प्रशासनिक अपील के बावजूद लोगों का भागीदारी न होना बेहद निराशाजनक : अजय खरे
रीवा 30 जनवरी । समाजवादी कार्यकर्ता समूह , समता संपर्क अभियान , नारी चेतना मंच एवं विंध्याचल जन आंदोलन के संयुक्त तत्वावधान में शहीद दिवस मंगलवार 30 जनवरी को शहर के ऐतिहासिक जय स्तंभ पर वरिष्ठ समाजसेवी श्रवण प्रसाद नामदेव की अध्यक्षता में देश के स्वतंत्रता आंदोलन के बलिदानियों का पावन स्मरण करते हुए प्रातः काल 11 बजे श्रद्धांजलि स्वरुप 2 मिनट का मौन रखा गया । प्रातः काल 10 बजे हुए शुरू हुए कार्यक्रम में सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र एवं जय स्तंभ को नमन करते हुए देश की आजादी के आंदोलन के ज्ञात अज्ञात अमर शहीदों की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर वक्ताओं ने आजादी के दीर्घकालीन आंदोलन के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई। आजादी आंदोलन में नरम दल गरम दल के अलावा क्रांतिकारियों का योगदान किसी से छिपा नहीं है। राष्ट्रीय आंदोलन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने अनुभवों के आधार पर आजादी आंदोलन को ऐतिहासिक जन आंदोलन का रूप दिया।
8 अगस्त सन 1942 को करो या मरो और अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा देने के साथ ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ अहिंसात्मक सत्याग्रह के जरिए देशभर में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां दी गई। आखिरकार 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिली लेकिन साम्प्रदायिक शक्तियों के गंदे खेल के चलते देश का विभाजन हो गया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश के बंटवारे के प्रबल विरोधी थे लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन नहीं रोका जा सका। सांप्रदायिक षड्यंत्रकारियों ने 78 वर्षीय गांधी जी की हत्या कर दी।
देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गांधी जी की हत्या ऐसे लोगों ने की जिन्होंने देश की आजादी के लिए कभी कोई आवाज नहीं उठाई बल्कि अंग्रेजों की मुखबिरी करते रहे। भारत विभाजन और गांधी जी की हत्या तत्कालीन सरकार के सामने बहुत बड़ी चुनौती रही। इधर 75 साल बाद देखने को मिल रहा है कि एक बार फिर देश में नफरत का माहौल निर्मित किया जा रहा है। इसका मुकाबला करने के लिए देशवासियों की ओर से सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करना बेहद जरूरी है। समता संपर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक अजय खरे ने इस बात पर गहरा दुख एवं आक्रोश व्यक्त किया कि देश को आजादी दिलाने वाले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग अपने स्थान से ही 2 मिनट मौन का समय नहीं निकाल पा रहे हैं।
इस तरह की भागीदारी नगण्य रही। शासन प्रशासन के द्वारा जारी की गई अपील के बावजूद 2 मिनट मौन के निर्धारित समय पर शहर में सन्नाटा होने की जगह हलचल रही। जबकि दूसरे मौके पर ताली थाली बजाने के लिए लोगों के पास घंटों समय रहता है। यह बात किसी भी दृष्टि से उचित प्रतीत नहीं होती है। देश की एकता और अखंडता के लिए मर मिटने वालों को याद करते हुए उनके सम्मान में 2 मिनट का मौन रखा जाना सभी का दायित्व है। लेकिन पता नहीं क्यों लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ पा रहे हैं। यह बात बेहद चिंताजनक है।
संपन्न कार्यक्रम में समता संपर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे , लोकतंत्र सेनानी रामेश्वर सोनी, समाजवादी जन मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष लोकतंत्र सेनानी माहेश्वरी त्रिपाठी , लोकतंत्र सेनानी रामायण पटेल, कामरेड अरविंद त्रिपाठी, वीरेंद्र सिंह मढ़ा, मनसंतोष क्रांतिवेश छिबौरा, डॉ रवि शंकर चतुर्वेदी ,गफूर खान, नारी चेतना मंच की वरिष्ठ नेत्री नजमुन्निशा, तहरूननिशा, नेहा त्रिपाठी, दीपक गुप्ता एडवोकेट, युवा नेता परिवर्तन पटेल , अशोक त्रिपाठी, अजायब लाल वर्मा, टिंकू वर्मा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।