प्रखर अरोड़ा
आज के समय में बढ़ते टेक्नोलॉजी के साथ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का प्रयोग भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है। लगभग सभी ऑफिसेज में वर्कर्स का काम लैपटॉप पर ही होता है।
यदि देखा जाए तो आज के समय में लोग हर रोज 10 से 12 घंटे के एवरेज से लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं। लैपटॉप के अधिक इस्तेमाल से बॉडी पर कई सारे साइड इफेक्ट्स नजर आ सकते हैं।
परंतु सायद ही आपमें से कोई ऐसा हो जिन्हें मालूम हो की लैपटॉप आपके स्किन को भी प्रभावित कर सकता है। आम भाषा में इस परेशानी को लैपटॉप रैश (Laptop rash) के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में आपको त्वचा संबंधी कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
*क्यों होते हैं लैपटॉप रैशेज?*
लैपटॉप का हीट एक्स्पोज़र इतना अधिक नहीं होता कि वे डायरेक्ट बर्न का कारण बन सकें। पर इनकी वजह से माइल्ड और ट्रांसिएंट रेड रैशेज हो जाते हैं।
यदि ये स्किन पर फिशिंग नेट जैसा स्ट्रक्चर फॉर्म कर रहे हैं, तो इसे टोस्टेड स्किन सिंड्रोम भी कहते हैं.
लंबे समय तक और बार-बार हीट एक्सपोज करने से खासकर लैपटॉप को अपनी थाईज पर रखकर काम करने से स्किन रेडनेस के साथ रैशेज नजर आ सकते हैं।
इससे त्वचा बेहद पतली हो जाती है, जिसकी वजह से स्किन सोर्स आपको परेशान कर सकते हैं। वहीं कुछ मरीजों को इस दौरान खुजली और बर्निंग सेंसेशन की भी शिकायत रहती है।
*लैपटॉप रैशेज के लक्षण :*
~स्किन रैशेज (खासकर जांघो पर)
~इचिंग
~बर्निंग सेंसेशन
~स्किन रेडनेस
~त्वचा पर दाने या स्किन बंप
~स्किन इंफ्लेमेशन
~हाइपरपिगमेंटशन
*कैसे करना है बचाव?*
इस स्थिति को अवॉइड करने का सबसे अच्छा तरीका है, क्रॉनिक हिट सोर्सेस के एक्सपोजर को अवॉइड करना। मिस्से आपकी स्किन की त्वचा पर इसका बेहद कम प्रभाव पड़ता है।
स्किन में बहुत छोटे-छोटे लाल रंग के रैशेज नजर आ सकते है। तो समय के साथ इनके प्रति सावधानियां बरत कर आप इस कंडीशन को बढ़ाने से रोक सकती हैं। यदि समस्या अधिक बढ़ गई है, तो ऐसे में लंबे इलाज की आवश्यकता पड़ सकती है।
इस स्थिति में ट्रीटमेंट के बाद भी आपकी त्वचा लंबे समय तक नॉर्मल स्किन टोन के मुकाबले काफी डार्क नजर आती है।
गंभीर स्थिति में स्किन अपीरियंस को मेंटेन करने के लिए रेटिनोइड्स और लेजर ट्रीटमेंट की मदद लेनी पड़ सकती है। इसलिए लैपटॉप हिट को जितना हो सके उतना अवॉइड करें। खासकर इन्हें अपनी स्किन के डायरेक्टर संपर्क में न रखें ।
बैठकर काम करते हुए अपने लैपटॉप को थाईज पर रखकर काम करने से बचें।। इसके लिए कंफर्टेबल चेयर और टेबल का इस्तेमाल करें, वहीं यदि आप इन्हे थाईज पर रखना चाहती हैं, तो बीच में स्पेस बैरियर क्रिएट करना जरूरी है। जिसके लिए आप तकिया आदि का प्रयोग कर सकती हैं।
टोस्टेड स्किन सिंड्रोम की स्थिति लगातार हिट एक्स्पोज़र की वजह से उत्तपन होती है। हीटिंग पैड, हॉट वॉटर बॉटल और गुनगुने पानी से शॉवर लेना आपको काफी अच्छा लग सकता है, खासकर सर्दियों में लोग इन चीजों को बार-बार दोहराते हैं।
पर आपको अपनी त्वचा के प्रति सचेत रहना चाहिए। क्योंकि इन सभी से आपकी स्किन नियमित रूप से हिट के संपर्क में आती है, जो धीरे-धीरे आपकी स्किन के लिए टोस्टेड स्किन सिंड्रोम का कारण बन सकती है।