देश में लागू हिट एंड रन कानून में किए गए बदलाव का मध्यप्रदेश में जमकर विरोध हो रहा है। इस कानून के विरोध में पूरे मध्यप्रदेश में बस-ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं। नए साल के मौके पर जहां लोग घूमने निकलते हैं, वहीं आज अधिकतर जिलों में बसों के पहिए थमे हुए हैं। आज साल के पहले दिन जहां पूरे देश में बसों के पहिए थम चुके हैं। वहीं, आज दतिया जिले के भांडेर में भी बसों के पहिए थम गए। सुबह से ही बसों ट्रकों और टैक्सियों के चालक-परिचालक अपने अपने वाहनों को खड़ा कर भांडेर के पटेल चौराहे पर एकत्रित हो गए और सरकार के खिलाफ नारे वाजी करते हुए चक्का जाम कर दिया। करीब एक घंटे चक्का जाम करने के बाद सभी चालक और परिचालक हड़ताल पर चले गए।
मध्यप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रक ऑपरेटर और बस ड्राइवर की हड़ताल का सीधा असर देखने मिल रहा है। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में सुबह से ही ट्रक ऑपरेटर और बस ड्राइवर का विरोध-प्रदर्शन जारी है, जहां अलग-अलग क्षेत्र से चक्का जाम की खबर भी सामने आते रही।
जानकारी के मुताबिक, ड्राइवर एक से तीन जनवरी तक हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान बस और टैंकर के पहिए थामे रहेंगे। वहीं, पेट्रोल पंप पर टैंकर्स न पहुंच पाने के चलते समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, पेट्रोल-डीजल खत्म होने की खबर जैसे ही लोगों तक पहुंच रही है, वैसे ही लोग बड़ी संख्या में अपने-अपने वाहन लेकर पेट्रोल पंप पहुंच गए हैं। जहां लोग अपने वाहनों में पेट्रोल डलवाने के लिए कड़ी मशक्कत करते नजर आ रहे हैं। इस बीच पेट्रोल पंप पर लंबी-लंबी कतार देखी जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि सोमवार शाम तक सभी पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल समाप्त हो जाएगा।
पेट्रोल पंप पर लग रही भीड़ को लेकर उज्जैन पेट्रोल-डीजल एसोसिएशन अध्यक्ष का बयान
देश में लागू हिट एंड रन कानून में किए गए बदलाव का मध्यप्रदेश में जमकर विरोध हो रहा है। इस कानून के विरोध में पूरे मध्यप्रदेश में बस-ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं। स्थितियां यह हैं कि पूरे मध्यप्रदेश के साथी उज्जैन के पेट्रोल पंपों पर भी पेट्रोल-डीजल भरवाने वालों की लंबी-लंबी कतारे लगी हुई हैं। यहां खड़े लोग आधे से पौने घंटे तक अपनी बारी आने का इंतजार करने के बाद पेट्रोल भरवा रहे हैं।
पेट्रोल पंपों पर लगी इस लंबी कतार को लेकर उज्जैन पेट्रोल-डीजल एसोसिएशन अध्यक्ष रवि लोहिया ने अमर उजाला को बताया कि ट्रांसपोर्ट की हड़ताल के कारण पब्लिक में थोड़ा पैनिकनेस है। कोई भी परेशान न हो, प्रशासन व हम कोशिश कर रहे हैं। आज रात को भी तीन से चार गाड़ियां पेट्रोल की आने वाली हैं। साथ ही अन्य गाड़ियां भी आती रहेंगी। लेकिन इतना जरूर है कि जिसको जितनी जरूरत है, वह उतना ही पेट्रोल-डीजल खरीदे इसका स्टॉक न करें।
उन्होंने बताया कि स्टॉक कम जरूर है। लेकिन फिर भी घबराने की जरूरत नहीं है। प्रशासन से लगातार हमारी मीटिंग जारी है। हम लोगों को परेशान नहीं होने देंगे। वहीं, वसावडा पेट्रोल पंप के प्रोपराइटर मुकेश पसवाड़ा ने बताया कि हिट एंड रन कानून को लेकर जो संशोधन किया गया है, उसी के बाद तरह-तरह की अफवाहें उड़ाई गई और स्थितियां यह है कि पेट्रोल पंप के बाहर सुबह से ही गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारे लग गई हैं।
भोपाल जिले में पेट्रोल एवं डीजल की पर्याप्त आपूर्ति है। सभी जिले वासियों से अनुरोध है कि अफवाहों पर ध्यान न दें एवं अनावश्यक परेशान न हों। जिले में पेट्रोल एवं डीजल की प्रयाप्त आपूर्ति है एवं यह सुचारू रूप से जारी रहेगी।
कलेक्टर जिला भोपाल
सरकार नया हिट एंड रन कानून वापस ले : मप्र ड्राइवर महासंघ
भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन की नई पालिसी के विरोध में मप्र ड्राइवर महासंघ ने सोमवार को 12 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। इस अवसर पर संघ अध्यक्ष राजकुमार रैदास ने कहा कि हादसे घटित होने पर चालकों के विरूद्ध 10 साल की सजा और मोटी रकम की वसूली काले कानून जैसा है। हम इसका विरोध करते हैं, जब तक ऐसा काला कानून वापस नहीं लिया जाता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
