आइसलैंड को लगातार आ रहे जोरदार भूकंप के झटकों के चलते पूरे देश में आपातकाल लागू करना पड़ गया। यूरोपीय देश आइसलैंड के दक्षिणी पश्चिमी रेक्जेक्स प्रायद्वीप में एक के बाद एक कर सैकड़ों भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। दरअसल इन झटकों के लगातार आने के चलते वहां ज्वालामुखी विस्फोट होने की संभावना भी जताई जा रही है। रेक्जेंक्स प्रायद्वीप में बहुत बड़ी संख्या में दरार वाली घाटियां, लावा फील्ड्स और कोन्स वाले इलाके मौजूद हैं। इन हालात में नागरिक सुरक्षा विभाग और आपातकाल प्रबंधन विभाग ने संयुक्त तौर पर बयान जारी करते हुए कहा कि राष्ट्र की पुलिस प्रमुख यह घोषणा करती है कि लगातार आ रहे भूकंप के जोरदार झटकों के चलते जोरदार ज्वालामुखी विस्फोटक हो सकता है इसलिए नागरिक सुरक्षा के मद्देनजर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की जाती है। यह बताया जा रहा है कि 14 घंटों के दौरान 800 से ज्यादा बार भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए।
दहशत में जी रहे हैं लोग
प्रशासन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि पिछले 800 भूकंप के झटकों से बड़े और तेज झटके आ सकते हैं और यह ज्वालामुखी विस्फोट की वजह भी बन सकता है। आइसलैंड दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी वाले जगहों में से एक है। ग्रिंडाविक गांव ज्वालामुखी क्षेत्र से लगभग तीन किलोमीट दूर स्थित है और यहां की आबादी लगभग 4 हजार है। यहां भूकंप के झटके आने से लोग घबरा गए। वहीं आइसलैंड की राजधानी रेकजाविक से लगभग 40 किलोमीटर की दूर दक्षिण तट पर भूकंप के दो जोरदार झटके आए जिसके चलते घरों की खिड़कियां और दरवाजे सहित घरेलू वस्तुएं कांपने लगी।
सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, खिड़कियां और दरवाजे कांपते रहे
आईएमओ द्वारा जारी किए शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, भूकंप का सबसे बड़ा झटका ग्रिंडाविक के उत्तरी इलाके में महसूस किया गया। यहां भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.2 मापी गई। यहां की सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं जिसके चलते पुलिस ने ग्रिंडाविक की सड़कों को बंद कर दिया। शुक्रवार की आधी रात से 1400 जीएमटी के बीच यानी करीब 14 घंटों के भीतर 800 भूकंप के झटके महसूस किए गए। गौरतलब है कि अक्टूबर 2023 के अंत से लेकर अबतक यहां 24 हजार भूकंप के झटके लग चुके हैं।