इंदौर। इंदौर शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए कलेक्टर ने 40 चौराहा को चिन्हित करवाया है। शहर के बड़े मंदिरो, सार्वजनिक स्थान, मॉल, राजवाड़ा को विशेष तौर पर चिन्हित किया गया है। कल से 7 टीमें सडक़ों पर उतरेंगी। दो चरणों में भिक्षुक मुक्ति के लिए मुहिम चलाई जाएगी। मानसिक बीमार व बुजुर्गों के लिए अलग से कार्य योजना बनाई गई है।
राजवाड़ा, सीतला बाजार, बिजासन माता मंदिर, सराफा बाजार, क्लॉथ मार्केट, व्यस्ततम चौराहे, खजराना मंदिर, रणजीत हनुमान मंदिर, इस्कॉन टैंपल जैसी जगहों पर बढ़ती जा रही भिक्षावृत्ति पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन में वृहद कार्ययोजना तैयार कर ली है। 40 चौराहों को चिन्हित किया गया है। इन चौराहों पर 7 टीमें सुबह-शाम नजर रखेगी। दोनों समय अलग-अलग टीम जाकर न केवल भिक्षुकों को रेस्क्यू करेगी, बल्कि उनके पुनर्वास के लिए भी काम करेंगे। कल बैठक में कलेक्टर ने बनाई गई कार्ययोजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि 15 दिन के अंदर शहर बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त हो जाना चाहिए। पहले चरण में बच्चों पर फोकस किया जाएगा।
दूसरे चरण में मानसिक बीमारों पर रहेगी नजर
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार विभिन्न एनजीओ संस्थाएं और अधिकारियों-कर्मचारियों को मिलाकर टीम गठित की गई है। 15 दिन के पहले चरण के बाद दूसरे चरण में मानसिक बीमार बुजुर्ग और ऐसी गैंग जो जबरन भिक्षावृत्ति करवा रही हैं, उन पर लगाम लगाई जाएगी। इसके लिए वृहद स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। शहर में विक्षिप्त हालत में कई युवा, महिलाएं भी सडक़ों पर घूम रही हैं, वहीं भिक्षावृत्ति में लिप्त बुजुर्ग और दिव्यांग भी बड़ी तादाद में शामिल हैं, जिनका इलाज और फिर पुनर्वास कराया जायगा। बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है, वहीं भिक्षावृत्ति कराने वाले माता-पिताओं के खिलाफ एआईआर कराने के निर्देश दिए गए हैं।