MPPSC Result 2019 जारी हुए हैं। इसमें इंदौर की सिम्मी यादव को भी सफलता मिली है। साल 2016 में उनकी शादी हो गई थी। पति ने उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया और उन्होंने घर का काम संभालते हुए भी इसमें सफलता अर्जित की।
इंदौर की सिम्मी यादव मध्य प्रदेश की ऐसी पहली बेटी बन गई हैं जिन्होंने लगातार तीन साल की परीक्षाओं को पास किया है। उन्होंने 2019, 2020 और 2021 की परीक्षाओं में सफलता हासिल की है। सात महीने पहले 2020 एमपीएससी परीक्षा का इंटरव्यू रिजल्ट जारी हुआ था जिसमें सिम्मी यादव की मध्य प्रदेश में तीसरी रैंक बनी थी और आज चार साल बाद MPPSC Result 2019 इंटरव्यू का रिजल्ट जारी हुआ है जिसमें सिम्मी यादव की 14वीं रैंक आई है। इसके साथ ही 2021 की प्री परीक्षा भी सिम्मी यादव ने पास कर ली थी लेकिन 2020 इंटरव्यू में सिलेक्शन होने के बाद सिम्मी यादव ने 2021 मेंस का एग्जाम नहीं दिया था। हालांकि उनका कहना है कि उन्हें आईएएस बनना है और इसकी तैयारी जारी है। 2020 के रिजल्ट के मुताबिक वे डिप्टी कलेक्टर की जिम्मेदारी संभालने ही वाली थीं कि 2019 का भी रिजल्ट आ गया। अब उन्हें एक साल की सीनियरिटी का फायदा मिलेगा। एमपीपीएससी में प्री, मेंस और इंटरव्यू तीन चरणों में परिणाम आते हैं।
मन विचलित हुआ तो भजन सुने
सिम्मी कहती हैं कि मैं बचपन से ही अधिकारी बनना चाहती थी। 2016 में मेरी शादी के बाद पति ने भी मुझे सपोर्ट किया और मैंने एमपीपीएससी में सफलता हासिल की। सिम्मी कहती हैं कि परीक्षा में सफल होने के लिए उन्होंने नींद त्यागी और मोबाइल से दूरी बना ली। वे दिन में परिवार की जिम्मेदारी पूरी करतीं और रात में पढ़ाई करतीं। सेल्फ स्टडी पर ही फोकस किया। इस दौरान जब भी मन विचलित हुआ तो भजन सुने और पहले प्रयास में ही मुख्य परीक्षा पास कर ली। शुक्रवार को इंटरव्यू का परिणाम आया, इसमें सफलता हाथ आई। अब पूरा परिवार खुश है।
पति सॉफ्टवेयर इंजीनियर
सिम्मी के सामने घर गृहस्थी के साथ पढ़ाई करना सबसे बड़ा चैलेंज था। पिता राजेंद्र यादव नगर निगम कर्मचारी दल के नेता हैं और उनके पति सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। सिम्मी इस सफलता में पूरा श्रेय पति को देती हैं। उन्होंने बताया कि पति साथ नहीं देते तो यह सब असंभव था। क्योंकि उन्होंने ने ही मोटिवेट किया और परिवार और पढ़ाई दोनों में बैलेंस उन्हीं के सपोर्ट से हुआ। वहीं परिवार को भी श्रेय देते हुए कहा कि मां-बाप जन्म नहीं देते और अच्छे संस्कार के साथ पढ़ाते नहीं तो मैं परीक्षा ही कैसे दे पाती।
सरकारी स्कूल से पढ़ी दीक्षा भी बनी अधिकारी
इंदौर के शिप्रा में रहने वाली दीक्षा भगोरे की 13वीं रैंक आई है। वह बताती हैं कि मेरी स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल से हुई है। इसके बाद मेडिकल फील्ड से बी फार्मा और एम फार्मा किया लेकिन अफसर बनने का सपना था। इसलिए मेडिकल फील्ड को छोड़कर सिर्फ एमपीपीएसी में फोकस किया। मेरी सफलता का श्रेय मेरे पेरेंट्स को जाता है। मेरे दोस्त और टीचर्स ने भी मुझे मोटिवेट किया है। मैंने पढ़ाई के दौरान कभी निगेटिव नहीं सोची। लक्ष्य तय किया तो उसे पाने के लिए पीछे नहीं हटी। मैं युवाओं से यह कहना चाहूंगी कि कोशिश करें सफलता जरूर मिलेगी।
एमपीपीएससी 2019 बैच वाले ही होंगे सीनियर अधिकारी
एमपीपीएससी में प्री, मेंस और इंटरव्यू तीन चरणों में परिणाम आते हैं। एमपीपीएससी 2019 का इंटरव्यू का रिजल्ट जारी किया गया है। एमपीपीएससी 2020 का इंटरव्यू का रिजल्ट पहले ही आ चुका था और इस बैच के अधिकारियों को ज्वाइनिंग मिलने वाली थी। इस वजह से यह गफलत चल रही थी कि वरिष्ठता का क्या होगा। कौटिल्य एकेडमी के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीद्धांत जोशी के अनुसार एमपीपीएससी 2020 के अधिकारियों को ज्वाइनिंग मिलने से पहले ही 2019 के इंटरव्यू का रिजल्ट आ गया है इसलिए अब इन्हें ही पहले ज्वाइनिंग दी जाएगी। इनकी ज्वाइनिंग के बाद में 2020 की बैच को ज्वाइनिंग दी जाएगी। एमपीपीएससी ने समय रहते 2019 इंटरव्यू का रिजल्ट जारी कर दिया जिससे यह गफलत समाप्त हो गई है। वहीं एमपीपीएससी 2021 का प्री और मेंस का रिजल्ट आ चुका है लेकिन उसके इंटरव्यू बचे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार 2021 के इंटरव्यू भी जल्द करवाए जाएंगे। तीन महीने के अंदर इंटरव्यू के रिजल्ट आ जाएंगे और उसके बाद उन्हें भी ज्वाइनिंग दी जाएगी। इससे पहले 2019 और 2020 बैच को ज्वाइनिंग दे दी जाएगी।