सट्टेबाजी के आरोप में बंद किए गए महादेव एप के प्रमोटरों पर कानून का शिकंजा कस गया है। एप के प्रमोटर और मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर को दुबई में नजरबंद कर दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने चंद्राकर के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस पर संज्ञान लेते हुए यह कदम उठाया है। हालांकि ईडी ने आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की है।
समूहों ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है। दुबई में सौरभ चंद्राकर के ठिकाने पर ताला लगाकर उसे नजरबंद कर दिया गया है। चंद्राकर को जल्द ही भारत लाया जा सकता है। दुबई से मिली खबरों के अनुसार सौरभ चंद्राकर को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई है। कहा जा रहा है कि उसे छोड़ा गया तो वह भाग सकता है। यूएई के अधिकारियों ने उसपर नजर टिका रखी है। दुबई के अधिकारी भारतीय अधिकारियों की ओर से उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने का इंतजार कर रहे हैं।
सट्टे का अड्डा बन गया था महादेव एप
महादेव बेटिंग एप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया है। इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे। एप के जरिये क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी। अवैध सट्टे के नेटवर्क के जरिये एप का जाल तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले। इस एप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था।
फ्रेंचाइजी के रूप में चलाते थे एप
महादेव बेटिंग ऐप कई ब्रांच से चलता था। हर ब्रांच को सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल फ्रेंचाइजी के रूप में बेचते थे। यूजर को सिर्फ शुरुआत में फायदा और बाद में नुकसान होता। फायदे का 80% हिस्सा दोनों अपने पास रखते थे। इसे ऐसे बनाया गया था कि सिर्फ 30 फीसदी यूजर जीतते, बाकी हार जाते।
संजय भंडारी का रिश्तेदार है सुमित चड्ढा
चड्ढा के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने कहा कि ईडी के अनुरोध और 16 अक्तूबर की रिपोर्ट को देखते हुए उनका मानना है कि आरोपी सुमित चड्ढा की उपस्थिति सामान्य प्रक्रिया के माध्यम से सुनिश्चित नहीं हो सकती। ऐसे में कोर्ट आरोपी की पेशी के लिए उसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी करती है।