बिहार में कल सुबह 11 बजे तक सत्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ रही लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल अब भी प्रभावी है। अगले 14 दिनों तक नई बनी सरकार का राजद से पिंड नहीं छूटेगा। मौजूदा विपक्ष के 114 के मुकाबले सत्ता पक्ष के पास 128 विधायक हैं, इसलिए बहुमत साबित करने की चुनौती नहीं मिली वरना यह 14 दिन और ज्यादा परेशानी भरे होते। इसी तकनीकी परेशानी को देखते हुए रविवार को नई सरकार गठन के तत्काल बाद कैबिनेट की बैठक नहीं कर आज इत्मीनान से इसकी तैयारी की गई है। इस बैठक में 14 दिनों तक राजद से पिंड छुड़ाए रखने की नीति पर मुहर लगेगी।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल सुबह तक महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री थे और इस समय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के सीएम हैं। लेकिन, राजद से अभी सरकार का पिंड नहीं छूटा है। उस हिसाब से अभी बहुत कुछ होना है।
सारी कवायद अवध बिहारी चौधरी के नाम
राजद की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव या पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव परेशानी का सबब नहीं हैं। संकट विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी हैं। वह राजद से हैं और महागठबंधन सरकार में विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी संभालते ही उन्होंने दूसरे तरह से सदन चलाने की परंपरा स्थापित की। देखा गया कि वह तत्कालीन सरकार के हिसाब से प्रस्तावों को झटके से निकाल देते थे। सरकार बदल गई, लेकिन मुखिया नीतीश कुमार ही हैं। सीएम और जनता दल यूनाईटेड के मंत्रियों से ज्यादा भारतीय जनता पार्टी को इसका अनुमान है कि चौधरी के विधानसभा अध्यक्ष रहते क्या परेशानी होगी, इसलिए रविवार को सरकार गठन के कुछ ही देर बाद भाजपा के नंद किशोर यादव की ओर से अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा सचिव को भेज दिया गया। चूंकि नियमानुसार अविश्वास प्रस्ताव 14 दिन पहले लाना होता है, इसलिए इतने दिनों तक चौधरी अगर चाहें तो अपनी कुर्सी पर कायम रह सकते हैं।
कैबिनेट पर दिखेगा इसका असर
राज्य की नई सरकार सोमवार को कैबिनेट बैठक कर रही है। इस बैठक में इन 14 दिनों का प्रभाव साफ दिखेगा। सरकार अवध बिहारी चौधरी के कुर्सी पर रहते हुए विधानसभा में बजट सत्र नहीं चाहती है। बिहार विधानमंडल का बजट सत्र पांच फरवरी से शुरू होने वाला था, लेकिन अब कैबिनेट इसे सोमवार 12 फरवरी से रखेगी। कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर 12-13 फरवरी से बजट सत्र रखने के निर्णय पर मुहर लगेगी। इसके अलावा नई कैबिनेट में क्या फैसले होते हैं, यह देखने वाला होगा।