*कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी सहित अन्य अधिकारियों ने सुनी नागरिकों की समस्या और किया समाधान*
*रोजगार के लिये किसी को स्कूटी तो किसी को स्वीकृत हुआ लैपटॉप*
इंदौर
आदर्श आचरण संहिता समाप्त होने के साथ ही आज कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई पुनः प्रारंभ हुई। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी सहित अन्य अधिकारियों ने नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनका त्वरित निराकरण किया। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने रोजगार के लिये किसी को स्कूटी तो किसी को लैपटॉप हाथोहाथ स्वीकृत किया। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य कार्यों में मदद के लिये भी राशि स्वीकृत की।
जनसुनवाई में आज कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के समक्ष दिव्यांग रूपेश थोरार पहुंचे। इन्होंने बताया कि मैं दिव्यांग हूँ। मैंने 8वीं तक की पढ़ाई की है। मैंने घर बैठे ही मोबाइल से ग्राफिक डिजाइन का काम सीखा है। इस कार्य से मैं अभी लगभग 200 रूपये रोज की कमाई कर रहा हूँ। मोबाइल से ग्राफिक डिजाइन करने में स्क्रीन छोटी होने से बेहद परेशानी होती है, समय भी लगता है। कलेक्टर ने इनकी बात को गंभीरता से सुना और हाथोहाथ रेडक्रॉस से लैपटॉप स्वीकृत किया। रुपेश थोरार बेहद खुश हो गया और उसने कहा कि अब मेरी आमदानी दोगुनी हो जायेगी। इसी तरह टिफिन सेंटर संचालित करने वाली स्वप्ना जैन ने कलेक्टर को बताया कि मैं जीवन यापन के लिये टिफिन सेंटर के साथ ही बच्चों को घर-घर जाकर पढ़ाती हूँ। मैं जन्म से ही दिव्यांग हूँ। अगर मुझे वाहन मिल जायेगा तो मुझे बेहद आसानी होगी और मेरी कमाई भी बढ़ जायेगी। इसी तरह एक और दिव्यांग अनस पिता मजहर खान ने बताया कि मैं दिव्यांग हूँ। जीवन यापन के लिये कपड़े की दुकान पर काम करता हूँ। आने-जाने में बेहद परेशानी होती है। कलेक्टर ने इन दोनों को रेट्रोफिटिंग स्कूटी स्वीकृत की। इसी तरह मीराबाई को इलाज के लिये 30 हजार रूपये, रोजगार के लिये माया पति स्व. दादा को दो हजार रूपये, कुमारी अदिति परधी और प्राची बोपचे को शिक्षा के लिये तीन-तीन हजार रूपये, ममता कोरी को 10 हजार रूपये आदि को मदद स्वीकृत की गई। जनसुनवाई में अन्य आवेदकों ने भी अपनी-अपनी समस्याएं बतायी। जिनका मौके पर ही यथासंभव निराकरण किया गया।
जनसुनवाई में अपर कलेक्टर श्री गौरव बैनल, श्रीमती सपना लोवंशी तथा श्री रोशन राय सहित अन्य अधिकारियों ने भी नागरिकों की समस्यओं को सुना और निराकरण किया।