँ आदि अग्रसेन के जीवन मूल्यों का आधार हैं और ये जीवन मूल्य मानव आस्था के प्रतीक हैं।
वे एक धार्मिक, शांति दूत, प्रजा वत्सल, हिंसा विरोधी, बली प्रथा को बंद करवाने वाले, करुणानिधि, सब जीवों से प्रेम, स्नेह रखने वाले दयालू राजा थे। महाराजा अग्रसेन नैना केवल अग्रवाल समाज को सर मोड बनाने के लिए प्रयास किया बल्कि सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी जन जागृति फैलाने का प्रयास किया जिसमें नरबलि से पशु बलि बंद करवाने और शराब बंदी लागू करने के लिए भी उन्होंने लोगों को प्रेरित किया वे चाहते थे कि शराब जैसी बुराई समाज में व्याप्त नहीं होना चाहिए क्योंकि यह लट परिवारों को विघटित करने वाली है इसलिए इसे रोका जाना चाहिए और इसलिए उनके राज्य में शराब बंदी लागू की गई ।
वर्तमान में भारत में अग्रवाल समाज की स्थिति…….
महाराज अग्रसेन जयंती के अवसर पर हम सब को इस बात पर विचार करना चाहिए कीअग्रवाल समाज भारत का ऐसा मुख्य समाज है, जो भारतवर्ष के उद्योग, दानधर्म एवं देश के प्रति कर्तव्य निष्ठा, अनुसंधान, रिसर्च, राष्ट्र निर्माण में हमेशा अग्रसर रहा है। समाज द्वारा नैतिक मूल्यों में भी अग्रणी रहा है। विश्व की 5वी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में अग्रवाल समाज का बड़ा योगदान है। भारत की अर्थव्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था में अग्रवाल समाज के योगदान को कुछ इन बिंदुओं से समझा जा सकता है
1. भारत के कुल इनकम टैक्स में 24% योगदान ।
2. लगभग 35% चार्टर्ड अकाउंट, 8% इंजीनियर, 10% डॉक्टर, 21% कंपनी सेक्रेटरी, 21% कॉस्ट एकाउंटेंट्स,
3.7% एम बी ए, 3% वकील ।
लगभग 12000 गौशालाओं का सुचारू संचालन समाजगणों द्वारा किया जा रहा है।
4. भारत के 46% शेयर ब्रोकर एवं अन्य प्रकार के ब्रोकर अग्रवाल समाज के है ।
5. भारत की जीडीपी में लगभग 20% योगदान |
6. भारत में विभिन्न प्रकार के दिए जाने वाले दान में 62% योगदान ।
7. लगभग 60% से ज्यादा धर्मशालाए अग्रवाल समाज द्वारा संचालित होती है।
8. मंदिरों में दिए जाने वाले दान में ज्यादा हिस्सा अग्रवाल समाज का होता है।
देश भर में अग्रवाल समाज के बच्चे स्टार्टअप कर रहे है, नए-नए आयडियास से समाज की बड़ी-बड़ी कंपनियों को उनको सीडफड उपलब्ध कराने के साथ साथ और कैसे प्रोत्साहित किया जा सकता है योजनाओं बनाना चाहिये एवं आर्थिक रूप से समाज के कमजोर वर्ग को हर क्षेत्र में आर्थिक सामाजिक राजनैतिक में लगना चाहिये कि समाज हर जगह चाहियें कि समाज हर जगह उनके साथ खड़ा ही क्यों कि हम डोनेशन (चंदा) देने में आगे है हर शक्तिशाली राजनैतिक दल समाज का समय समय पर भरपुर उपयोग करता है, पर राजनीति मे ताकत देने में पीछे क्यो ?
ग्राम पंचायत, पार्षद, नगर निगम, नगर पालिका, विधायक, सांसद में आगे बढ़कर सामजिक लोग राजनैतिक शक्ति प्राप्त करना एवं समाज के होनहारों को आगे बढाना, आज की आवश्यकता है तन-मन-धन से यूथ को प्रोत्साहित करना चाहिये एवं समाज का संगठन ग्राम पंचायत से उपर तक मजबूत करने की आवश्यकता है।
आज भी देशभर में सिर्फ 5 प्रतिशत आयकर दे रहे है या रिर्टन भरते है या जी.एस.टी देते है उनमें अग्रवाल समाज अग्रणी है, रोजगार देने में भी एवं सेवा कार्यों में भी समाज के लोगों को मान-सम्मान प्रतिष्ठा भी मिलना चाहिये। चाहे उनके नाम पर रोड बनाये या अन्य कार्य, आज जैन समाज विद्यार्थियों के लिये जे आय टी ओ चला रहे है। अग्रवाल समाज को इस मामले में अग्रणी बनना पड़ेगा।
समाज की ऐसी विधी, नियम तैयार करे, क्योकि रिजर्वेशन पालिसी या आरक्षण ने हमारे योग्य बच्चों। को विदेश जाने के लिये मजबूर कर दिया है, आज देश का योग्य ब्रेन बाहर जा रहा है क्यो ?.
क्योकि यहां सरकारी नौकरियों में स्थान नही मिलता आय.जी हो या डॉक्टर या इंजिनियर, टेक्नीकल स्थानों पर कमजोर वर्ग को पसिंग नंबर देकर डाक्टर, इंजनियर बनाना देश के लिये घातक है, सब जानते है, बडे-बडे नेता ओर अफसर अपना इलाज कराने विदेश चले जाते है, पर राजनैतिक मजबूरी के कारण देश ये सब सहन कर रहा है और करेगा। जब आरक्षण का फायदा आज भी चाहे ओ.बी. सी. हो या जाट, मीणा, गुर्जर या अन्य उन्ही परिवारों को मिल रहा है, जिनने एक बार पहले ले लिया।
साथ ही राजनैतिक के साथ समाज को शराब की बुराईयों से भी दूर होना चाहिये, एक्सीडेन्ट में समाज के होनहार चले जाते है एवं कुरीति एवं बुराइयों को दूर करने का सन्देश जाना चाहिये होनहारों में। इसलिए चिन्तन करके एक्शन लेना हमारे लिये जरूरी हो गया है। कही ऐसा समय न आ जाये कि हम आर्थिक स्थिति में तो मजबूत रहेंगे पर राजनैतिक हस्ती न होने से अन्याय सहन करना पडेगा। इकोनामिक पावर को पोलेटिक्स पावर में बदलना पडेगा।
आर्थिक शक्ति के साथ राजनैतिक शक्ति में भी बढना चाहिये। अन्यथा अन्य शक्तिशाली जातियों द्वारा दबाया जायेगा।