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बागियों से किस पार्टी को ज्यादा नुकसान?

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राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार 737 निर्दलीय प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं। 2018 के चुनाव में ये आंकड़ा 830 था। यानी, पिछले चुनाव से इस बार 100 से ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार घट गए हैं। वहीं, जो 737 निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं उनमें भाजपा और कांग्रेस के बागी नेता भी शामिल हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यही कि ये बागी किसकी किस्मत चमकाएंगे और किसका खेल बिगाड़ेंगे? आइए जानते हैं।

विधानसभा चुनाव 2018 की बात करें तो कांग्रेस से बागी होकर 11 उम्मीदवारों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिनमें से 10 जीतकर विधायक बने थे, जबकि भाजपा के 12 उम्मीदवारों ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन जीत एक को भी नहीं मिली।  कांग्रेस से राजकुमार गौड़, महादेव सिंह, बाबूलाल नागर, बलजीत यादव, खुशवीर सिंह, संयम लोढ़ा, रमीला खड़िया, लक्ष्मण मीना, आलोक बेनीवाल और रामकेश मीना ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और काफी अंतर से जीत हासिल की। जबकि, ओम प्रकाश हुडला भाजपा के बागी थे जो इस बार कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं।

कांग्रेस के बागी विधानसभा पहुंचे, सत्ता का सुख लिया
2018 में जो 13 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीतकर आए उनमें 12 कांग्रेस के बागी थे। सरकार कांग्रेस बनी तो सभी 13 निर्दलीय सीएम अशोक गहलोत के खेमे में चले गए। इनमें से 10 को सीएम गहलोत ने इस बार कांग्रेस का टिकट भी दिलवा दिया है। यानी इस चुनाव में वे कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। 

भाजपा के बागी न खुद जीते न जीतने दिया
भाजपा का कोई भी बागी चुनाव जीतकर विधानसभा की दहलीज तक नहीं पहुंच सका। जबकि कुलदीप धनखड़, देवी सिंह शेखावत, धन सिंह रावत और हेम सिंह भड़ाना जैसे भाजपा के बड़े बागी नेता दूसरे पायदान पर रहे। इनकी बगावत का जहां हुई वहां भाजपा के प्रत्याशी को  भी हार का सामना करना पड़ा। धन सिंह रावत बांसवाड़ा सीट पर तीसरे नंबर पर रहे थे, लेकिन उनके 32 हजार से ज्यादा वोट काटने की वजह से भाजपा के हरकु माइडा चुनाव हार गए थे।

2013 में कौन-कौन हुए थे बागी
कांग्रेस से राजकुमार गौड़, महादेव सिंह, बाबूलाल नागर, बलजीत यादव, खुशवीर सिंह, संयम लोढ़ा, रमीला खड़िया, लक्ष्मण मीना, आलोक बेनीवाल और रामकेश मीना। ये सभी चुनाव जीते। इनके अलावा कांग्रेस से भीम राज बाहेती,नवल किशोर मीणा-ओम नराणीवाल, प्रद्युम्न सिंह, पृथपाल सिंह, लक्ष्मणराम मेघवाल, पूसाराम गोदारा और बलराम चौधरी थे।

वहीं बीजेपी से कुलदीप धनखड़ जिन्हें इस बार बीजेपी ने विराटनगर से ही टिकट दिया है। हेम सिंह भड़ाना ये भी थानागाजी से बागी लड़े इस बार बीजेपी ने इन्हें टिकट दिया है। धन सिंह रावत, देवी सिंह शेखावत भी बागी लड़े और दूसरे नंबर पर रहे। वहीं, बांसवाड़ा सीट पर पूर्व विधायक और भाजपा के बागी धन सिंह रावत तीसरे नंबर पर रहे। लेकिन, इनकी वजह से भाजपा के प्रत्याशी हरकू माइड़ा चुनाव हार गए।

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