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सरकारी धान की हो रही अवैध खरीदी, लक्ष्मी राईस मिल से खाली बोरे बरामद

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बालाघाट । जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान को चावल मिलों द्वारा अवैध रूप से खरीदा जा रहा है। इसका खुलासा जांच में सामने आया है। मिली शिकायतों के बाद जब अधिकारियों के जांच दल ने लक्ष्मी राइस उद्योग परिसर की जांच की तो वहां 175 बारदाने बरामद किए गए। ये बारदाने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के थे।

जब इस संदर्भ में जांच दल ने मिल संचालक से जवाब तलब किया तो वे संतोषजनक जवाद नहीं दे पाए। गौरतलब है कि समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान की परिवहन के दौरान चोरी किये जाने की सूचना मिलने पर कलेक्टर बालाघाट के निर्देश पर एसडीएम वारासिवनी कामिनी ठाकुर के नेतृत्व में जांच दल गठित किया गया। जिसमें नायब तहसीलदार वारासिवनी, थाना प्रभारी वारासिवनी, कनिष्ठ आपूर्ति वारासिवनी, मंडी उपनिरीक्षक द्वारा मेंहदीवाड़ा स्थित लक्ष्मी राइस उद्योग की जांच की गई। जहां मौके पर जांच दल को राइस मिल के परिसर में 175 बारदाने रखे पाए गए।

बारदानों की जांच करने पर खाली बारदानों में खरीफ उपार्जन वर्ष 2023-24 के स्टेंसिल लगे हुए थे तथा नीले रंग के धागों की सिलाई से सिले गये थे। जिन पर उपार्जन केन्द्र बहेगांव लालबर्रा की पर्ची लगी पाई गई। जांच के दौरान पाया गया की लक्ष्मी राईस उद्योग के द्वारा कस्टम राईस मिंलिग हेतु खरीफ उपार्जन वर्ष 2023-24 में उपार्जन केन्द्र पिण्डकेपार एवं झालीवाड़ा की धान का उठाव कर मिलिग करने हेतु विपणन संघ बालाघाट से अनुबंध किया गया था जिसके अनुसार मिलिंग कर चावल जमा कर दिया गया है।

मौके पर लक्ष्मी राईस उद्योग के संचालक से उपार्जन केन्द्र बहेगांव की पर्ची वाले खाली बारदानों के सबंध में पूछताछ किये जाने पर उनके द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। मौके पर बारदानों को अभिरक्षा में लेकर प्रकरण तैयार किया गया।

समर्थन मूल्य के धान परिवहन में गोलमाल
-रास्ते में बारदानों से निकाली जा रही है धान, कई बारदाने सडक़ किनारे मिली


बालाघाट जिले में इनदिनों समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी हो रही है। खरीदी गई धान का परिवहन भी प्रारंभ हो चुका है। समितियों के द्वारा जो धान खरीदी की जा रही है उसके परिवहन में गोलमाल करने का मामला सामने आया है। मामला उजागर होने के बाद कलेक्टर के दिशा-निर्देश पर संयुक्त जांच दल का गठन किया गया। दल ने जब इस मामले की जांच की तो उसे चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
गौरतलब है कि मप्र में बालाघाट को धान का कटोरा कहा जाता है। यहां बड़े स्तर पर धान का उत्पादन होता है। इनदिनों यहां समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा खरीदी जा रही धान को खरीदी केन्द्र से संग्रह केंद्र तक ट्रक द्वारा परिवहन किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि परिवहन के दौरान परिवहनकर्ता हमालों से सांठगांठ कर धान को ट्रक से बीच रास्ते में ही उतार की गोलमाल कर रहे हैं। जिसका नुकसान समितियों को भरना पड़ता है।
झाडिय़ों एवं खेतों में मिले बारदाने
सूत्रों का कहना है कि जिले में धान परिवहन में गड़बड़ी की लगातार शिकायत मिल रही है। इसको देखते हुए प्रशासन ने कड़ा रूख अपनाते हुए कलेक्टर बालाघाट के आदेश पर एसडीएम वारासिवनी द्वारा संयुक्त जांच दल बनाया गया। संयुक्त जांच दल में शामिल नायब तहसीलदार मंजुलता माहोबिया, थाना प्रभारी वारासिवनी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, मंडी उपनिरीक्षक द्वारा मेंहदीवाड़ा से खापा मार्ग में जांच की गई तो मौके पर सडक़ के किनारे झाडिय़ों एवं खेतों में बारदाने पाए गए। खरीफ उपार्जन वर्ष 2023-24 के स्टेंसिल से मुद्रित धान के बारदानों में नीले के धागे से सिलाई की गई थी, जिसमें उपार्जन केन्द्रों की पर्चियां पाई गई थी। जिसमें पाई गई 2 बोरियां उपार्जन केंद्र बोरगांव किन्ही किरनापुर, 6 बोरिया उपार्जन केन्द्र गर्रा वारासिवनी, 6 बोरिया उपार्जन केन्द्र मिरीया लांजी की पाई गई। मौके पर उपार्जन केन्द्रों से संपर्क करने पर पाया गया की उपार्जन केन्द्र बोरगांव किन्हीं मिरीया तथा गर्रा की धान की परिवहन की मेपिंग खापा केप से की गई है। उपार्जन केन्द्रों से धान लोड कर ट्रक खापा केप रवाना किये गये थे। मौके पर जांच में पाया गया की विपणन संघ बालाघाट से धान परिवहन किये जाने हेतु अनुंबंधित परिवहनकर्ता कामाख्या इंटरप्राईजेस वारासिवनी सेक्टर एवं मेसर्स राजेश अग्रवाल द्वारा सेक्टर किरनापुर लांजी का शासकीय धान परिवहन का कार्य किया जाता है। उल्लेखित परिवहनकर्ता द्वारा शासकीय धान के परिवहन में अनियमितता करने के कारण मौके पर प्रकरण तैयार किया गया एवं बरामद 14 बोरी धान को उपार्जन केन्द्र प्रभारी खापा की अभिरक्षा में दिया गया है।
नुकसान समिति से वसूला जाता
आपकों बता दे कि सेवा सहकारी समितियों के द्वारा किसानों की खरीफ सीजन की धान फसल को समर्थन मूल्य में प्रतिवर्ष खरीदा जाता है और खरीदी गई धान का कांटा व ऑनलाईन एन्ट्री होने के बाद शासन के द्वारा ट्रांसपोर्ट के माध्यम से परिवहन करवाया जाता है। परन्तु परिवहन लेट होने, खराब बारदाने में खरीदी करने एवं बारिश होने पर धान गीली हो जाती है जिससे जो नुकसान होता है व धान का वजन कम होने पर शासन-प्रशासन के द्वारा धान खरीदी प्रभारियों व समितियों से राशि वसूल की जाती है। जिससे सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक व कर्मचारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। परिवहन के दौरान ट्रक चालक धान की चोरी करते है जिसका खामयाजा समितियों को भुगतना पड़ता है।

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