महू विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने उषा ठाकुर को दोबारा मौका दिया है, लेकिन बाहरी उम्मीदवार के मुद्दे पर कुछ स्थानीय नेता उनका विरोध कर रहे है। उषा के विरोधियों ने महू में दशहरा मिलन समारोह में स्थानीय प्रत्याशी की मांग के साथ उषा ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।यह पहला मौका है जब उषा ठाकुर के खिलाफ खुलकर कुछ नेता विरोध में है। सितंबर माह में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल जब महू में बैठक लेने आए थे, तब उषा ठाकुर के विरोध में बैठक स्थल के आसपास बैनर नजर आए थे, हालांकि तब नेता खुलकर विरोध में नहीं बोल रहे थे।
विरोध करने वालों की अगुवाई राधेश्याम यादव, अशोक सोमानी, रामकरण भामर सहित अन्य नेता कर रहे थे। नेतागणों का कहना है कि भाजपा का स्थानीय नेतृत्व चुनाव लड़ने में सक्षम है। 15 वर्षों से बाहर के नेता को महू में टिकट दिया जा रहा है। ठाकुर पर उन्होंने स्थानीय नेताअेां की उपेक्षा का आरोप भी लगाया। विरोध करने वालों ने भाजपा संगठन से महू में टिकट बदलने की मांग भी की।
यह पहला मौका है जब उषा ठाकुर के खिलाफ खुलकर कुछ नेता विरोध में सामने अाए है। सितंबर माह में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल जब महू में बैठक लेने आए थे, तब उषा ठाकुर के विरोध में बैठक स्थल के आसपास बैनर नजर आए थे, हालांकि तब नेता खुलकर विरोध में नहीं बोल रहे थे। महू में हुए समारोह में हजारों लोगों की भीड़ थी। सम्मेलन में शामिल लोगों ने कहा कि यदि संगठन टिकट नहीं बदलता है तो निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा करने की रणनीति भी बनी।
पूर्व विधायक दरबार ने भरा पर्चा, निर्दलीय लड़ेंगे
भाजपा के अलावा कांग्रेस में भी तय उम्मीदवार को लेकर विरोध है। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए रामकिशोर शुक्ला को कांग्रेस ने टिकट दिया है। जिसका पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार ने विरोध किया। शुक्रवार को वे जिला निर्वाचन कार्यालय में जाकर निर्दलीय नामांकन पर्चा भी दाखिल कर आए। दरबार का कहना था कि जब सर्वे में शुक्ला का नाम ही नहीं था तो फिर कांग्रेस ने उन्हे टिकट कैसे दे दिया। शुक्ला 15 सालों से भाजपा में थे। उन्हें टिकट देने से स्थानीय कार्यकर्ता नाराज है।