त्योहारी सीजन में एक तरफ दिल्ली में आलू की कीमतों में गिरावट आई है, तो वहीं प्याज के भाव ने रुलाना शुरू कर दिया है। प्याज के दाम 65 से 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। इसकी वजह से आम आदमी की थाली से प्याज गायब होता दिख रहा है। दिल्ली-एनसीआर में मदर डेयरी के लगभग 400 सफल रिटेल स्टोर हैं, जहां 67 रुपये प्रति किलोग्राम पर खुला प्याज बेच रही है। ई-कॉमर्स पोर्टल बिगबास्केट 67 रुपये प्रति किलो, जबकि ओटिपी 70 रुपये प्रति किलो पर बेच रहा है। वहीं आम फेरी वाले 80 रुपये किलो बेच रहे हैं।
25 रुपये किलो प्याज बेच रही सरकार
बुधवार तक मदर डेयरी पर जहां 54 से 56 रुपये किलो प्याज मिल रहा था वहीं आज यह दाम 67 रुपये तक जा पहुंचा है। कीमतों में तेजी के बाद शुक्रवार को केंद्र ने ग्राहकों को राहत देने के लिए बफर स्टॉक से रियायती दर पर ज्यादा प्याज बेचने का फैसला लिया है। सरकार फिलहाल 25 रुपये किलो प्याज बेच रही है।
22 राज्यों में 1.7 लाख टन प्याज भेजा
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि हम अगस्त के मध्य से बफर से प्याज को छोड़ रहे हैं। कीमतों में और वृद्धि को रोकने के लिए हम खुदरा बाजार में ज्यादा प्याज बेच रहे हैं। उन्होंने कहा, जिन राज्यों में कीमतों में तेज वृद्धि हो रही है, वहां थोक और खुदरा दोनों बाजारों में बफर स्टॉक से प्याज भेजा जा रहा है। अगस्त के मध्य से अब तक 22 राज्यों में विभिन्न स्थानों पर लगभग 1.7 लाख टन प्याज बफर स्टॉक से भेजा गया है।
बुआई में देरी से महंगा हुआ प्याज
खुदरा बाजारों में, बफर प्याज को दो सहकारी निकायों एनसीसीएफ और एनएएफईडी आउटलेट और वाहनों के माध्यम से 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है। दिल्ली में भी बफर प्याज इसी रियायती दर पर बेचा जा रहा है। सचिव ने कहा, मौसम संबंधी कारणों से खरीफ प्याज की बुआई में देरी हुई है। इससे फसल की आवक में भी देरी हुई है। खरीफ प्याज की आवक अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन नहीं हुई है। रबी सीजन की प्याज का भंडार खत्म होने से आपूर्ति कम हो रही है, जिससे कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, सरकार ने चालू वर्ष के लिए बफर प्याज स्टॉक को दोगुना कर दिया है। इससे घरेलू उपलब्धता में सुधार होगा और आने वाले दिनों में कीमतों पर अंकुश लगेगा।