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राजस्थान में 30 अक्टूबर से नामांकन होगा

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एस पी मित्तल अजमेर 

सब जानते हैं कि राजस्थान में पिछले पांच वर्ष से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रतिद्वंदी नेता सचिन पायलट के बीच लड़ाई झगड़ा होता रहा। गहलोत ने जहां पायलट और उनके समर्थक विधायकों पर भाजपा से 20-20 करोड़ रुपए लेकर सरकार गिराने का आरोप लगाया। वहीं पायलट का कहना रहा। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के बीच मिलीभगत है। पायलट ने तो अपनी ही सरकार के खिलाफ जनसंघर्ष यात्रा भी निकाली। लेकिन यह प्रद्विंदीता हाल ही में उम्मीदवारों के चयन को लेकर समाप्त हो गई। गहलोत और पायलट दोनों ने एक साथ कहा कि हमें एक दूसरे के उम्मीदवारों पर आपत्ति नहीं की है। इस कथन के बाद दो सौ में से 76 उम्मीदवारों की घोषणा हो गई। लेकिन दूसरी सूची के बाद तीसरी सूची अटक गई है। कांग्रेस को अभी 124 उम्मीदवारों की घोषणा करनी है। सवाल उठता है कि जब गहलोत और पायलट ने एक-दूसरे के उम्मीदवारों के टिकट क्लीयर कर दिए। तो फिर शेष उम्मीदवारों के नामों की घोषणा क्यों नहीं हो रही है? जानकार सूत्रों की मानें तो 76 घोषित उम्मीदवारों में से अधिकांश का विरोध गहलोत और पायलट के समर्थक ही कर रहे हैं। जिस स्थान पर पायलट के उम्मीदवार घोषित हुआ, वहां गहलोत के और जहां गहलोत का उम्मीदवार घोषित हुआ, वहां पायलट के समर्थक विरोध कर रहे हैं। गहलोत और पायलट माने या नही लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के कार्यकर्ता पूरे पांच वर्ष गहलोत और पायलट  में विभाजित रहे। पायलट ने जो जिला कमेटियां बनाई वो ही लंबे समय तक चलती रहीं। अजमेर में तो आज भी पायलट समर्थक ही देहात और शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने हुए हैं। असल में अपने अपने समर्थक उम्मीदवारों पर गहलोत और पायलट ने आपसी समझौता तो कर लिया, लेकिन जमीन पर कार्यकर्ताओं को भरोसे में नहीं लिया। पांच वर्ष तक जिन कार्यकर्ताओं ने पायलट के समर्थक में अपनी ही सरकार के खिलाफ संघर्ष किया। अब यदि ऐसे नेताओं को टिकट नहीं मिलता है तो नाराज होना स्वाभाविक है। इसी प्रकार गहलोत के समर्थक भी पायलट समर्थकों से लगातार संघर्ष करते रहे। कांग्रेस के लिए गंभीर बात यह है कि घोषित उम्मीदवारों के विरोध को थामने के लिए गहलोत और पायलट  दोनों ने ही कोई प्रयास नहीं किया है। शायद अब दोनों ही नेता विरोध थामने की स्थिति में नहीं है। लगातार बढ़ते विरोध को देखते हुए ही तीसरी सूची जारी नहीं हो रही है। यह तब हो रहा है, जब सीएम गहलोत ने दो माह पहले उम्मीदवारों की घोषणा करने का दावा किया था। गहलोत और कांग्रेस के कई नेताओं की ओर से कहा गया कि इस बार सितंबर के पहले सप्ताह में उम्मीदवारों की घोषणा हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होना है और नामांकन की प्रक्रिया 30 अक्टूबर से शुरू होने में चार दिन शेष है, तब 124 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा अभी नहीं हुई है। 

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