शिवराज की वापसी में सबसे अहम रोल लाड़ली बहन योजना ने निभाया। इस योजना ने चौहान की राजनीतिक किस्मत बदल कर रख दी है। लाड़ली बहना योजना के तहत मध्यप्रदेश की 1.31 करोड़ महिलाओं को 1250 रुपये हर महीने दिए जा रहे हैं। एमपी की 7 करोड़ आबादी में लाड़ली बहना योजना की लाभार्थियों ने शिवराज को भर भर कर वोट दिया है…
मध्यप्रदेश की सत्ता पर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी काबिज होते दिख रही है। प्रदेश से शिवराज सिंह चौहान कr विदाई का रास्ता देख रहे विरोधियों को भी करारा जवाब मिला है। चौहान एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर रहे हैं। चुनाव में भले ही केंद्रीय नेतृत्व ने शिवराज को चेहरा न बनाया हो, बावजूद इसके शिवराज ही केंद्र में नजर आए। 230 विधानसभा सीटों में से 160 सीटों पर उन्होंने ताबड़तोड़ रैलियां और सभाएं कीं। शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहन योजना चुनाव में गेम चेंजर साबित हुई। इस बंपर जीत के पीछे महिला वोटरों की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है। आइये जानते है किस तरह से चार बार मुख्यमंत्री रहे चुके शिवराज ने सत्ता विरोधी लहर को दूर किया और एमपी का मैदान अपने नाम कर लिया।
महिलाओं में शिवराज ही लोकप्रिय
शिवराज की वापसी में सबसे अहम रोल लाड़ली बहन योजना ने निभाया। इस योजना ने चौहान की राजनीतिक किस्मत बदल कर रख दी है। लाड़ली बहना योजना के तहत मध्यप्रदेश की 1.31 करोड़ महिलाओं को 1250 रुपये हर महीने दिये जा रहे हैं। एमपी की 7 करोड़ आबादी में लाड़ली बहना योजना की लाभार्थियों ने शिवराज को भर भर कर वोट दिया है। महिलाओं और लड़कियों के लिए शिवराज का नाम एक भरोसा था, इस पर उन्होंने यकीन किया। इस चुनाव में शिवराज ने न सिर्फ अपने इस स्कीम को प्रचारित किया बल्कि अपने पुराने रिकॉर्ड का भी हवाला दिया और अपने 18 साल के शासन की दुहाई दी। मध्यप्रदेश में भाजपा ने सीएम चेहरा किसी को घोषित नहीं किया था, लेकिन शिवराज सिंह चौहान चुनाव को लीड कर रहे थे। शिवराज बनाम कमलनाथ के बीच यह जंग मानी जा रही थी। ऐसे में शिवराज की लोकप्रियता कमलनाथ पर भारी पड़ी है। एग्जिट पोल सर्वे में भी शिवराज पहली पसंद बनकर उभरे हैं। इसी का भाजपा को चुनाव में फायदा मिल। महिलाओं के बीच शिवराज की अपनी एक लोकप्रियता है, जबकि कमलनाथ की उस तरह से पकड़ नहीं है।