ज्ञापन में हिट एंड रन कानून को वापस लेने के साथ 55 वर्ष की आयु के बाद पेंशन योजना, हादसों में मृत होने पर 20 लाख, दिव्यांग होने पर 10 लाख और इलाज के लिए पांच लाख आर्थिक मदद की जाए। इसके अलावा आवास के लिए पांच लाख की मदद, बच्चों को उच्च शिक्षा दी जाए, जैसी मांगे भी महासंघ ने प्रशासन से की है। कुल मिलाकर ज्ञापन में ड्राइवर महासंघ ने प्रशासन से 12 सूत्रीय मांग की है।
देखना होगा प्रशासन इन मांगों में से किन मांगों में सहमति जताती है। फिलहाल, ये हड़ताल अगर लंबी हुई तो गरीबों का खाद्यान्न, स्वास्थ्य सुविधाएं, बच्चों की शिक्षा, कारोबार, डीजल-पेट्रोल समेत सभी बुनियादी जरुरतें प्रभावित होने की संभावना है। उम्मीद जताई जा रही है कि हिट एंड रन कानून समेत ड्राइवर महासंघ द्वारा 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार जल्द कुछ फैसला लेगी, जिससे प्रदेशव्यापी हो रही हड़ताल बंद हो और सभी वाहन चालक पुनः काम पर लौटे।
ड्राइवर संघ ने सरकार द्वारा लाए गए ड्राइवरों के लिए नए कानून, जिसमें एक्सीडेंट होने पर चालकों को 10 वर्ष का कारावास और सात लाख रुपये का जुर्माना का प्रावधान रखा गया है। इस नए कानून का विरोध आज सड़कों पर देखने को मिला। वहींं, ड्राइवर संघ का कहना है कि जब तक सरकार इस कानून को वापस नहीं लेगी तो तीन दिन तक ड्राइवर संघ शांति पूर्ण तरीके से इसका विरोध करता करेगा। अगर आगे सरकार हमारी जायज मांगों को नहीं मानेगी तो तीन दिन बाद चालक और परिचालक संघ उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होगा।
शहडोल में विरोध
केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए नए कानून का चालक वर्ग विरोध कर रहा है, जिसको लेकर अब जिले में पेट्रोल एवं डीजल पर भी एक बड़ी दिक्कत सामने आ गई। शहडोल जिले में कुल 40 पेट्रोल पंप हैं, जिसमें से सोमवार दोपहर पांच बंद हो गए हैं और 35 पेट्रोल टंकियां के पास आज तक का ही स्टॉक बचा हुआ है। पेट्रोल पंप संगठन के जिला अध्यक्ष माहिप सिंह का कहना है कि अगर टैंकर नहीं पहुंचते तो कल से जिले में पेट्रोल और डीजल लोगों को नहीं मिल पाएगा।
पेट्रोल पंपों में लोगों की लंबी कतारें दिखाई दे रही हैं, जिन स्थानों पर पेट्रोल मिल रहे हैं, उन टंकियां पर भारी भरकम भीड़ है। लोग लंबी कतार लगाकर अपने नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं और अपने वाहनों में फुल टैंक पेट्रोल व डीजल डलवा रहे हैं।
मध्यप्रदेश पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि हमारे पेट्रोल-डीजल से भरे टैंकर बकानिया डिपो पर खड़े हुए हैं। बकानिया के रिलायंस और भारत पेट्रोलियम के दो डिपो से ही पूरे भोपाल में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई होती है। ट्रांसपोर्टर की हड़ताल के कारण टैंकर डिपो से पेट्रोल पंप तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में कई पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल खत्म होने की स्थिति में हैं। प्रशासन की तरफ से हमें कोई सुरक्षा नहीं मिल पा रही है, यह स्थिति पूरे मध्यप्रदेश में बनी हुई है।
परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मेरा जनप्रतिनिधि और नागरिक होने के नाते हड़ताल करने वाले साथियों से अनुरोध है कि यह अंतिम विकल्प नहीं है। चक्का जाम होने जैसी स्थिति नहीं आनी थी। इससे पूरा जनजीवन प्रभावित होता है। कानून बनने से यह नहीं माना जाना चाहिए कि आप दोषी हैं। कोई चीज यदि पब्लिक डोमेन में आई है तो इसका यह मतलब नहीं है कि आपको दंड देने के लिए बनाया गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दंड संहिता को अलग करके न्याय संहिता को लाया गया है। जब न्याय संहिता है तो निश्चित रूप से सभी व्यक्ति को न्याय मिलेगा। किसी भी व्यक्ति को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। फिर भी यदि उनके मन में कोई चिंता है तो उसका बातचीत से हल निकल सकता है। हमारे सिस्टम में हमेशा बातचीत को प्राथमिकता दी गई है।
इंदौर में पेट्रोल पंप बंद
मध्यप्रदेश में बस ऑपरेटर और ट्रक चालकों की हड़ताल का सीधा असर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, नीमच, गुना, झाबुआ, धार, शिवपुरी, शहडोल और मंडला जिले में देखा जा रहा है। इस दौरान पुलिस प्रशासन के अधिकारी अलग-अलग स्थान पर पहुंचकर बस ऑपरेटर और ट्रक संचालकों को समझाइए देते नजर आ रहे हैं। अलग-अलग स्थान पर हुए चक्का जाम के चलते ट्रैफिक व्यवस्था भी बाधित हुई, जहां अधिकारियों की समझाइश के बाद ट्रक और बस ड्राइवर ने चक्का जाम खोल दिया। बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि आखिर कब तक देश में बस ऑपरेटर और ट्रक चालकों की हड़ताल जारी रहती है।