भाजपा और आरएसएस ने राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने इसकी जानकारी दी है। बयान में कहा गया, ‘स्पष्ट है कि एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है। 2019 के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए और लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी भाजपा और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।’
पार्टी की ओर जारी बयान में कहा गया कि पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन स्वरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला। इसमें आगे कहा गया कि भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है।
बयान में कहा गया, ‘स्पष्ट है कि एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है। 2019 के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए और लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी भाजपा और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।’
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा
दरअसल, 22 जनवरी की दोपहर नवनिर्मित मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस दिन देशभर से अध्यात्म, सिनेमा, खेल, विज्ञान और सियासत से जुड़ी लोग कार्यक्रम में सम्मलित होंगे। इससे पहले पवित्र नगरी को भव्य और दिव्य बनाया जा रहा है। मंदिर तक जाने वाले सड़क और यहां पड़ने वाले चौराहों को बेहद आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है। आम जनता के लिए भगवान के दरबार 23 जनवरी से खुलेंगे।