सरकारी खजाने की रखवाली का जिम्मा संभालने वाले वित्त विभाग के अफसरों ने राजस्थान को किस कदर कर्ज के दलदल में धकेला है, इसकी बानगी अब सामने आ रही है। सरकारी दफ्तरों में रोजमर्रा के खर्च चलाने के लिए पैसे नहीं बचे। दफ्तरों के 300 करोड़ रुपए के बिल पेंडिंग चल रहे हैं। हालात इतने ज्यादा गंभीर हैं कि पूरे जयपुर को पानी सप्लाई करने वाले पंप हाऊसों के बिजली कनेक्शन काटने के लिए विद्युत विभाग ने नोटिस जारी कर दिए हैं। जवाहर सर्किल पंप हाऊस, मानसरोवर पंप हाऊस, सेंट्रल पार्क पंप हाऊस, बालाबाला पंप हाऊस, और खोनागौरियान पंप हाऊस के मिलाकर 3 करोड़ 19 लाख रुपए के बिजली के बिल 20 नवंबर से बकाया चल रहे हैं।
अधिकारी ने पत्र लिखकर चेताया
पीएचईडी के अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार ने 11 दिसंबर को कोषाधिकारी-कोष कार्यालय को पत्र लिखकर कहा है कि जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से कनेक्शन काटे जाने के नोटिस प्राप्त हुए हैं। अगर, कनेक्शन कट गए तो बीसलपुर पेयजल परियोजना के अंतर्गत समस्त जयपुर की सप्लाई बाधित हो सकती है।
जिला अस्पतालों को भी बिजली काटने का नोटिस मिला
स्थितियां बेहद गंभीर है। जिला अस्पतालों को भी विद्युत कनेक्शन काटने के नोटिस मिल रहे हैं। बाड़मेर जिला अस्पताल के अधीक्षक ने भी कोषाधिकारी-कोष कार्यालय, बाड़मेर को पत्र लिखकर कहा है कि यदि अस्पताल के बिजली कनेक्शन कट गए तो इससे उत्पन्न होने वाली अव्यवस्था की जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी। अस्पताल को 21 नवंबर को 19 लाख रुपए से ज्यादा का बिजली का बिल मिला था जिसे जमा करवाने के लिए उसी दिन कोष कार्यालय भेज दिया गया था। बिज जमा करवाने की अंतिम तिथि 24 नवंबर थी। लेकिन वित्त विभाग की ओर से रकम ईसीएस ही नहीं की गई।