नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया में 60 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने कभी इंटरनेट का उपयोग ही नहीं किया है। नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) की ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। एनएफएचएस के सर्वें के मुताबिक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 60 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने कभी इंटरनेट का उपयोग नहीं किया है। एनएफएचएस का यह सर्वे 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किया गया है।
NHFS-5 (2019-20) में 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जनसंख्या, स्वास्थ्य, परिवार नियोजन और पोषण संबंधी संकेतकों की जानकारी एकत्र करने के लिए 6.1 लाख सैंपल घरों में आयोजित किया गया था।
बिहार में 20.6 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश में सिर्फ़ 21 प्रतिशत महिलाओं ने इंटरनेट का इस्तेमाल किया है। त्रिपुरा में 22.9 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 25.5 प्रतिशत, तेलंगाना में 26.5 प्रतिशत, असम में 28.2 प्रतिशत महिलाएं इंटरनेट इस्तेमाल करती हैं। गुजरात में 30.8 प्रतिशत, मेघालय में 34.7 प्रतिशत, कर्नाटक में 35 प्रतिशत), महाराष्ट्र में 38 प्रतिशत महिलाओं ने इंटरनेट का इस्तेमाल किया है।
केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो सर्वेक्षण में दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में 36.7 प्रतिशत और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 34.8 प्रतिशत महिलाएं के इंटरनेट इस्तेमाल करने की बात पता चला है। वहीं सर्वेक्षण में इन्हीं राज्यों में महिलओं की तुलना में पुरुषों का अधिक इंटरनेट इस्तेमाल किया जाना सामने आया है।
सात राज्य जिनमें पुरुषों ने इंटरनेट का कम इस्तेमाल किया है, उनमें असम 42.3 प्रतिशत पुरुष, बिहार में 43.6 प्रतिशत पुरुष, मेघालय में 42.1 प्रतिशत पुरुष, त्रिपुरा में 45.7 प्रतिशत पुरुष पश्चिम बंगाल में 46.7 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 48.8 प्रतिशत पुरुष और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 46.5 प्रतिशत पुरुष इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं।
स्त्रियों द्वारा इंटरनेट के कम इस्तेमाल को उनकी कम साक्षरता दर से भी जोड़कर देखा जाता है। यदि इन्हीं राज्यों में सबसे कम स्त्री साक्षरता दर की बात करें तो सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार 57.8 प्रतिशत और तेलंगाना 66.6 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश में 68.6 प्रतिशत महिलाओं के बीच साक्षरता दर सबसे कम है। जबकि सर्वेक्षण में अधिक महिला साक्षरता दर वाले राज्यों में केरल (98.3 प्रतिशत), लक्षद्वीप (96.5 प्रतिशत) और मिजोरम (94.4 प्रतिशत) साक्षरता दर दर्ज किया गया है।
पुरुष साक्षरता दर की बात करें तो सर्वेक्षण में निकलकर आया है कि आंध्र प्रदेश में 79.5 प्रतिशत और बिहार में 78.5 प्रतिशत पुरुषों को साक्षर पाया गया, जोकि सबसे कम साक्षरता दर है, वहीं सबसे अधिक साक्षरता दर केरल (98.2 प्रतिशत) और लक्षद्वीप (99.1 प्रतिशत) दर्ज किया गया है।
10-12 वर्ष से कम की स्कूली शिक्षा वाली महिलाओं का राज्य
सर्वेक्षण में पाया गया है कि ऐसे आठ राज्य हैं जहां स्त्रियां ने दस-बारह वर्ष की स्कूली शिक्षा दर 40 प्रतिशत से कम है। त्रिपुरा 23.2 प्रतिशत स्त्रियां, असम में 29.6 प्रतिशत स्त्रियां, बिहार में 28.8 प्रतिशत स्त्रियां, गुजरात में 33.8 प्रतिशत, मेघालय में 35.1 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 32.9 प्रतिशत स्त्रियां, आंध्र प्रदेश में 39.6 प्रतिशत स्त्रियों ने 10-12 वर्ष की स्कूली शिक्षा हासिल की है। वहीं दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में 35.8 प्रतिशत स्त्रियों ने ही 10-12 वर्ष की स्कूली शिक्षा हासिल की है।
पुरुषों की बात करें तो 10-12 वर्षों की स्कूली शिक्षा हासिल करने वाले नौ राज्यों में आंध्र प्रदेश में 47.9 प्रतिशत पुरुष, असम में 35.5 प्रतिशत पुरुष, बिहार में 42.8 प्रतिशत पुरुष, गुजरात में 45.6 प्रतिशत पुरुष, मेघालय 34.7 प्रतिशत, मिज़ोरम में 49.1 प्रतिशत, त्रिपुरा में 29.4 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 34.7 प्रतिशत पुरुषों ने शिक्षा हासिल की है। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में 49.4 प्रतिशत पुरुषों ने 10-12 वर्ष की स्कूली शिक्षा हासिल की है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे जिन 17 राज्यों और पांच केंद्र शासित राज्यों में किया गया है, उसमें असम, बिहार, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, अंडमान, निकोबार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, केरल, लक्षद्वीप, दादरा नगर हवेली, दमन और दीव शामिल हैं।