धमतरी। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त को मध्यान्ह भोजन मजदूरों के मानदेय में 500 रूपये मासिक की वृद्धि की घोषणा कर वाहवाही बटोर ली। शिक्षा विभाग द्वारा एक पत्र क्र. एफ 4-11/2023 जारी कर इस घोषणा की तामील का आदेश जारी कर दिया गया। इसके बावजूद पूरे प्रदेश के 87000 से अधिक मध्यान्ह भोजन मजदूर पिछले दो माह से मानदेय से वंचित है और उनकी पूरी दिवाली अंधेरे में कटने वाली है।
यह कहना है मध्यान्ह भोजन मजदूर एकता यूनियन (सीटू) के संरक्षक समीर कुरैशी का। सीटू पदाधिकारियों अनुसूईया कंडरा, अहिल्या ध्रुव, ललिता साहू तथा बालाराम मरकाम के साथ उन्होंने कल शिक्षा मंत्री के नाम जिलाधीश को ज्ञापन सौंपकर दीपावली से पहले पूरा मानदेय भुगतान की मांग की है। सीटू ने चेतावनी दी है कि मानदेय न मिलने पर वे काली दिवाली मनाएंगे और 17 नवम्बर को चुनाव कार्यों का बहिष्कार करेंगे।
सीटू नेता ने बताया कि उनकी यूनियन कई वर्षों से रसोइयों को कलेक्ट्रेट दर से मजदूरी देने की मांग पर संघर्ष कर रही है। इन संघर्षों का ही नतीजा है कि सरकार को उनके मानदेय में वृद्धि करने की घोषणा करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इसके बावजूद यदि रसोईया मजदूरों को, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं, को पिछले दो माह का बकाया मानदेय नहीं मिला, तो वे चुनाव कार्यों का बहिष्कार करने के लिए मजबूर होगी।
*समीर कुरैशी*
(मो) 089669-21340
संरक्षक, छत्तीसगढ़ मध्यान्ह भोजन मजदूर एकता यूनियन (सीटू)