अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

वैज्ञा‎निक शोध में खुलासा:सोना-चांदी का है सितारों से खास कनेक्शन

Share

नई दिल्ली )। हमारे चारों ओर सितारों के अंश मौजूद हैं, यहां तक कि हमारे शरीर में भी। लोहे से ज्यादा भारी लगभग आधे तत्व ब्रह्मांड में सबसे उग्र विस्फोटों से पैदा हुए हैं। ब्रह्मांड के मंथन में पुरानी गैस और धूल से नए तारे और ग्रह बनते हैं, पर ये तत्व पृथ्वी और अन्य ग्रहों पर भी पहुंच जाते हैं। पिछले दिनों एक शोध प्रकाशित हुआ जो हमारे और तारों के बीच सहसंबंधों पर प्रकाश डालता है।

यह बताता है कि हमारे ग्रह पर 3.7 अरब वर्षों के विकास के बाद मनुष्य और कई अन्य प्रजातियां इन तत्वों पर निर्भर हो गई हैं। उदाहरण के लिए आयोडीन उन हार्मोनों का एक घटक है जो हमें अपने मस्तिष्क के विकास को नियंत्रित करने और अपने मेटाबॉलिज्म को नियमित करने के लिए चाहिए। समुद्र में पाया जाने वाला माइक्रोप्लांकटन, जिसे एकैंथरिया कहा जाता है, जटिल खनिज कंकाल बनाने के लिए स्ट्रोंटियम तत्व का उपयोग करता है। वहीं गैलियम स्मार्टफोन और लैपटॉप स्क्रीन में चिप्स के लिए महत्वपूर्ण है तो जेम्स वेब टेलिस्कोप के दर्पण सोने से मढ़े हुए हैं। सोना अपनी अक्रियाशील प्रकृति और इंफ्रारेड प्रकाश को प्रतिबिंबित करने की क्षमता की वजह से उपयोगी है। आपके आभूषणों में प्रयुक्त चांदी और सोने जैसे तत्व विशाल सितारों द्वारा भारी तत्वों को विभाजित किए जाने की प्रक्रिया का परिणाम हो सकते हैं।
ऐसे बनता है सोना-चांदी
यह अध्ययन विशाल तारों के मध्य में होने वाले परमाणु विखंडन का सबूत देता है। माना जाता है कि न्यूट्रॉन तारों के प्रलयंकारी विलय से भारी तत्वों की उत्पत्ति हुई। विशाल तारों के ढहने के बाद बचने वाले अत्यंत सघन अवशेषों के आपस में जुड़ने के बाद एक सेकंड से भी कम समय में न्यूट्रॉन से भरा परमाणु नाभिक बनता है। ठसाठस भरा नाभिक एक झटके में आंतरिक परिवर्तनों से गुजरता है और चांदी और सोने जैसे तत्वों का निर्माण करता है। आकाशगंगा के प्रभामंडल में बिखरे 42 सितारों के विश्लेषण से पता चला है कि परमाणु विखंडन भारी तत्वों के निर्माण में एक खास भूमिका निभाता है।
सितारों के विकास की कहानी
शोधकर्ताओं की एक टीम ने इन तारों में तत्वों के बीच एक सुसंगत पैटर्न की खोज की और पाया कि ये विखंडन के संभावित उत्पाद हैं। खोज बताती है कि प्रकृति 260 से अधिक परमाणु द्रव्यमान वाले तत्वों का निर्माण कर सकती है जो पीरियॉडिक टेबल के किनारे पर मौजूद तत्वों से भी भारी हैं। अध्ययन के प्रमुख लेखक इयन रोएडरर ने कहा कि तारों में भारी-भरकम विखंडन संभव है, और नई रिसर्च इस प्रक्रिया का पहला प्रत्यक्ष प्रमाण है। इन प्राचीन सितारों में से अधिकांश सूर्य जितने विशाल हैं और माना जाता है कि इनका निर्माण बिग बैंग के बाद के पहले 5 अरब वर्षों में हुआ।
चांदी के बने हैं सितारे
विश्लेषण से पता चला कि तारों में चांदी तो थी ही साथ ही रोडियम और पैलेडियम जैसे हल्के तत्वों की अधिक प्रचुरता थी। साथ ही यूरोपियम, एर्बियम और अन्य भारी तत्वों की उपस्थिति भी बढ़ी थी जिनका परमाणु द्रव्यमान 60 के दायरे में था। इस अध्ययन के सह-लेखक मैथ्यू ममपॉवर ने कहा कि इस पैटर्न को प्रदर्शित करने वाले मिल्की वे के 42 सितारों का एक-दूसरे के साथ कोई संचार नहीं है। वे समान प्रवृत्ति का अनुसरण तभी कर सकते हैं जब इन विभिन्न सितारों में से प्रत्येक में एक सामान्य प्रक्रिया चल रही हो। एक बड़ा बुनियादी सवाल है कि सब कुछ आया कहां से? भारी तत्वों के निर्माण को समझने के ‎लिए वैज्ञानिक बड़े प्रयास में जुटे हुए है।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें